बजट 2019 : खेती-किसानी के लिए हो सकते हैं बड़े ऐलान! एक्सपर्ट ने कहा- आमदनी पर देना होगा ध्यान
दलहन में हमने कामयाबी हासिल की है, अब तिलहन के ऊपर सरकार का फोकस बढ़ने वाला है, ताकि तिलहन के आयात पर हमारी निर्भरता कम हो सके.
सरकार को किसानों की फसल के प्रोक्योरमेंट पर ज्यादा ध्यान देना होगा, ताकि उनकी उपज का अच्छा दाम दिलाया जा सके (फोटो-rajfed)
सरकार को किसानों की फसल के प्रोक्योरमेंट पर ज्यादा ध्यान देना होगा, ताकि उनकी उपज का अच्छा दाम दिलाया जा सके (फोटो-rajfed)
आगामी 5 जुलाई को संसद के पटल पर आम बजट पेश किया जाएगा. इस बजट को लेकर किसानों में बड़ी उम्मीदें हैं. जानकार बताते हैं कि सरकार किसानों के लिए बड़ी योजनाओं का ऐलान कर सकती है. बजट सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि दलहन में हमने कामयाबी हासिल की है, अब तिलहन के ऊपर सरकार का फोकस बढ़ने वाला है, ताकि तिलहन के आयात पर हमारी निर्भरता कम हो सके.
बजट में किसानों के लिए क्या संभावनाएं हैं, इस पर पूर्व कृषि सचिव सिराज हुसैन ने ज़ी बिजनेस से बातचीत के दौरान कहा कि बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में कृषि और ग्रामीण क्षेत्र में 25 लाख करोड़ रुपये निवेश करने की बात कही थी. इस निवेश पर बजट में घोषणा हो सकती है. सिराज हुसैन ने कहा कि वे चाहते हैं कि सरकार इस बजट अपनी योजना के बारे में विस्तार से बताए कि 25 लाख करोड़ निवेश का क्या रोडमैप है.
इसके अलावा किसानों के लिए क्रेडिट पॉलिसी में कुछ नया देखने को मिल सकता है, क्योंकि यह कहा गया है कि क्रॉप लोन पर जो 4 फीसदी की ब्याज दर है, उसको भी घटा कर जीरो प्रतिशत कर दिया जाएगा.
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तिलहन उत्पान पर जोर
पूर्व कृषि सचिव सिराज हुसैन ने कहा कि हम करीब 70 फीसदी खाद्य तेल इंपोर्ट कर रहे हैं. सस्ता पाम ऑयल मलेशिया और इंडोनेशिया से खरीदा जाता है. इस वजह से हमारे किसानों को तिलहनी फसलों का सही दाम नहीं मिल पाता है. खाद्य तेल के आयात से हमारी बड़ी विदेशी मुद्रा भी खर्च हो रही है. पंजाब, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसान पहले गेहूं के साथ सरसों का खूब उत्पादन करते थे, लेकिन अब उन्होंने सरसों की खेती कम कर दी है. इसलिए सरकार को सरसों उत्पादन पर ध्यान देना चाहिए.
वेयरहाउस सिस्टम पर फोकस करना होगा
सिराज हुसैन बताते हैं कि सरकार ने 2007 में वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (WDRA) बनाई थी. 2010 ने इस अथॉरिटी ने काम करना शुरू किया था. लेकिन आज भी सरकार यह हिम्मत नहीं कर पाई कि वेयरहाउस के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य किया जाए. पूरे देश में केवल 1,000 गोदाम ही रजिस्टर्ड हैं. इलेक्ट्रिकल रसीद की सिस्टम बनाया, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है. इस पर ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि इससे किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम दिलवाने में मदद मिलेगी.
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— Zee Business (@ZeeBusiness) 26 जून 2019
कृषि विशेषज्ञ देवेंद्र शर्मा कहते हैं कि कृषि क्षेत्र में बड़े निवेश की जरूरत है. क्योंकि आरबीआई ने कहा है कि 2001 और 2007 के बीच में जीडीपी में कृषि का योगदान आधे प्रतिशत से भी कम रहा है, जबकि देश की 50 फीसदी आबादी कृषि से जुड़ी हुई है.
ईज ऑफ डूइंग फार्मिंग की जरूरत
देवेंद्र शर्मा कहते हैं कि जिस तरह ईज ऑफ डूइंग बिजनेस आया है. इसमें 7000 छोटे-बड़े फैसले लिए गए हैं. इसी तर्ज पर ईज ऑफ डूइंग फार्मिंग की बहुत जरूरत है. आज हर कदम में किसान को परेशानी आ रही है. अगर ईज ऑफ डूइंग फार्मिंग में हम 5000 फैसले भी ले लें तो किसानों की बड़ी समस्या का हल हो सकता है. इसके अलावा पीएम किसान सम्मान योजना में कृषि मजदूरों को भी शामिल किया जाए तथा किसान की आय सुनिश्चित करने के ठोस कदम उठाने चाहिए.
लाइव स्टॉक पर जोर
एक अन्य कृषि मामलों के जानकार विजय सरदाना कहते हैं कि किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिले, इसके लिए बाजार स्तर पर बड़े पैमाने पर काम करने की जरूरत है. पशुपालन का नया मंत्रालय बना है. किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए लाइव स्टॉक का बहुत बड़ा रोल है, इसलिए पशुपालन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.
03:20 PM IST