Makhana Vikas Yojana: मखाने की खेती और स्टोरेज हाउस पर मिलेगी 75% तक सब्सिडी, आवेदन शुरू, जानिए जरूरी बातें
Makhana Vikas Yojana: मखाना की खेती करने पर राज्य सरकार 75% सब्सिडी दे रही है. राज्य के 10 जिलों- कटिहार, पूर्णिया, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा और खगड़िया में इस योजना का लाभ दिया जाएगा.
(Image- Pixabay)
(Image- Pixabay)
Makhana Vikas Yojana: दक्षिण बिहार में बड़े पैमाने पर मखाने (Makhana Cultivation) की खेती की जाती है. मखाने की खेती के विस्तार के लिए बिहार सरकार ने मखाना विकास योजना 2023-24 तैयार की है. इसके तहत मखाना की खेती करने पर राज्य सरकार 75% सब्सिडी दे रही है. राज्य के 10 जिलों- कटिहार, पूर्णिया, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा और खगड़िया में इस योजना का लाभ दिया जाएगा.
बिहार सरकार कृषि विभाग ने ट्वीट में कहा, बिहार का मखाना, पोषक तत्वों का खजाना है. मखाना की खेती करने पर राज्य सरकार 75 फीसदी सब्सिडी दे रही है. मखाना के उत्पादन और उत्पादकता के साथ-साथ किसानों की आय में बढ़ोतरी के उद्देश्य से मखाना विकास योजना (2023-2024) के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू हो गया है.
ये भी पढ़ें- रबी सीजन में करें इस सुपर फूड की खेती, 4 महीने में होगी तगड़ी कमाई
कितनी मिलेगी सब्सिडी
TRENDING NOW
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
आपके EPF में जमा होने वाले पैसों को लेकर बड़े बदलाव की तैयारी... EPFO खत्म कर देगा ये लिमिट! मिलेगा ज्यादा फायदा
Intraday में बनेगा तगड़ा पैसा! पोर्टफोलियो में रख लें ये 5 शेयर, एक्सपर्ट ने बताया टारगेट और स्टॉप लॉस
1. मखाना उन्नत प्रजाति
मखाना की उन्नत प्रजाति (स्वर्ण वैदेही प्रभेद और सबौर मखाना-1) की खेती की जाएगी.
राज्य सरकार ने प्रति हेक्टेयर इकाई लागत 97,000 रुपये तय की है, जिस पर 75% सब्सिडी दी जा रही है. यानी आपको यूनिट लागत का 72,750 रुपये सब्सिडी के रूप में मिलेंगे. लक्षित जिला- पूर्णिया, दरभंगा, मधेपुरा, किशनगंज है.
2. मखाना का नया क्षेत्र विस्तार (खेत प्रणाली)
इसकी लागत 97 हजार रुपये है और इस पर 75 फीसदी सब्सिडी मिलेगी. कटिहार, पूर्णिया, दरभंगा, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, सहरसा और खगड़िया जिलों के किसान इसका लाभ ले सकेंगे.
ये भी पढ़ें- खेती से जुड़ा शुरू करना है बिजनेस तो यहां आएं, ₹2 करोड़ तक मिलेगा मॉर्गेज फ्री लोन, ब्याज 6% से कम, जानिए सबकुछ
3. मखाना भंडार गृह (5 MT)
मखाना विकास योजना के तहत मखाना स्टोरेज हाउस स्थापित करने पर किसानों को 75 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी. यूनिट कॉस्ट 10 लाख रुपये तय की गई है. इस योजना का लाभ कटिहार, पूर्णिया, दरभंगा, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल, अररिया, मधेपुरा और सहरसा के किसान उठा सकते हैं.
4. बीज वितरण कार्यक्रम
योजना के तहत मखाने के बीज का वितरण किया जाएगा. 5400 रुपये प्रति हेक्टेयर बीज कीमत का 75 फीसदी अनुदान मिलेगा. यह योजना कटिहार, पूर्णिया, दरभंगा, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, सहरसा और खगड़िया में लागू होगी.
ये भी पढ़ें- इस फसल की खेती से चमकेगी आदिवासी किसानों की किस्मत, होगा बंपर मुनाफा
यहां करें अप्लाई
आवेदन की प्रक्रिया 20 अक्टूबर से शुरू हो गई है. ऑनलाइन आवेदन करने के लिए विभागीय साइट https://horticulture.bihar.gov.in पर उपलब्ध 'मखाना विकास योजना' के 'आवेदन करें' लिंक पर जाएं और जरूरी डीटेल्स भरकर आवेदन कर सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए संबंधित जिला के सहायक निदेशक उद्यान से संपर्क किया जा सकता है.
मखाना के उत्पादन एवं उत्पादकता के साथ-साथ किसानों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से मखाना विकास योजना (2023-2024) के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रारंभ। विस्तृत जानकारी एवं ऑनलाइन आवेदन करने के लिए विजिट करें- https://t.co/aeiJ1Jra8W@Agribih @KumarSarvjeet6@SAgarwal_IAS@dralokghosh… pic.twitter.com/InATyTwOOE
— IPRD Bihar (@IPRD_Bihar) October 21, 2023
जरूरी बातें
- राज्य में मखाना की उन्नत प्रजाति का बीज उत्पादन, बीज वितरण, नया क्षेत्र विस्तार (खेत प्रणाली), मखाना भंडार गृह (5 MT) और प्रशिक्षण के माध्यम से मखाना के उत्पादन व उत्पादकता के साथ-साथ किसानों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से मखाना विकास योजना का क्रियान्वयन किया जाना है.
- राज्य के 10 जिलों यथा-कटिहार, पूर्णिया, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा एवं खगड़िया में इस योजना का लाभ दिया जाएगा.
- मखाना विकास योजना अन्तर्गत न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.1 हेक्टेयर) और अधिकतम 10 एकड़ (4 हेक्टेयर) का लाभ दिया जाएगा.
- मखाना भंडारण गृह (5 MT) का अनुमोदित Model Estimate औरसंरचना का नक्शा दिये गये लिंक पर उपलब्ध है, जिसे आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है.
- भू-स्वामित्व प्रमाण-पत्र तीन वर्ष पूर्व से अपडेटेड और राजस्व रसीद एक वर्ष पूर्व का/एकरारनामा चालू वित्तीय वर्ष का होना अनिवार्य है. एकरारनामा का प्रारूप दिये गये लिंक पर उपलब्ध है, जिसे आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है.
- चयन हेतु जिला के लक्ष्य अन्तर्गत 16% अनुसूचित जाति और 1% अनुसूचित जनजाति की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी.
- कृषक चयन में प्रत्येक वर्ष 30% महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा.
ये भी पढ़ें- Farmers News: सेहत के लिए वरदान है काला आलू, खेती से कमा सकते हैं तीन से चार गुना ज्यादा मुनाफा
01:01 PM IST