Business Idea: मुनाफे का सौदा बन सकती है इस फूल की खेती, कर सकते हैं तगड़ी कमाई
Nargis flowers Farming: फूल, हमारे जीवन में बढ़ते तनाव को कम करने में सहायक होते हैं. आज के समय में इनकी खेती, मुनाफे का सौदा बनती जा रही है.
नरगिस (Nargis flowers), खुशबूदार और बहुत ही आकर्षक फूल है. (Image- Pixabay)
नरगिस (Nargis flowers), खुशबूदार और बहुत ही आकर्षक फूल है. (Image- Pixabay)
Nargis flowers Farming: फूलों का हमारे जीवन में उतना ही मूल्य है जितना फल और सब्जियों का महत्व है. फूल, हमारे जीवन में बढ़ते तनाव को कम करने में सहायक होते हैं. आज के समय में इनकी खेती, मुनाफे का सौदा बनती जा रही है. नरगिस (Nargis) भी एक फायदेमंद फूल है जिसकी खेती करके किसान ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं.
नरगिस (Nargis flowers), खुशबूदार और बहुत ही आकर्षक फूल है. इसके पौधे पर पट्टी के आकार के पत्ते होते हैं. इसके बीच में बिना पत्तियों की डंडी या स्कैप निकलती है. इस स्कैप के ऊपरी भाग पर प्रजाति के हिसाब से 1 से 8 फूल आते हैं.
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नरगिस फूल की किस्में
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Nargis फूल की कई किस्में हैं, जिनमें सर विंस्टन चर्चिल, तहीती बैरट व्हाइट, आइस फोलिस कैलिफोर्निया सन, ब्राइउल गाउन, डच मास्टर, चीरअरफुलनेस, टेक्सास सेमी डबल शामिल हैं.
नरगिस की कमर्शियल खेती के लिए दोमट या बलुई मिट्टी का उपयोग किया जाता है. इसके लिए पी.एच.मान 6.5-7.5 के बीच और जल निकासी की बेहतर व्यवस्था होनी जरूरी है. इसकी खेती के लिए उचित प्रकाश की जरूरत होती है. फूल उत्पादन की व्यवस्था दिन व रात की अवधि पर निर्भर नहीं करती है. नरगिस की खेती के लिए 11-17 डिग्री सेल्सियस तापमान बेहतर पाया गया है.
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फूलों की चटाई
नरगिस (Nargis) के फूलों को गूस नेक स्टेज यानी हंस की गर्दन के आकार वाली अवस्था पर जमीन से 10-15 सेमी ऊपर से काटा जाता है. फूलों को काटने के बाद पानी से भरी बाल्टी में रखें. नरगिस की गुच्छों वाली किस्मों को 2 खिले फूल वाली अवस्था में काटना चाहिए. कटाई सुबह के समय करनी ही उचित मानी जाती है.
कटे फूलों की शेल्फ लाइफ 7 से 8 दिनों तक होती है. 10-10 फूलों के अलग-अलग गुच्छों को परफोरटेड पॉलीथीन में लपेटकर सीधा रखकर बेचना चाहिए. इन फूलों की अच्छी शेल्फ लाइफ के लिए बाजार में भेजने से पहले 25 पीपीएम सिल्वर नाइट्रेड और 6-10% शर्करा के घोल में 2-4 घंटे तक जरूर रखें.
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बुआई का समय
नरगिस की बुआई सितंबर-अक्टूबर माह के बीच में पूरी तरह से विकसित कंदों द्वारा की जाती है. कंदों की बुआई से पहले इतना ध्यान रखना चाहिए कि प्रति कंद भार 25 ग्राम से ज्यादा हो. कंदों की बुआई के तुरंत बाद ज्यादा सिंचाई नहीं करनी चाहिए. 10 किग्रा गली-सड़ी गोबर खाद प्रति वर्ग मीटर के साथ नाइट्रोज, फॉस्फोरस और पोटाश क्रमश: 250, 625 और 625 किग्रा प्रति हेक्टेयर की दर से देनी चाहिए.
पौधों पर कटाई के बाद पत्तियां जैसे ही मुरझाने या सूखने लग जाएं तो कंदों को जमीन से उखाड़ लेना चाहिए. इन कंदों को उखाड़ने के बाद पानी से धोएं और कंदों का स्टोरेज कार्बेनडादिम और डाईथेन के घोल में 30-60 मिनट तक उपचार करें.
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फूलों की उपज और कमाई
औसतन चार लाख कटे फूल और 8 लाख कंद प्रति हेक्टेयर की उपज आसानी से पायीजा सकती है. नरगिस फूल (Nargis Flower) की खेती से किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं.
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