बिक रही है Bisleri, देश की इस बड़ी कंपनी को खरीद सकता है Tata Consumer; जानें क्यों आई बिक्री की नौबत
Tata-Bisleri Deal: पीने के पानी के बाजार में बिसलेरी सबसे बड़ा नाम है, लेकिन अब यह कंपनी बिक सकती है. यह बड़ी कंज्यूमर कंपनी टाटा ग्रुप की टाटा कंज्यूमर कंपनी के साथ बड़ी डील को लेकर बातचीत कर रही है.
Tata-Bisleri Deal: देश में बॉटल वाले पानी का मतलब है- Bisleri. पीने के पानी के बाजार में बिसलेरी सबसे बड़ा नाम है, लेकिन अब यह कंपनी बिक सकती है. यह बड़ी कंज्यूमर कंपनी टाटा ग्रुप की टाटा कंज्यूमर कंपनी के साथ बड़ी डील को लेकर बातचीत कर रही है. जानकारी है कि बिसलेरी पूरे अधिग्रहण के लिए टाटा कंज्यूमर के साथ 6 से 7 हजार करोड़ के लिए डील डन कर सकती है. यह ध्यान देने वाली बात है कि पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर के बाजार में बिसलेरी के पास 32% मार्केट शेयर है, जो काफी बड़ा है. लेकिन बिसलेरी के नाम से ही न जाने कितने छोटे प्लेयर अपना गेम खेलते हैं, इसके पीछे इसके ब्रांड की अहमियत समझ आती है.
कई कंपनियों की ओर से दिखाई गई है दिलचस्पी
बिसलेरी की ओर से मिली जानकारी के अनुसार कंपनी को खरीदने की बातचीत आखिरी स्टेज में है. रिलायंस रिटेल, नेस्ले और डैनॉन जैसी कंपनियों ने भी गहरी दिलचस्पी दिखाई है, लेकिन बिसलेरी ने टाटा को चुना है. बिसलेरी ने डील होने को लेकर हां नहीं कहा है, लेकिन यह बयान दिया है कि उसे टाटा पसंद है और बातचीत आखिरी चरण में चल रही है. ये डील 6 से 7,000 करोड़ की हो सकती है. डील के बाद बिसलेरी के मैनेजमेंट में भी कोई चेंज नहीं होगा. बोर्ड मैनेजमेंट दो साल तक जस का तस रहेगा.
बिसलेरी को टाटा ही क्यों है पसंद?
बिसलेरी ने टाटा ही क्यों चुना है, इसे लेकर कंपनी की ओर से जानकारी मिली है कि उसे टाटा का कल्चर पसंद है और उसे लगता है कि बिसलेरी का जो ब्रांड है, जो पहचान है वो टाटा अच्छे से लेकर आगे जा सकती है. कंपनी ने एन चंद्रशेखर से बात की, वो उनको पंसद आए, उन्हें लगता है कि टाटा ग्रुप बिसलेरी का और बेहतर तरीके से खयाल रखेगा, इसलिए कई कंपनियों की रुचि के बावजूद टाटा उनकी पसंद बना है.
🚰पीने के पानी का बड़ा बाजार...
— Zee Business (@ZeeBusiness) November 24, 2022
आखिर क्यों बिक रही है बिसलेरी?🛒
बिसलेरी को टाटा ही क्यों पसंद?
💫टाटा कंज्यूमर की होगी बिसलेरी?
बिसलेरी चेयरमैन ने क्या कहा?
जानिए पूरी डीटेल्स नूपुर से...#Bisleri #drinkingwater #TataConsumer @Nupurkunia @AnilSinghvi_ pic.twitter.com/ZT2BBwb6Cb
क्यों बिक रही है बिसलेरी?
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बिसलेरी के बिकने का मुख्य कारण उत्तराधिकारी का न होना है. दरअसल, जो कंपनी के प्रमोटर हैं- रमेश चौहान. उनका कहना है कि अब उनकी उम्र हो गई है. वो 82 साल के हैं, कुछ स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं और उनका कोई उत्तराधिकारी भी नहीं है. उनकी बेटी जयंती इस कंपनी को आगे ले जाने में उतनी दिलचस्पी नहीं रखती हैं, जिसकी वजह से कंपनी ने बिक्री का विकल्प चुना है.
Tata Consumer Share Price
यह खबर आने के बाद टाटा कंज्यूमर के शेयरों में 3% तक की तेजी आ गई. दोपहर 12:06 बजे कंपनी का स्टॉक प्राइस 14.35 अंकों या 1.86% की तेजी के साथ 784.50 रुपये प्रति शेयर पर चल रहा था. टाटा कंज्यूमर प्रॉडक्ट क्वालिटी शेयर है. ग्लोबल ब्रोकरेज मॉर्गन स्टैनली ने टाटा कंज्यूमर पर 'ओवरवेट' की रेटिंग बनाए रखी है. साथ ही टारगेट भी बढ़ाकर 888 रुपये से 904 रुपये कर दिया है. बीते 4 साल में टाटा कंज्यूमर का रिटर्न देखें, तो शेयर में 250 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न रहा है.
Bisleri की हिस्ट्री, कैसे बना इतना बड़ा ब्रांड
बिसलेरी 30 साल पुरानी कंपनी है. 1969 में रमेश चौहान ने इटली की कंपनी बिसलेरी लिमिटेड को खरीदा था. उस वक्त यह कंपनी संपन्न वर्ग के लिए कांच की बोतल में मिनरल वॉटर बेचती थी. कंपनी को खरीदने के पीछे सोडा ब्रांड में बदलना था. रमेश चौहान ने तीन दशक पहले अपने सॉफ्ट ड्रिंक कारोबार को अमेरिकी पेय पदार्थ कंपनी कोका-कोला को बेच दिया था. उन्होंने थम्स अप, गोल्ड स्पॉट, सिट्रा, माजा और लिम्का जैसे ब्रांड 1993 में कंपनी को बेच दिए थे. लेकिन कोका-कोला को सॉफ्ट ड्रिंक के ब्रांड बेचने के बाद उन्होंने बस पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर पर फोकस किया और इसे शुद्ध जल का पर्याय बना दिया. चौहान 2016 में फिर से सॉफ्ट ड्रिंक के कारोबार में उतरे लेकिन उनके उत्पाद ‘बिसलेरी पॉप’ को उतनी सफलता नहीं मिली.
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12:35 PM IST