नेस्ले ने मार्केट से वापस मंगाए Kitkat के ये पैकेट, जानिए आखिर क्या है वजह
Nestle India: सोशल मीडिया पर आलोचना होने के बाद नेस्ले इंडिया ने बताया कि उसने पिछले साल वह सभी किटकैट के पैकेट वापस मंगा लिया है, जिसपर भगवान जगन्नाथ की तस्वीरें थीं.
सोशल मीडिया पर फूटा था लोगों का गुस्सा. (Source: Twitter)
सोशल मीडिया पर फूटा था लोगों का गुस्सा. (Source: Twitter)
Nestle India: सोशल मीडिया पर लोगों की आलोचना का सामना कर रही नेस्ले इंडिया ने कहा कि उसने अपने चॉकलेट ब्रांड किटकैट (Kitkat) के उन पैकेट को मार्केट से वापस मंगा लिया है, जिनके रैपर पर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और माता सुभद्रा की तस्वीरें थीं. नेस्ले ने इस घटना पर खेद व्यक्त किया है.
लोगों ने लगाया धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप
मल्टीनेशनल स्विस कंपनी की इंडियन सहायक कंपनी नेस्ले इंडिया को सोशल मीडिया पर कन्ज्यूमर्स के गुस्से का शिकार होना पड़ा था. लोगों ने कंपनी पर किटकैट के रैपर पर भगवान की पवित्र छवियों का उपयोग कर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया है.
नेस्ले इंडिया ने इस मामले पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि उसने पिछले साल ही उन सभी पैक को मार्केट से वापस ले लिया है.
TRENDING NOW
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
नेस्ले ने वापस मंगाए सारे पैकेट
Nestle India के प्रवक्ता ने कहा कि हम इस मामले की संवेदनशीलता को समझते हैं. अगर अनजाने में किसी की भी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है, तो हमें खेद है. हमने पिछले साल मार्केट से इन पैक्स को वापस ले लिया था.
पट्टचित्र को करना चाहते थे प्रोत्साहित
Nestle India ने कहा कि इन स्पेशल ट्रैवल पैक्स के जरिए कंपनी का उद्देश्य देश के खूबसूरत जगहों को प्रमोट करना था. मैगी, नेस्कैफे, मिल्कमेड, मंच और मिल्कीबार जैसे ब्रांडों की मालिक नेस्ले ने कहा कि वह ओडिशा की संस्कृति को 'पट्टचित्र' को सम्मानित करना चाहती थी. हम ओडिशा की इस संस्कृति का जश्न मनाना चाहते थे.
हम पट्टचित्र कला और इससे जुड़े लोगों को प्रोत्साहित करना चाहते थे. हमारे पहले के कैंपेन में भी यह दिखा है कि लोग इस तरह के सुंदर डिजाइनों को इकट्ठा करना पसंद करते हैं.
पट्टचित्र में कपड़े पर स्क्रॉल पेंटिंग की जाती है, जो ओडिशा की एक प्राचीन कलाकृति है. यह कला अपने जटिल विवरणों और पौराणिक कथाओं और लोक कथाओं के लिए जानी जाती है. इसे मूल रूप से पुरी के तीर्थयात्रियों के अनुष्ठान के उपयोग के लिए बनाया गया था, जिसका उपयोग ओडिशा के अन्य मंदिरों के लिए भी किया जाता है.
पहले भी रहा है विवादों से नाता
इसके पहले भी नेस्ले अपने ऐसे कैंपेन के चलते विवादों में पड़ गया था. पिछले साल अप्रैल में Nestle India ने मणिपुर के केबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान (Keibul Lamjao National Park) को गलत तरीके से मेघालय में दिखाया था. इसे लेकर राज्य सरकारों की आपत्ति के बाद उसे माफी मांगनी पड़ी थी. इसके साथ ही उसने किटकैट ट्रैवल ब्रेक चॉकलेट के विशेष बैच की पैकेजिंग में एक लाल पांडा की तस्वीर भी प्रदर्शित की गई थी, जो कि केबुल लामजाओ नेशनल पार्क में नहीं पाई जाती है.
02:25 PM IST