10 साल के निचले लेवल पर जा सकती है गैस की कीमत, यहां जानें ताजा रेट
1 अक्टूबर से गैस कीमतों में करेक्शन होना है. गैस एक्सपोर्टर देशों की बेंचमार्क दरों में बदलाव के हिसाब से गैस का दाम घटकर 1.90 से 1.94 डॉलर प्रति मेट्रिक मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (MMBTU) रह जाएगा.
नेचुरल गैस का इस्तेमाल फर्टिलाइजर और बिजली उत्पादन में होता है. इसे CNG में बदला जाता है. (रॉयटर्स)
नेचुरल गैस का इस्तेमाल फर्टिलाइजर और बिजली उत्पादन में होता है. इसे CNG में बदला जाता है. (रॉयटर्स)
देश में नेचुरल गैस (Natural Gas) के दाम अक्टूबर से घटकर 1.9 से 1.94 डॉलर प्रति यूनिट पर आ सकते हैं. यह देश में पिछले एक दशक से ज्यादा समय में नेचुरल गैस कीमतों का सबसे निचला लेवल होगा. इससे ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) जैसी गैस प्रॉडक्शन कंपनियों पर इसका असर देखने को मिल सकता है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, इन कंपनियों को पहले से ही गैस प्रॉडक्शन पर भारी नुकसान हो रहा है.
मामले से जुड़े सूत्रों ने कहा कि 1 अक्टूबर से गैस कीमतों में करेक्शन होना है. गैस एक्सपोर्टर देशों की बेंचमार्क दरों में बदलाव के हिसाब से गैस का दाम घटकर 1.90 से 1.94 डॉलर प्रति मेट्रिक मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (MMBTU) रह जाएगा. एक साल में यह गैस कीमतों में लगातार तीसरी कटौती होगी. इससे पहले अप्रैल में गैस कीमतों में 26 प्रतिशत की बड़ी कटौती हुई थी, जिससे इसके दाम घटकर 2.39 डॉलर प्रति यूनिट रह गए थे.
नेचुरल गैस का इस्तेमाल फर्टिलाइजर और बिजली उत्पादन में होता है. इसके अलावा इसे CNG में बदला जाता है, जिसका इस्तेमाल गाड़ियों में होता है. साथ ही रसोई गैस के रूप में भी इसे इस्तेमाल में लाया जाता है. गैस के दाम हर छह महीने में, 1 अप्रैल और 1 अक्टूबर को तय किए जाते हैं.
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सूत्रों का कहना है कि गैस कीमतों में कटौती का मतलब है कि देश की सबसे बड़ी तेल एवं गैस उत्पादक ओएनजीसी का घाटा और बढ़ जाएगा. ओएनजीसी को 2017-18 में गैस कारोबार में 4,272 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. सूत्रों ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में इसके बढ़कर 6,000 करोड़ रुपये पर पहुंचने का अनुमान है.
ओएनजीसी को प्रतिदिन 6.5 करोड़ घनमीटर गैस के उत्पादन पर नुकसान हो रहा है. सरकार ने नवंबर, 2014 में नया गैस प्राइस फॉर्मूला पेश किया था. यह अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे देशों के मूल्य केंद्रों पर आधारित है. मौजूदा समय में 2.39 डॉलर प्रति यूनिट गैस का दाम पिछले एक दशक (10 साल) से ज्यादा समय में सबसे कम है.
सूत्रों ने बताया कि ओएनजीसी ने हाल में सरकार को लिखे लेटर में कहा है कि नई खोजों से गैस उत्पादन में 5-9 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू का दाम होने पर ही वह फायदे की स्थिति में रह सकती है.
मई, 2010 में सरकार ने बिजली और फर्टिलाइजर कंपनियों को बेची जाने वाली गैस का दाम 1.79 डॉलर प्रति यूनिट से बढ़ाकर 4.20 डॉलर प्रति यूनिट किया था. ओएनजीसी और ऑयल इंडिया को उन्हें नामांकन के आधार पर दिए गए क्षेत्रों से गैस उत्पादन के लिए 3.818 डॉलर प्रति यूनिट का दाम मिलता था. इसमें 10 प्रतिशत रॉयल्टी जोड़ने के बाद कस्टमर्स के लिए इसकी लागत 4.20 डॉलर बैठती थी.
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इस फॉर्मूला के जरिये पहले करेक्शन के समय गैस के दाम 5.05 डॉलर प्रति यूनिट रहे, लेकिन इसके बाद छमाही करेक्शन में गैस के दाम नीचे आते रहे. अप्रैल, 2017 से सितंबर, 2017 के दौरान गैस के दाम 2.48 डॉलर प्रति यूनिट पर आ गया. अप्रैल, 2019 से सितंबर, 2019 के बीच यह बढ़कर 3.69 डॉलर पर पहुंच गया. उसके बाद अक्टूबर, 2019 में 3.23 डॉलर प्रति यूनिट पर आ गए.
02:33 PM IST