अमेरिका-चीन की लड़ाई का मोदी सरकार ने उठाया फायदा, दोनों देशों को बढ़ा निर्यात
जहां एक ओर अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड-वार को लेकर दुनिया भर में मंदी की आशंका जताई जा रही है, वहीं भारत में मोदी सरकार ने इस मौके का बखूबी फायदा उठाया है.
भारत से चीन को होने वाला निर्यात करीब 25 प्रतिशत बढ़ा है (फाइल फोटो)
भारत से चीन को होने वाला निर्यात करीब 25 प्रतिशत बढ़ा है (फाइल फोटो)
जहां एक ओर अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड-वार को लेकर दुनिया भर में मंदी की आशंका जताई जा रही है, वहीं भारत में मोदी सरकार ने इस मौके का बखूबी फायदा उठाया है. अमेरिका और चीन जब एक दूसरे पर व्यापारिक प्रतिबंध लगा रहे थे, ठीक उसी समय भारत ने दोनों देशों को निर्यात बढ़ाने में जोरदार कामयाबी हासिल की. इस दौरान चीन को किए जाने वाले निर्यात में करीब 25 प्रतिशत और अमेरिका को किए जाने वाले निर्यात में करीब 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
आंकड़े इस बात को साबित कर रहे हैं कि अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार से भारत को फायदा हो रहा है. निर्यातकों की संस्था फियो ने बताया है कि जून-नवंबर 2018 के दौरान भारत द्वारा चीन को किया जाने वाला निर्यात करीब 25 प्रतिशत बढ़कर 8.46 अरब डॉलर हो गया है. ट्रेड एक्सपर्ट के मुताबिक छह महीने के भीतर इतनी बढ़ोतरी असाधारण है. एक साल पहले समान अवधि के दौरान देश का चीन को निर्यात 6.37 अरब डॉलर था.
फियो के अध्यक्ष गणेश कुमार गुप्ता ने बताया है, 'अमेरिका-चीन के बीच टैरिफ वॉर से भारत को फायदा हो रहा है. चीन को होने वाला निर्यात जून-नवंबर 2017 में 6.37 अरब डॉलर से बढ़कर जून-नवंबर 2018 में 8.46 अरब डॉलर हो गया है.' उन्होंने बताया कि जून-नवंबर 2018 के दौरान भारत से अमेरिका को किए गए निर्यात में 12 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. इस दौरान जिन वस्तुओं के निर्यात में वृद्धि दर्ज की गई है, उनमें पेट्रोलियम उत्पाद, रसायन, सूती धागा, प्लास्टिक के कच्चे माल और समुद्री उत्पाद शामिल हैं. इस तरह देखा जाए तो ट्रेड वार भारत के लिए फायदेमंद रहा है.
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गुप्ता ने कहा कि व्यापार शुल्क वैश्विक व्यापार के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है, लेकिन भारत समेत अन्य देशों के लिए यह एक अवसर है. उन्होंने बताया कि भारत से चीन को निर्यात बढ़ना बहुत जरूरी है क्योंकि हमारा चीन के साथ व्यापार घाटा काफी अधिक है. चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 2016-17 में 51.11 अरब डॉलर था, जो 2017-18 में बढ़कर 63.12 अरब डॉलर हो गया.
04:25 PM IST