ये कंपनी 2020 तक सड़कों पर उतारेगी 10 हजार ई-वाहन, जानिए पूरी प्लानिंग
एप के जरिए टैक्सी सेवा प्रदान करने वाली ओला का मानना है कि बिजली से चलने वाले चार पहिया वाहनों के बड़े पैमाने पर बाजार में आने में समय लगेगा.
ओला ने 2020 के आखिर तक भारत की सड़कों पर दस हजार ई-वाहनों (दोपहिया एवं तिपहिया) को उतारने की है (फाइल फोटो)
ओला ने 2020 के आखिर तक भारत की सड़कों पर दस हजार ई-वाहनों (दोपहिया एवं तिपहिया) को उतारने की है (फाइल फोटो)
एप के जरिए टैक्सी सेवा प्रदान करने वाली ओला का मानना है कि बिजली से चलने वाले चार पहिया वाहनों के बड़े पैमाने पर बाजार में आने में समय लगेगा. इसलिए कंपनी बिजली से चलने वाले दोपहिया एवं तिपहिया वाहनों पर अधिक जोर दे रही है. कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह कहा. कंपनी की योजना मार्च, 2020 के आखिर तक भारत की सड़कों पर दस हजार ई-वाहनों (दोपहिया एवं तिपहिया) को उतारने की है.
कंपनी ने ई वाहनों के साथ प्रयोग किया
ओला ने नागपुर में बिजली से चलने वाले चारपहिया वाहनों के साथ एक प्रयोग किया था. कंपनी के मुताबिक इस प्रयोग से मिली समझ से उसे लगता है कि चारपहिया ई-वाहन अभी भारत में बड़े स्तर पर इस्तेमाल के लिहाज से पूरी तरह तैयार नहीं हैं.
दस हजार ई वाहन लाने के लिए कंपनी कर रही तैयारी
कंपनी की योजना मार्च, 2020 के आखिर तक भारत की सड़कों पर दस हजार ई-वाहनों (दोपहिया एवं तिपहिया) को उतारने की है. ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (ओईएम) के सह-संस्थापक आनन्द शाह ने कहा, '(नागपुर) से हमें सबसे बड़ा सबक यह मिला कि चारपहिया वाहन अभी तैयार नहीं है. बड़े पैमाने पर ऐसे वाहनों के भारत की सड़कों पर आने में कुछ साल अभी और लगेंगे.' शाह के मुताबिक कंपनी ने इस विश्वास को नहीं छोड़ा है कि विद्युतीकरण लंबी अवधि में व्यवहारिक है.
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बड़ी संख्या में दो पहिया ई वाहन आ सकते हैं
ई-परिवहन को लेकर कंपनी की योजना साझा करते हुए शाह ने कहा, 'हम आने वाले वर्षों में दोपहिया और तिपहिया वाहनों पर जोर दे रहे हैं. नागपुर के अनुभव के बाद हम यह कहने की स्थिति में हैं कि हमें फिलहाल इन्हीं दोनों क्षेत्रों पर ध्यान देना चाहिए.'
इस नीति से बढ़ेंगे ई वाहन
उद्योग संगठन सीआईआई ने कहा कि फेम जैसी नीतियों के साथ में वाहनों, बैटरियों तथा कल-पुर्जों के स्थानीय विनिर्माण के भी कदम उठाये जाने चाहिये. इससे 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों को व्यापक स्तर पर अपनाये जाने को बढ़ावा मिलेगा. सीआईआई ने कहा कि 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों को व्यापक स्तर पर अपनाये जाने को बढ़ावा देने के लिये फेम जैसी नीतियों के समर्थन में बाजार के निर्माण, वाहनों, बैटरियों तथा कल-पुर्जों के स्थानीय विनिर्माण, मुख्य कच्ची सामग्रियों की रणनीतिक उपलब्धता तथा देश में कौशल विकास जैसे कदम उठाये जाने चाहिये.
तेज के आयात में आएगी कमी
संगठन ने कहा कि इससे 2022 तक कच्चा तेल आयात 10 प्रतिशत तक कम करने के लक्ष्य को पाने की दिशा में है. इससे 2030 में डीजल एवं पेट्रोल उपभोग में 15.6 करोड़ टन की कमी आएगी तथा मौजूदा कीमत पर 2030 में करीब 60 अरब डॉलर की बचत होगी.
03:19 PM IST