देश में 75% दोपहिया वाहन का नहीं है इंश्योरेंस, बीमा न कराने पर आपको यह हो सकता है नुकसान
देश में करीब 75 फीसदी दोपहिया वाहन बिना इंश्योरेंस के मौजूद हैं. यह खुलासा एक रिपोर्ट में हुआ है.
वर्ष 2018 में ऑनलाइन दोपहिया इंश्योरेंस खरीदने वाले 10 में से 6 भारतीयों ने अपनी लैप्स पालिसियों को डिजिटली रिन्यू कराया.
वर्ष 2018 में ऑनलाइन दोपहिया इंश्योरेंस खरीदने वाले 10 में से 6 भारतीयों ने अपनी लैप्स पालिसियों को डिजिटली रिन्यू कराया.
देश में करीब 75 फीसदी दोपहिया वाहन बिना इंश्योरेंस के मौजूद हैं. यह खुलासा एक रिपोर्ट में हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक बिना बीमा वाले दोपहिया वाहनों को सड़कों पर चलाने से सबसे बड़ा खतरा दुर्घटना के चलते होने वाली देनदारी के रूप में सामने आता है. इसका बोझ दुर्घटना में शामिल लोगों और उनके परिवारों पर पड़ता है और ज्यादातर मामलों में पीड़ित परिवारों के एक मात्र कमाने वाली सदस्य की मृत्यु और विकलांगता जैसे परिणाम सामने आते हैं.
रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2018 में ऑनलाइन दोपहिया इंश्योरेंस खरीदने वाले 10 में से 6 भारतीयों ने अपनी लैप्स पालिसियों को डिजिटली रिन्यू कराया. रिपोर्ट तैयार करने के लिए देशभर में ऑनलाइन टू-व्हीलर इंश्योरेंस खरीदने वाले 10 लाख से अधिक ग्राहकों को इस अध्ययन में शामिल किया गया है.
समाचार एजेंसी आईएएनएस ने पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के प्रोडक्ट एंड इनोवेशन सेंटर (पीआईसी) के अध्ययन के आधार पर बताया कि यदि डिजिटल प्लेटफॉर्म आसान, सुविधाजनक और तुरंत पॉलिसी जारी करने जैसी सुविधा नहीं देता, तो ज्यादातर ग्राहक निकट भविष्य में दोपहिया वाहनों के लिए अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी का नवीनीकरण ही नहीं कराते.
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पॉलिसीबाजार डॉट कॉम ग्रुप ऑफ कंपनीज के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी यशीष दहिया ने बताया कि दोपहिया वाहनों का इंश्योरेंस लंबे समय तक बीमा कंपनियों के लिए एक पहेली बनकर रहा है क्योंकि इनकी मामूली राशि के कारण वितरकों ने इनमें कभी भी रुचि नहीं दिखाई. यह डिजिटल चैनल के लिए खास तौर पर तैयार किया गया प्रोडक्ट है और इसकी कम कीमत ही इसकी खासियत है.
बढ़ती जागरूकता और प्रचार-प्रसार के चलते हमें उम्मीद है कि यह कैटेगरी आने वाले समय में सिर्फ डिजिटल-एक्सक्लुसिव यानि डिजिटल प्लेटफॉर्म तक ही सीमित रह जाएगी. चूंकि इसमें मुनाफा बहुत कम होता है, इसलिए बीमाकर्ताओं और डिजिटल प्लेटफॉर्म प्रदाताओं के लिए इस श्रेणी को स्थायी बनाने में मीडिया की एक बड़ी सामाजिक जिम्मेदारी है.
उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय आदेश के मुताबिक 2018 के सितंबर 2018 से नई बाइक के लिए कम से कम 5 साल के लिए थर्ड पार्टी कवर खरीदना अनिवार्य हो गया है. इसके बाद उम्मीद जताई गई थी डिजिटल प्लेटफॉर्म की तरफ ग्राहकों का रुझान कम हो सकता हैं, क्योंकि टू-व्हीलर ग्राहकों के लिए बीमा प्रीमियम में भारी वृद्धि हुई थी. लेकिन इसके विपरीत, 2018 के सितंबर के बाद पहले से अधिक ग्राहकों ने ऑनलाइन बीमा कराया है और दोपहिया वाहनों के लिए बेची जाने वाली इंश्योरेंस पॉलिसियों की संख्या में 30 फीसदी का इजाफा हुआ है.
एजेंसी इनपुट के साथ
05:41 PM IST