पनीर काठी रोल, दाल पराठा और उत्तपम खाकर बच्चे नहीं पड़ेंगे बीमार, जानिए क्या है UNICEF का डाइट प्लान
क्या आप अपने बच्चे की सेहत को लेकर चिंतित हैं. यह समझ नहीं आ रहा कि उनको हेल्दी कैसे रखा जाए तो आपके लिए यूनिसेफ (Unicef) ने अनोखी पहल की है.
UNICEF के मुताबिक 5 साल से कम उम्र के 35 फीसदी बच्चे कमजोर हैं. (Dna)
UNICEF के मुताबिक 5 साल से कम उम्र के 35 फीसदी बच्चे कमजोर हैं. (Dna)
क्या आप अपने बच्चे की सेहत को लेकर चिंतित हैं. यह समझ नहीं आ रहा कि उनको हेल्दी कैसे रखा जाए तो आपके लिए यूनिसेफ (Unicef) ने अनोखी पहल की है. संस्था ने व्यंजनों की एक किताब पेश की है, जिसका नाम “उत्तपम से लेकर अंकुरित दाल के पराठे” है. यह किताब बताती है कि 20 रुपये से कम कीमत में तैयार पौष्टिक भोजन (Healthy Food) से बच्चों में कम वजन (Weight), मोटापा (Obesity), एनीमिया जैसी दिक्कतों से निपटा जा सकता है.
35 फीसदी बच्चे कमजोर
यह किताब समग्र राष्ट्रीय पोषण सर्वेक्षण 2016-18 के निष्कर्षों पर आधारित है, जिनके मुताबिक 5 साल से कम उम्र के 35 फीसदी बच्चे कमजोर, 17 फीसदी बच्चे मोटापे के शिकार और 33 फीसदी बच्चे कम वजन के हैं. सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि 40 प्रतिशत किशोरियां और 18 प्रतिशत किशोर एनीमिया के शिकार हैं.
Diabetes का खतरा
साथ ही स्कूली बच्चों और किशोरों में मोटापे की समस्या बढ़ने से उनमें Diabetes (10 प्रतिशत) जैसे गैर-संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ गया है. 28 पन्नों की इस पुस्तक में ताजे भोजन और हरेक को बनाने में लगी लागत को बताया गया है.
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आलू के भरवां पराठे
इस किताब में कम वजन की समस्या से निपटने के लिए आलू के भरवां पराठे, पनीर काठी रोल और साबूदाना कटलेट जैसे व्यंजनों की विधियां दी गई हैं. वहीं मोटापा दूर करने के लिए अंकुरित दाल के पराठे, पोहा और सब्जियों वाले उपमा के सुझाव दिए गए हैं.
हेल्दी फूड
इस किताब में सभी व्यंजनों की कैलोरी मात्रा के अलावा प्रोटीन (Protein), कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate), वसा (Fat), फाइबर (Fibre), आयरन (Iron), विटामिन सी (Vitamin C) और कैल्शियम (Calcium) की मात्रा की पूरी जानकारी दी गई है.
कोर्स में शामिल हो किताब
यूनिसेफ की प्रमुख हेनरीटा एच फोर ने बताया कि इस किताब का उद्देश्य लोगों को यह बताना है कि कौन सा भोजन कितना पौष्टिक है. उन्होंने कहा कि इस किताब को स्कूलों के कोर्स का हिस्सा बनाना चाहिए. अगर क्षेत्रीय भाषाओं में इसका अनुवाद किया जाए तो इसे लोगों तक पहुंचाना आसान हो जाएगा.
02:20 PM IST