Russia-Ukraine War से जुड़े ये हैं अबतक के बड़े घटनाक्रम, किसने क्या कहा और क्या उठाए कदम?
Russia-Ukraine War News: यूरोपीय संघ परिषद के अध्यक्ष ने रूस पर यूक्रेन पर अपने हमले को सही ठहराने के लिए झूठे और बेकार बहाने बनाने का आरोप लगाया और कहा कि प्रतिबंधों से रूसी सरकार को नुकसान होगा.
यूक्रेन पर हमले के जवाब में जापान ने रूस पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है.
यूक्रेन पर हमले के जवाब में जापान ने रूस पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है.
Russia-Ukraine War news: यूरोपीय यूनियन (European Union) के नेता करीब छह घंटे चली मीटिंग के बाद रूस पर और आर्थिक और वित्तीय प्रतिबंध (economic and financial sanctions on Russia) लगाने पर सहमत हो गए हैं. पीटीआई की खबर के मुताबिक, यूरोपीय संघ परिषद के अध्यक्ष ने रूस पर यूक्रेन (Ukraine) पर अपने हमले को सही ठहराने के लिए झूठे और बेकार बहाने बनाने का आरोप लगाया और कहा कि प्रतिबंधों से रूसी सरकार को नुकसान होगा. इन प्रतिबंधों के कानूनी मसौदे को रात में आखिरी रूप दिए जाने और शुक्रवार को यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के समक्ष अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किए जाने की उम्मीद है.
यूरोपीय संघ आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन (Ursula von der Leyen) ने कहा कि इसमें 70 प्रतिशत रूसी बैंकिंग बाजार और प्रमुख सरकारी कंपनियों को निशाना बनाना शामिल है. लेयेन ने कहा कि रूस के ऊर्जा क्षेत्र को भी निशाना बनाया जाएगा जिससे उसके लिए अपने तेलशोधक कारखानों को अपडेट करना असंभव हो जाएगा. रूस को सॉफ्टवेयर, सेमीकंडक्टर्स आदि की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगेगा.
ऑस्ट्रेलिया ने लगाया ये आरोप
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन (Australian Prime Minister Scott Morrison) ने चीन पर ऐसे समय में व्यापार प्रतिबंधों में ढील देकर रूस को बढ़ावा देने का आरोप लगाया, जब ज्यादातर देश यूक्रेन (Ukraine) पर रूस के आक्रमण को रोकने की कोशिश कर रहे हैं. द साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ की एक खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री मॉरिसन ने यह बयान दिया. खबर में दावा किया गया था कि चीन ने घोषणा की है कि वह रूसी गेहूं के आयात के लिए पूरी तरह तैयार है. मॉरिसन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और जापान रूस पर प्रतिबंध लगा रहे हैं, तो ऐसे में चीन द्वारा व्यापार प्रतिबंधों में ढील देना अस्वीकार्य है.
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जापान ने रूस पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाया
यूक्रेन (Ukraine) पर हमले के जवाब में जापान ने रूस पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा (Japanese Prime Minister Fumio Kishida) ने शुक्रवार को कहा कि नए उपायों में रूसी समूहों, बैंकों और लोगों की संपत्ति पर रोक लगाना और रूस में सैन्य संबद्ध संगठनों को अर्धचालक और दूसरी जरूरी सामानों का निर्यात रोकना शामिल है.
संयुक्त राष्ट्र में निंदा प्रस्ताव पर हो सकती है वोटिंग
यूक्रेन पर हमला करने की वजह से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तरफ से रूस की निंदा करने वाले प्रस्ताव (censure motion in the United Nations) पर शुक्रवार को मतदान होने की संभावना है. साथ ही प्रस्ताव में रूसी बलों की यूक्रेन से तत्काल वापसी की मांग भी की जाएगी. अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन का मानना है कि इसे रूस द्वारा वीटो किया जा सकता है, लेकिन रूस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने के लिए प्रस्ताव पर मतदान होना महत्वपूर्ण है.
With the death toll rising, we are seeing images of fear, anguish and terror in every corner of Ukraine.
— António Guterres (@antonioguterres) February 25, 2022
The protection of civilians must be priority number one.
International humanitarian and human rights law must be upheld.
अमेरिका ने कहा - तब हम करेंगे हस्तक्षेप
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden) ने कहा है कि अगर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) देशों में घुसे, तो अमेरिका हस्तक्षेप करेगा. बाइडन ने जोर देकर कहा कि अगर उनके रूसी समकक्ष को अभी नहीं रोका गया, तो उनका हौसला बढ़ेगा. वहीं, व्हाइट हाउस ने यूक्रेन के अधिकारियों की एक विश्वसनीय खबर पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि, बंद पड़े चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र के कर्मचारियों को रूसी सैनिकों द्वारा बंधक बना लिया गया है.
I spoke with the G7 leaders today, and we are in full agreement:
— President Biden (@POTUS) February 24, 2022
We will limit Russia’s ability to be part of the global economy.
We will stunt their ability to finance and grow Russia’s military.
We will impair their ability to compete in a high-tech, 21st century economy.
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व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने कहा कि हम इसकी निंदा करते हैं और कर्मचारियों को रिहा करने की अपील करते हैं. इस परमाणु संयंत्र में अप्रैल, 1986 में दुनिया की सबसे भीषण परमाणु दुर्घटना हुई थी, जब एक परमाणु रिएक्टर में विस्फोट के बाद पूरे यूरोप में रेडियोधर्मी विकिरण फैल गया था.
04:17 PM IST