72 घंटे में ढूंढ़ेंगे कोरोना वायरस का तोड़, इस तारीख से जुटेंगे दुनिया के बड़े दिग्गज
महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus) की दवा ढूंढ़ने में पूरी दुनिया के वैज्ञानिक लगातार प्रयासरत हैं. लेकिन अभी कामयाबी नहीं मिल पाई है.
महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus) की दवा ढूंढ़ने में पूरी दुनिया के वैज्ञानिक लगातार प्रयासरत हैं. लेकिन अभी कामयाबी नहीं मिल पाई है. इस क्रम में भारत के समक्ष कौन से चुनौतियां खड़ी होने वाली हैं और उनका हल क्या हो सकता है. इस बारे में अमेरिका के सिलाकॉन वैली स्थित एक न्यास ने 10 अप्रैल 2020 को कोड- 19 नाम से 72 घंटे तक चलने वाला आनलाइन सम्मेलन आयोजित किया है.
फाउंडेशन के मुताबिक इस हैकाथॉन (Hackathon) में 3,000 से अधिक शोधकर्ता, विचारक भागीदारी करेंगे. इससे जो भी हल सामने आयेगा उससे भारत के समक्ष कोविड- 19 के मौजूदा दौर में और उसके बाद के समय में आने वाली चुनौतियों से पार पाने में मदद मिलेगी.
मोटवानी जडेजा फाउंडेशन की संस्थापक आशा जडेजा मोटवानी ने कहा कि कोरोना वायरस भारत के समक्ष बड़ी स्वास्थ्य चुनौती है. किसी भी नये संकट में नये विचारों और उसके निदान की रणनीति की जरूरत होती है. इसलिये यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम मिलकर नये विचारों और निदान के साथ आगे आयें.
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यह प्रतिस्पर्धा 10 अप्रैल गुड फ्राइडे को शुरू होगी और इसमें कोई अकेले या टीम के साथ भाग ले सकता है. इसके लिए भारतीय समयानुसार शाम छह बजे तक WWW.code19.in पर साइन अप किया जा सकता है.
बता दें कि टीका विकसित करने वाली भारत की सर्वोच्च संस्था नेशनल इंस्टीस्ट्यूट ऑफ इम्यूनोलोजी (NII) ने इस चुनौतीपूर्ण प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए टॉप टेन वैज्ञानिकों की टीम बनाई है.
जीवनरक्षक कई टीकों के विकास में योगदान देने वाले एनआईआई के डायरेक्टर डॉ. अमूल्य के पांडा ने कहा, "यह मेरे करियर की सबसे कठिन चुनौती है. हमलोग इस खतरनाक वायरस बीमारी का हल खोजने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं. टीका विकसित करने का काम शुरू हो चुका है.
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पांडा की टीम इससे पहले कैंसर का टीका विकसित कर चुकी है जिसका ट्रायल चेन्नई में अंतिम चरण में है. आईएएनएस की खबर के मुताबिक, एनआईआई ने इससे पहले लेप्रोसी और टीबी का टीका विकसित किया था जिसकी दुनिया भर में सराहना हो चुकी है. एनआईआई का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है और यह इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के संरक्षण में काम करती है. इसके साथ ही यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ मिलकर काम करती है.
10:34 AM IST