आखिर शहरों के नाम के अंत में 'पुर' और 'आबाद' क्यों लगा रहता है? असली वजह में छिपी काम की ये जानकारी
क्या कभी आपने सोचा है कि भारत में शहरों के नाम के अंत में पुर या आबाद क्यों लगा रहता है. आइए जानते हैं ये मजेदार जानकारी.
(Source: Pixabay)
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भारत एक विविधिता में एकता वाला देश है. आजादी के पहले अलग-अलग रियासतों में बंटा ये देश आज एक है, जिसमें कई सारे अलग-अलग राज्य हैं. लेकिन एक चीज आपने ध्यान दी होगी कि अलग-अलग राज्यों के होते हुए भी भारत के शहरों के नाम कुछ चीजें एक सी होती हैं. जैसे इनके नाम के अंत में पुर या आबाद का लगा होना. जैसे, जयपुर, जोधपुर, जबलपुर, कानपुर, रायपुर. या फिर अहमदाबाद, गाजियाबाद, फिरोजाबाद आदि. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर शहरों के नाम के अंत में ये पुर या आबाद क्यों लगाया जाता है. इनके पीछे उन शहरों या जगहों के बारे में बहुत ही खास जानकारी होती थी, जो पहले के लोगों ने इन जगहों के नाम रखते समय सोची थी. आइए जानते हैं इसके बारे में सबकुछ.
'पुर' का क्या मतलब है?
शहरों के नाम के पीछे पुर लगाने के परंपरा बहुत पुरानी है. किसी भी जगह का नाम रखने के पहले उस जगह से जुड़ी एक खास पहचान इससे जोड़ी जाती है. पुर शब्द एक प्राचीन संस्कृत शब्द है, जिसका जिक्र ऋग्वेद में भी मिलता है. इसका अर्थ होता है शहर या किला.
ऐसे में जब पुराने समय में राजा किसी शहर या किले को बसाते थे, उसके नाम के आगे पुर लगा दिया जाता था. जैसे राजस्थान के जयपुर को राजा जयसिंह ने बसाया तो उसका नाम जयपुर रख दिया गया.
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वैसे कुछ लोगों का मानना है कि पुर शब्द अरबी भाषा में भी पाया जाता है, जिसके चलते अफगानिस्तान और ईरान जैसे देशों में भी कुछ शहरों के नाम के अंत में पुर पाया जाता है.
'आबाद' का क्या मतलब है?
भारत के कई शहरों के अंत में आपने आबाद को भी जुड़ा पाया होगा. यहां तक कि पाकिस्तान में इस्लामाबाद और बांग्लादेश में जलालाबाद भी है. तो आखिर इस आबाद शब्द का क्या मतलब है? दरअसल ये एक फारसी शब्द है, जिसमें 'आब' का मतलब होता है - पानी. ऐसे में इस पूरे आबाद शब्द का मतलब हुआ कोई ऐसी जगह जहां पानी हो और वहां फसल उग सकती हो.
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10:07 PM IST