मशहूर अभिनेत्री आशा पारेश को मिलेगा दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड, 30 सितंबर को राष्ट्रपति करेंगी सम्मानित
आशा पारेख की सबसे मशहूर फिल्मों में 'जब प्यार किसी से होता है' (1961), 'फिर वही दिल लाया हूं' (1963), 'तीसरी मंजिल' (1966), 'बहारों के सपने' (1967), 'प्यार का मौसम' ' (1969), 'कटी पतंग' (1970) और कारवां (1971) जैसी फिल्में शामिल हैं.
हिंदी फिल्म जगत की मशहूर अभिनेत्री आशा पारेख को दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 30 सितंबर को नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स में सम्मानित करेंगी. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को इसका एलान किया. 95 से ज्यादा फिल्मों काम कर चुकीं आशा पारेख को द हिट गर्ल के नाम से भी जाना जाता है. बता दें कि यह सम्मान भारतीय सिनेमा के विकास और विकास में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है. इससे पहले दक्षिण सिनेमा के सुपरस्टार रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड 2019 से सम्मानित किया गया था.
हिट फिल्मों के चलते 'द हिट गर्ल' बनीं आशा पारेख
आशा पारेख ने हिंदी सिनेमा जगत पर 60 और 70 के दशक में राज किया. उनकी सबसे मशहूर फिल्मों में 'जब प्यार किसी से होता है' (1961), 'फिर वही दिल लाया हूं' (1963), 'तीसरी मंजिल' (1966), 'बहारों के सपने' (1967), 'प्यार का मौसम' ' (1969), 'कटी पतंग' (1970) और कारवां (1971) जैसी फिल्में शामिल हैं. हालांकि, फिल्मों में उन्होंने 1959 में आई फिल्म 'दिल देके देखो' से किया. फिल्म में उनके साथ शम्मी कपूर थे. आशा पारेख ने हिंदी फिल्मों के अलावा गुजराती, पंजाबी और कन्नड फिल्मों में भी काम किया.
Honoured to announce that the Dadasaheb Phalke Selection Jury has decided to recognise & award Smt Asha Parekh ji for her exemplary lifetime contribution to Indian Cinema.
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) September 27, 2022
The Dadasaheb Phalke Award shall be presented by the Hon President of India at
68th NFA in Vigyan Bhawan. pic.twitter.com/3MPa0HhvDL
1992 में मिला था पद्मश्री सम्मान
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दादा साहेब फाल्के सम्मान से पहले भारत सरकार ने आशा पारेख को 1992 में पद्मश्री सम्मान से भी सम्मानित कर चुकी है. आशा पारेख भारत के केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड यानि सेंसर बोर्ड की पहली महिला अध्यक्ष भी रह चुकी हैं. इसके अलावा फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) ने उन्हें लिविंग लीजेंड अवॉर्ड से भी सम्मानित किया. 10 साल की उम्र में फिल्मों एंट्री करने वाली आशा पारेख अब फिल्मों से दूर मुंबई में अपनी एक डांस एकेडमी चलाती हैं. इसके अलावा मुंबई के ही सांता क्रूज इलाके में आशा पारेख अस्पताल का भी काम देखती हैं.
03:08 PM IST