Whatsapp, फेसबुक और ट्विटर के लिए जरूरी होगा Aadhaar? आज होगा फैसला
सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई के दौरान कई मसलों पर चर्चा होगी. सुप्रीम कोर्ट यह भी तय करेगा कि लोअर कोर्ट में चल रही सुनवाई को वहीं होने दिया जाए या फिर मामले को रफा-दफा भी किया जा सकता है.
फेसबुक ने अपील की थी कि सोशल नेटवर्क को आधार से लिंक किया जाना चाहिए. (फोटो: जी बिजनेस)
फेसबुक ने अपील की थी कि सोशल नेटवर्क को आधार से लिंक किया जाना चाहिए. (फोटो: जी बिजनेस)
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सऐप को आधार से लिंक करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा. सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई के दौरान कई मसलों पर चर्चा होगी. सुप्रीम कोर्ट यह भी तय करेगा कि लोअर कोर्ट में चल रही सुनवाई को वहीं होने दिया जाए या फिर मामले को रफा-दफा भी किया जा सकता है. तमिलनाडू सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से मामला मद्रास हाईकोर्ट में चलने की अपील की थी.
फेसबुक ने उठाई मांग
इससे पहले फेसबुक ने मद्रास हाई कोर्ट, बॉम्बे हाई कोर्ट और मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिकाओं की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर करने के लिए याचिका लगाई थी. याचिका में अपील की गई थी कि फेसबुक और वॉट्सऐप जैसे सोशल नेटवर्क को आधार से लिंक किया जाना चाहिए. इससे सोशल साइट पर आपतिजनक पोस्ट करने वालों की तुरंत पहचान हो सकेगी. साथ ही ऐसा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 20 अगस्त को हुई पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार, Google, ट्विटर और YouTube को नोटिस जारी कर हाईकोर्ट में लंबित सभी मामलों को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने के लिए उनका जवाब मांगा था. इससे यह तय किया जा सकता है कि क्या सोशल नेटवर्किंग साइटस को अपराधियों से संबंधित जानकारी पुलिस के साथ साझा करने के लिए बाध्य किया जा सके.
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मद्रास हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार किया. सुनवाई में तमिलनाडु राज्य के लिए अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने आतंकवाद और पोर्नोग्राफी सहित अपराध के मुद्दों का हवाला दिया. फेसबुक और वॉट्सऐप ने सुप्रीम कोर्ट से पूछा कि क्या उन्हें आपराधिक जांच में मदद करने के लिए जांच एजेंसियों को डेटा और जानकारी साझा करने के लिए मजबूर किया जा सकता है.
सोशल नेटवर्किंग साइट्स ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उनके खिलाफ पारित किसी भी आदेश का वैश्विक असर होगा, इसलिए शीर्ष अदालत को इस तरह के एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर फैसला करना चाहिए और विभिन्न हाईकोर्ट में लंबित सभी मामलों को सुप्रीम मे हस्तांतरित किया जाना चाहिए.
अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि एक IIT प्रोफेसर का कहना है कि ओरीजीनेटर की पहचान कैसे की जा सकती है.उन्होंने ब्लू व्हेल गेम का भी हवाला दिया. ओरीजीनेटर का पता लगाना बहुत मुश्किल था. भारत सरकार आज तक संघर्ष कर रही है इसको लेकर, उन्होंने कहा की फेसबुक खुद मानते हैं कि उनके पास ओरीजीनेटर का पता लगाने के लिए कोई तंत्र नहीं है.
09:31 AM IST