IPOs की जल्दी लिस्टिंग और म्यूचुअल फंड में गड़बड़ियों को रोकने के लिए SEBI का नया प्रस्ताव, 4 पॉइंट्स में समझें फायदा
SEBI Rules: सेबी ने स्टॉक मार्केट में IPO (Initial Public Offer) की लिस्टिंग के लिए टाइमलाइन घटाने का प्रस्ताव दिया है. लिस्टिंग के लिए मियाद T+6 से घटाकर T+3 दिन का प्रस्ताव रखा है.
मार्केट रेगुलेटर सेबी ने आज IPO की जल्दी लिस्टिंग और म्यूचुअल फंड में गड़बड़ियां रोकने के लिए नए नियमों का प्रस्ताव किया है. सेबी ने स्टॉक मार्केट में IPO (Initial Public Offer) की लिस्टिंग के लिए टाइमलाइन घटाने का प्रस्ताव दिया है. लिस्टिंग के लिए मियाद T+6 से घटाकर T+3 दिन का प्रस्ताव रखा है. इससे कंपनियों को पैसे जुटाने में आसानी होगी. निवेशकों को अर्जी के बाद जल्दी लिक्विडिटी मिल जाएगी. आइए जानते हैं कि इन प्रस्तावों का क्या मतलब है.
1. IPO की लिस्टिंग की मियाद घटाने का प्रस्ताव
-सेबी का इश्यू बंद होने के 3 दिन में लिस्टिंग का प्रस्ताव
-अभी इश्यू बंद होने के 6 दिन में लिस्टिंग का नियम लागू
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
-UPI आने से प्रक्रिया जल्दी पूरी, इसलिए जल्दी लिस्टिंग
-दावा 3 दिन में लिस्टिंग संभव, सिस्टम चेक हो चुका है
-अभी रीटेल के लिए क्लोजिंग डे पर 5 PM तक अर्जी संभव
-प्रस्ताव फिजिकल अप्लीकेशन तो क्लोजिंग डे पर 1 PM तक
-इलेक्ट्रॉनिक मोड में अर्जी तो क्लोजिंग डे के 4 PM तक अर्जी
-ऑनलाइन ASBA के साथ 3-1 अकाउंट तो 5 PM तक अर्जी
-इश्यू बंद होने के एक दिन बाद 6 PM तक अलॉटमेंट होगा
-इश्यू बंद होने के 2 दिन बाद 4 PM तक पैसा रिफंड/अनब्लॉक
2. जल्दी लिस्टिंग से क्या फायदा?
-कंपनियों को जल्दी से जुटाई गई पूंजी मिलेगा
-निवशकों को लिस्टेड शेयर की लिक्विडिटी मिलेगी
3. म्यूचुअल फंड्स में गड़बड़ियों को रोकने के लिए क्या नियम लाने का प्रस्ताव है?
- MFs में गड़बड़ियां रोकने पर सख्ती का प्रस्ताव
-इंस्टीट्यूशनल मैकेनिज्म बनाने का जिम्मा मैनेजमेंट पर
- नहीं बना तो MD, CEO, कंप्लायंस अफसर जिम्मेदार
-अहम जानकारियां रखने वाले स्टाफ की निगरानी बढ़े
-फंड मैनेजमेंट, इनवेस्टमेंट की जानकारी वालों पर नजर
-गड़बड़ी पर नजर रखने के लिए लाइफ स्टाइल भी देखें
-ई-मेल, चैट के रिकॉर्ड, CCTV फुटेज से भी निगरानी
-गड़बड़ी का शक होने पर ट्रेडिंग,चैट, लाइफ स्टाइल देखें
-जरूरत पड़े तो एक्सचेंज ट्रेडिंग की जानकारी मुहैया कराएं
-गड़बड़ी हुई तो क्या कार्रवाई होगी इसकी लिखित नीति हो
-गड़बड़ी हुई तो कार्रवाई की जानकारी अपने बोर्ड को दें
-जरुरत पड़े तो MFs इसके लिए इंफ्रा साझा कर सकते हैं
4. निगरानी कड़ा करने का नियम क्यों?
-MF के ब्रोकर-डीलर की गड़बड़ी पकड़ी गई
-MFs के कर्मचारियों की भी मिलीभगत के मामले
-बीमा कंपनी के कर्मचारी की फ्रंट रनिंग का केस
-FPI के स्टाफ की ही FPI के सौदों की फ्रंट रनिंग
-एक्सचेंजेज, बड़े ब्रोकर्स के लिए पहले ही इंस्टीट्यूशनल मैकेनिज्म
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
06:41 PM IST