दिवाली पर होगी बंपर कमाई, घर के साथ करें पोर्टफोलियो की सफाई
पोर्टपोलियो में वैरायटी अच्छी लेकिन, जरूरत से ज्यादा खराब होती है. इसलिए एजेंट के झांसे में आकर अपने पोर्टफोलियो में ज्यादा फंड्स न रखें.
पोर्टफोलियो में ज्यादा फंड्स का मतलब ज्यादा रिटर्न नहीं होता है. हां, जरूरत से ज्यादा फंड्स रखने पर रिटर्न जरूर कम हो सकता है.
पोर्टफोलियो में ज्यादा फंड्स का मतलब ज्यादा रिटर्न नहीं होता है. हां, जरूरत से ज्यादा फंड्स रखने पर रिटर्न जरूर कम हो सकता है.
दिवाली की सीजन (Diwali Season) निवेशकों के लिए बहुत खास होता है, क्योंकि यह मौका नई शुरूआत का होता है. नए निवेश (Investment) की शुरूआत करने से पहले अपने पोर्टफोलियो (Portfolio Investment) की सफाई भी जरूर करनी चाहिए. इन्वेस्टमेंट में अगर कुछ गलती हो रही है तो उसमें कुछ सुधार लाया जाए.
पोर्टपोलियो में वैरायटी अच्छी लेकिन, जरूरत से ज्यादा खराब होती है. इसलिए एजेंट के झांसे में आकर अपने पोर्टफोलियो (Portfolio Investment) में ज्यादा फंड्स न रखें. पोर्टफोलियो में ज्यादा फंड्स का मतलब ज्यादा रिटर्न नहीं होता है. हां, जरूरत से ज्यादा फंड्स रखने पर रिटर्न जरूर कम हो सकता है. इसलिए पोर्टफोलियो में वैरायटी होनी चाहिए न कि भीड़.
ओवर डायवर्सिफिकेशन से बचें
- पोर्टफोलियो को डायवर्सिपाई करना फायदेमंद होता है.
- ओवर डायवर्सिफिकेशन निवेश के लिए खराब स्थिति.
- ओवर डायवर्सिफाई पोर्टफोलियो को मैनेज करना चुनौती.
- सभी फंड्स को मॉनिटर कर पाना काफी मुश्किल होता है.
- सही असेट अलोकेशन करना बेहद ज़रूरी.
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एक ही फंड हाउस के ही न रखें फंड
- निवेश करते हुए ध्यान रखें कि एक ही फंड हाउस के सभी फंड न लें.
- पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाइड करते हुए अलग-अलग फंड हाउस के फंड लें.
- हर फंड हाउस की अपने निवेश रणनीति होती है.
- अलग-अलग फंड हाउस की रणनीति का फायदा उठाएं.
खराब फंड्स से निकलें
- स्कीम का प्रदर्शन अच्छा नहीं तो समीक्षा करें.
- स्कीम के फंडामेंटल्स में बदलाव आया हो.
- आपके मापदंडों पर स्कीम खरी नहीं उतरी.
- ऐसे में वित्तीय सलाहकार की मदद लें.
- सलाह के आधार पर लें फैसला.
पोर्टफोलियो की समय-समय पर समीक्षा करें
- कुछ लोग छोटी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं.
- छोटी अवधि में अच्छा मुनाफा देने वाली स्कीम्स चुनते हैं.
- स्कीम चुनते वक्त फंड के सभी पहलुओं को नहीं देखते.
- एक्सपेंस रेश्यो, वॉलैटिलिटी और जोखिम की गणना नहीं करते.
फंड्स का डुप्लीकेशन न करें
- अक्सर निवेशक पोर्टफोलियो में 15-20 फंड रखते हैं.
- एक ही कैटेगरी के 4-5 फंड्स शामिल कर सकते हैं.
- NFO के आते ही बिना सोचे-समझे पैसा लगा देते हैं.
- पोर्टफोलियो में फंड जोड़ने से पहले अपनी ज़रूरतों को समझें.
- फंड्स के डुप्लीकेशन से निवेशकों को नुकसान हो सकता है.
फाइनेंशियल रिकॉर्ड्स को संभालें
- निवेशक अपने निवेश के बारे में जानकारी नहीं देते.
- अपने परिवार से निवेश को छुपा कर रखते हैं.
- फाइनेंशियल रिकॉर्ड को भी नहीं संभालकर रखते.
- फाइनेंशियल रिकॉर्ड को संभालना बेहद ज़रूरी.
- अपनी पत्नी से अपने निवेश की जानकारी को साझा करें.
LIVE | #MutualFundHelpline में देखिए शुभ लाभ पोर्टफोलियो की सफाई https://t.co/NhlEXsBF0r
— Zee Business (@ZeeBusiness) October 21, 2019
अपनी जानकारी को अपडेट करें
- अपने नाम में बदलाव, किसी गलती का सुधार ज़रूर करें.
- बैंक आदि में अपने नाम के बदलाव को दर्ज कराएं.
- निवेश के कागज़ातों में भी सभी बदलाव ज़रूर दर्ज करें.
लक्ष्य पाने में वित्तीय सलाहकार की मदद
- निवेश सलाहकार से पोर्टफोलियो रिव्यू कराएं.
- वित्तीय सलाहकार लक्ष्य निर्धारित करने में मदद करेगा.
- निवेश की औपचारिकताओं की जानकारी मिलती है.
- सभी स्कीम से जुड़ी दुविधाओं का जवाब मिलेगा.
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09:28 PM IST