मोदी सरकार ने दिया किसानों को दिवाली गिफ्ट, MSP में किया इजाफा
बाजरे का समर्थन मूल्य 1440 रुपये से बढ़ाकर 1525 रुपये/क्विंटल, मसूर का दाम 4400 रुपये से बढ़ाकर 4800 रुपये कर दिया गया है.
सरकार ने गेहूं के समर्थन मूल्य में 85 रुपये/क्विंटल का इजाफा किया है.
सरकार ने गेहूं के समर्थन मूल्य में 85 रुपये/क्विंटल का इजाफा किया है.
केंद्र सरकार (Modi Government) ने रबी सीजन की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की नई दरों का ऐलान कर दिया है. बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में रबी फसलों (rabi crops) के नए समर्थन मूल्यों (Rabi Crops MSP) पर फैसला लिया गया. जानकारी के मुताबिक, सरकार ने गेहूं के समर्थन मूल्य में 85 रुपये/क्विंटल का इजाफा किया है. सरकार के इस फैसले के बाद गेहूं (Wheat MSP) की न्यूनतम समर्थन मूल्य (minimum support price) 1840 रुपये से बढ़कर 1925 रुपये/क्विंटल हो गया है.
जानकारी के मुताबिक, बाजरे का समर्थन मूल्य 1440 रुपये से बढ़ाकर 1525 रुपये/क्विंटल, मसूर का दाम 4400 रुपये से बढ़ाकर 4800 रुपये और सरसों की सरकारी खरीद कीमत 4200 रुपये क्विंटल से बढ़ाकर 4425 रुपये/क्विंटल कर दी गई है.
रबी फसलों के समर्थन मूल्य बढ़ाने के फैसले से सरकार पर 3000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा. साल 2018-19 के लिए फूड सब्सिडी बिल 1.74 लाख करोड़ रुपये का था.
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रबी फसलों की बुआई अक्तूबर, नवम्बर और दिसंबर के महिने में की जाती है. गेहूं, जौ, चना, मसूर, सरसों और मटर रबी सीजन की मुख्य फसलें हैं.
उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में बड़े पैमाने पर गेहूं और सरसों की खेती होती है. इन्हीं राज्यों से सरकार बड़ी मात्रा में गेहूं (wheat) और सरसों की खरीद करती है.
सरकार ने माना सिफारिशों को
केंद्र सरकार ने समर्थन मूल्य पर कृषि मंत्रालय की सभी सिफारिशों को मान लिया है. बता दें कि कुछ समय पहले कृषि मंत्रालय ने रबी फसलों के समर्थन मूल्य में 5-7 फीसदी का इजाफा करने की सिफारिश केंद्र को भेजी थी.
कृषि मंत्रालय (Agriculture Ministry) ने अपनी सिफारिश में गेहूं की सरकारी खरीद (wheat procurement) का दाम 1840 से बढ़ाकर 1925 रुपये/ क्विंटल करने का प्रस्ताव दिया था. इस तरह गेहूं के एमएसपी में 4.61 फीसदी इजाफे का प्रस्ताव था. जौ के दामों में 5.9 फीसदी बढ़ाकर 1525 रुपये/ क्विंटल करने की सिफारिश की गई थी. पिछले सीजन में जौ का दाम 1440 रुपये/ क्विंटल था. इसी तरह मसूर की कीमत 4475 से बढ़ाकर 4800 रुपये/ क्विंटल (7.26 फीसदी का इजाफा) करने और सूरजमुखी कीमत 4945 से बढ़ाकर 5215 रुपये/ क्विंटल करने का प्रस्ताव किया गया था.
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बुधवार को सरकार ने एमएसपी की जो घोषणाएं की हैं, उनमें वही रेट हैं, जो कृषि मंत्रालय ने अपनी सिफारिशों में तय किए थे.
पंजाब, यूपी और हरियाणा को फायदा
सरकार के इस फैसले से पंजाब (Punjab), हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसानों को सबसे ज्यादा फायदा होगा. क्योंकि इन्हीं राज्यों से सरकार सबसे ज्यादा गेहूं और सरसों की खरीद करती है. सरकार अपनी जरूरत का 70 फीसदी गेहूं हरियाणा और पंजाब से खरीदती है.
गेहूं की बंपर खरीद का अनुमान
इस बार का मॉनसून (Monsoon) रबी की फसल के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होने वाला है. मौसम की मेहरबानी को देखते हुए सरकार ने भी फसली साल 2019-20 के रबी सीजन (Rabi Season) में 10.05 करोड़ टन गेहूं (Wheat) उत्पादन का टारगेट तय किया है. इस बार रबी सीजन की फसलों का रकबा बढ़ने की उम्मीद की जा रही है. पिछले रबी सीजन में देश में रिकॉर्ड 10.21 करोड़ टन गेहूं उत्पादन (Wheat Production) का अनुमान रखा था.
09:15 PM IST