NFO में निवेश करने का बेहतर मौका, 12 जुलाई को बंद होगा महिंद्रा का हाइब्रिड फंड
महिंद्रा एंड महिंद्रा म्यूचुअल फंड की इक्विटी निवेश योजना (NFO) में निवेश करने की आखिरी तारीख करीब आ रही है. 28 जून को खुला NFO 12 जुलाई को बंद होगा.
निवेशकों के लिए बेहतर मौका है कि इस फंड में निवेश करके अच्छा रिटर्न हासिल कर सकें. (फोटो: महिंद्रा)
निवेशकों के लिए बेहतर मौका है कि इस फंड में निवेश करके अच्छा रिटर्न हासिल कर सकें. (फोटो: महिंद्रा)
महिंद्रा एंड महिंद्रा म्यूचुअल फंड की इक्विटी निवेश योजना (NFO) में निवेश करने की आखिरी तारीख करीब आ रही है. 28 जून को खुला NFO 12 जुलाई को बंद होगा. निवेशकों के लिए बेहतर मौका है कि इस फंड में निवेश करके अच्छा रिटर्न हासिल कर सकें. बता दें, इस फंड में 1000 रुपए के शुरुआत निवेश से शुरुआत की जा सकती है. यह आक्रामक हाइब्रिड कटेगरी का फंड है.
महिंद्रा म्यूचुअल फंड के मुख्य मार्केटिंग अधिकारी (सीएमओ) जतिंदर पाल सिंह के मुताबिक, यह इक्विटी और डेट का एक मिला जुला फंड होता है जो इक्विटी में 65 से 80 फीसदी का निवेश करता है, जबकि डेट और मनी मार्केट सिक्योरिटीज में 20 से 35 फीसदी तथा रिट और इनविट्स में अधिकतम 10 फीसदी का निवेश करता है. इसका बेंचमार्क क्रिसिल हाइब्रिड है. इसके फंड मैनेजर एस राममूर्ति (इक्विटी) और राहुल पाल (डेट) हैं.
विश्लेषकों के मुताबिक, पांच से दस सालों की अवधि में आक्रामक डेट फंडों का औसत रिटर्न 10-12 फीसदी रहा है, जबकि रूढ़िवादी फंडों का रिटर्न 8-9 फीसदी रहा है. हाइब्रिड फंड इक्विटीज में निवेश की शुरुआत करने का एक उत्तम तरीका है, क्योंकि वे उतार-चढ़ाव के माहौल में ज्यादा सुरक्षा और सावधानी प्रदान करते हैं. इस तरह के फंड लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए फायदेमंद होते हैं.
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दरअसल, हाइब्रिड फंड एक ऐसा उत्पाद होता है, जो निवेशकों के पैसों को अलग-अलग संसाधनों में निवेश कर एक औसत रिटर्न देता है और जोखिम को कम करता है. ऐसा देखा जाता है कि रिटेल निवेशक हमेशा म्यूचुअल फंडों के इक्विटीज में ही आक्रामक रूप से निवेश करते हैं. वहीं, म्यूचुअल फंड में हाइब्रिड एक ऐसा उत्पाद है जो इक्विटी, डेट और अन्य संसाधनों में निवेश करता है. इसका फायदा यह होता है कि एक तो निवेशक शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव के जोखिम से बच जाता है और दूसरा वह मुद्रास्फीति को पीछे छोड़ते हुए अच्छा रिटर्न हासिल करता है.
इस तरह के फंडों का उद्देश्य यह होता है कि निवेशक लंबी अवधि में इक्विटी की वृद्धि का फायदा उठा सकें. डेट वाला हिस्सा स्थिरता प्रदान करता है. यह फंडों के कंपोजिशन पर निर्भर करता है जिसमें आक्रामक और रूढ़िवादी (कंजरवेटिव) दोनों प्रकार के फंडों का समावेश होता है.
01:02 PM IST