Alert! बाजार में गिरावट का डर लेकिन IPO पार्टी जारी, रिटेल इन्वेस्टर्स इन बातों का रखें ध्यान, नहीं तो होगा नुकसान
बाजार में उतार चढ़ाव बना हुआ है. एक्सपर्ट मान रहे हैं कि यहां से अभी और करेक्शन संभव है. वहीं दूसरी ओर एक के बाद एक कई कंपनियां IPO ला रही हैं या लाने वाली हैं.
जब बाजार में उतार चढ़ाव का डर है, रिटेल निवेशक आईपीओ को लेकर क्या सावधानी रखें. (image: pixabay)
जब बाजार में उतार चढ़ाव का डर है, रिटेल निवेशक आईपीओ को लेकर क्या सावधानी रखें. (image: pixabay)
IPO Investment Strategy: शेयर बाजार में पिछले 2 हफ्तों से गिरावट देखने को मिल रही है. निफ्टी ने हाल के दिनों में 18500 का लेवल पार किया था, लेकिन उसके बाद से इसमें दबाव बना हुआ है. बाजार में एआईआई और डीआईआई भी लगातार बिकवाली कर रहे हैं. हाई वैल्युएशन के चलते सेलिंग प्रेशर अभी आगे भी जारी रहने की आशंक है. एक ओर बाजार में उतार चढ़ाव है तो दूसरी ओर एक बार फिर IPO पार्टी शुरू हो गई है. नवंबर के पहले ही दिन 3 कंपनियों के इश्यू लॉन्च हुए हैं. अक्टूबर के अंतिम हफ्ते में 2 बड़े आईपीओ लॉन्च हुए थे. नवंबर में कुछ और बड़ी छोटी कंपनियां IPO लाने की तैयारी में हैं. जबकि 2021 की दूसरी छमाही में 25 फीसदी IPO कमजोर होकर लिस्ट हुए हैं. ऐसे में रिटेल निवेशकों को नुकसान से बचने के लिए क्या करना चाहिए.
बाजार में दबाव, IPO पार्टी जारी
Samco Securities की इक्विटी रिसर्च हेड, येशा शाह का कहना है कि शेयर बाजार में पिछले 2 हफ्तों से सेलिंग प्रेशर देखने को मिल रहा है. लगातार दोनों हफ्ते बाजार कमजोर होकर बंद हुए. अक्टूबर में डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेरूटर्स भी नेट सेलर्स रहे हैं और ऐसा मार्च 2021 के बाद पहली बार हुआ है. अनफेवरेबल रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो के चलते कुछ दिग्गज ब्रोकरेज हाउस ने इंडिश्यन मार्केट पर अपने विचार डाउनग्रेड किए हैं. एक ओर जहां सेकंडरी मार्केट में दबाव देखने को मिल रहा है, प्राइमरी मार्केट में हलचल तेज है. कुछ IPO हाल ही में लॉन्च हुए हैं तो कुछ लॉन्च होने वाले हैं. इस साल वैसे भी अबतक 42 IPO के जरिए कंपनियों ने 72300 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं. इस साल के अंत तक यह कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपये पहुंच सकता है.
IPO का बढ़ा क्रेज
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पर्याप्त लिक्विडिटी को देखते हुए मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI)ने लिस्टिंग प्रक्रिया को आसान बनाया है, वहीं ओवरआल बुलिश सेंटीमेंट को देखते हुए IPO का क्रेज समझ में आता है. पिछले कई महीनों में बुल रन IPO के साथ जुड़े हुए हैं. 2017-18 में 98000 करोड़ वैल्यू के 81 IPO/FPO/OFS आए थे. वर्तमान की बात करें तो सेकंडरी मार्केट में फंड पहले से ही ब्लॉक है, ऐसे में IPOs मनी मेकिंग प्रॉस्पेक्ट से अपीलिंग लग रहे हैं. यह निवेशकों, खासतौर से HNIs के लिए, असाधारण प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों पर फंड बॉरो करने के लिए फायदेमंद हो गया था.
क्या करें रिटेल इन्वेस्टर्स
येशा शाह का कहना है कि IPO में निवेश करने वाले तभी मुनाफा कमाते हैं, जब कंपनी का स्टॉक प्रीमियम पर लिस्ट होता है. स्टॉक इश्यू प्राइस से बढ़कर ट्रेड करता है. हालांकि, 2021 की दूसरी छमाही की बात करें तो 25 फीसदी IPO डिस्काउंट पर लिस्ट हुए हैं. इससे निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा है और फाइनेंसर्स के लिए जोखिम बढ़ गया. इसलिए सब्सक्राइब करने के पहले रिटेल निवेशकों को न सिर्फ पोटेंशियल लिस्टिंग गेन काएनालिसिस करना चाहिए. बल्कि IPO आईपीओ के फंडामेंटल और वैल्युएशन का भी ध्यान रखना जरूरी है. इन सबके बाद सॉलिड कंपनी का चुनाव कर उसके इश्यू में लंबी अवधि के लिए पैसे लगाने चाहिए.
04:07 PM IST