क्रूड ऑयल पहुंचा 100 डॉलर के करीब, अगले महीने महंगे हो सकते हैं पेट्रोल-डीजल
Crude oil price:उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव खत्म होने के साथ ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में तेज बढ़ोतरी हो सकती है. पेट्रोलियम उत्पादों के लिए भारत के बड़े पैमाने पर आयात पर निर्भर होने से तेल सप्लाई बाधित होने की आशंका है.
कीमतें इंटरनेशनल लेवल पर कच्चे तेल के दाम से प्रभावित होती हैं. (ज़ी बिज़नेस)
कीमतें इंटरनेशनल लेवल पर कच्चे तेल के दाम से प्रभावित होती हैं. (ज़ी बिज़नेस)
Crude oil price: लंबे समय से स्थिर पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel) की खुदरा कीमतों में अगले महीने तेजी आ सकती है. दरअसल, इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल में जबरदस्त तेजी का रुख है. यूक्रेन पर रूस की सैन्य कार्रवाई शुरू होने के साथ ही मंगलवार को इंटरनेशनल लेवल पर कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गए. इसके बावजूद घरेलू स्तर पर पेट्रोल और डीजल के दाम पिछले कुछ महीनों की तरह लगातार स्थिर बने हुए हैं.
कीमतों में हो सकती है तेज बढ़ोतरी
खबर के मुताबिक, ऐसी संभावना जताई जा रही है कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव खत्म होने के साथ ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में तेज बढ़ोतरी हो सकती है. पेट्रोलियम उत्पादों के लिए भारत के बड़े पैमाने पर आयात पर निर्भर होने से तेल सप्लाई बाधित होने की आशंका है.
भाव 99.38 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचा
कच्चे तेल (crude oil price) और गैस के प्रमुख उत्पादक देश रूस के यूक्रेन विवाद में उलझने से सप्लाई बाधित होने की आशंका की चलते इंटरनेशनल ऑयल स्टैंडर्ड ब्रेंट क्रूड का भाव 99.38 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. हालांकि, इस वायदा भाव पर कुछ मुनाफावसूली होने से आखिर में यह 98 डॉलर प्रति बैरल से थोड़ा ऊपर बंद हुआ. इससे पहले ब्रेंट क्रूड सितंबर 2014 में 99 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर गया था.
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भारत का तेल आयात
भारत के तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी बहुत कम है. वर्ष 2021 में भारत ने रूस से हर रोज 43,400 बैरल तेल का आयात किया था जो उसके कुल तेल आयात का करीब एक प्रतिशत ही है. इसके अलावा रूस से भारत का कोयला आयात 18 लाख टन रहा जो कुल कोयला आयात का 1.3 प्रतिशत है. भारत रूसी गैस कंपनी गैजप्रॉम से 25 लाख टन एलएनजी भी खरीदता है. इस तरह रूस से होने वाली सप्लाई भारत के लिए ज्यादा चिंता का विषय नहीं है, लेकिन कच्चे तेल की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय कीमतें उसकी मुश्किल जरूर बढ़ा सकती हैं. इसकी एक खास वजह यह भी है कि विधानसभा चुनावों के दौरान रिक़ॉर्ड 110 दिन से देश में ईंधन के दाम अपरिवर्तित बने हुए हैं.
कंपनियां करती हैं कीमतों में बदलाव
सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम मार्केटिंग कंपनियों आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल को डेली बेसिस पर पेट्रोल और डीजल की कीमतें (petrol-diesel price) तय करने का अधिकार सरकार ने दिया हुआ है. ये कीमतें इंटरनेशनल लेवल पर कच्चे तेल के दाम से प्रभावित होती हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में जारी विधानसभा चुनावों के दौरान पेट्रोल और डीजल के दाम स्थिर बने हुए हैं.
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अक्टूबर के आखिर सप्ताह में दिल्ली में पेट्रोल 110 रुपये
अक्टूबर, 2021 के आखिर सप्ताह में ब्रेंट क्रूड के भाव 86 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर होने के समय दिल्ली में पेट्रोल 110 रुपये और डीजल 98 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा था. हालांकि, नवंबर की शुरुआत में उत्पाद शुल्क में कटौती और राज्य सरकार के स्तर पर वैट में राहत देने के बाद पेट्रोल 95.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल 86.67 रुपये प्रति लीटर के भाव पर आ गया. नवंबर की शुरुआत से ही ब्रेंट क्रूड के भाव में नरमी आनी शुरू हो गई थी और दिसंबर में यह 68.87 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ गया था. लेकिन नए साल की शुरुआत से ही इसके दाम बढ़ने लगे थे और फरवरी में ही यह 12 प्रतिशत से ज्यादा चढ़ चुका है.
07:52 PM IST