Budget 2023 Expectations: स्टॉक मार्केट निवेशकों को चाहिए बैलेंस्ड बजट, जॉब क्रिएशन, इंफ्रा स्पेंडिंग समेत इन मुद्दों पर फोकस
Budget 2023 Expectations: स्टॉक मार्केट इन्वेस्टर्स ने भी बजट से अपनी उम्मीदें जताई हैं. स्टॉक मार्केट इन्वेस्टर्स को बैलेंस्ड बजट के पेश होने की उम्मीद है.
Budget 2023 Expectations: 1 फरवरी को देश का बजट पेश होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) संसद की पटल पर यूनियन बजट को पेश करेंगी. ऐसे में बजट से देश की अलग-अलग इंडस्ट्री वित्त मंत्री के सामने अपनी मांगे रख रही हैं. इसी सिलसिले में स्टॉक मार्केट इन्वेस्टर्स ने भी बजट से अपनी उम्मीदें जताई हैं. स्टॉक मार्केट इन्वेस्टर्स को बैलेंस्ड बजट के पेश होने की उम्मीद है. इसके अलावा स्टॉक मार्केट एक्सपर्ट्स को चाहिए कि बजट ऐसा हो, जिससे रोजगार बढ़े, इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़े, डेफिसिट में कमी आए और इकोनॉमी को ट्रैक पर वापस लाने पर फोकस हो.
बजट से पहले बाजार में सुस्ती
बता दें कि केंद्रीय बजट (Union Budget) से पहले शेयर बाजारों में सुस्ती देखने को मिली है और BSE का बेंचमार्क सेंसेक्स इस महीने अबतक लगभग सपाट रहा है. इतना ही नहीं कॉरपोरेट अर्निंग सीजन ने भी बाजार को खुश नहीं किया है लेकिन IT और बैंक जैसे इंडेक्स ने कुछ पॉजिटिव मूवमेंट दिखाया है.
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फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPIs) भारतीय बाजारों से अपना पैसा निकाल रहे हैं. FPI अपना पैसा इमर्जिंग मार्केट में निवेश कर रहे हैं, जहां वैल्युएशंस भी कम हैं. इस महीने अभी तक विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों से 16500 करोड़ रुपए निकाल लिए हैं.
3 फैक्टर पर निवेशकों की नजर
इसके अलावा महंगाई और संभावित ग्लोबल रिसेशन के जारी रहने से निवेशकों के दिमाग से खेल रही हैं. आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के इक्विटी रिसर्च के हेड नरेंद्र सोलंकी का कहना है कि निवेश इन तीन जरूरी फैक्टर पर फोकस रहने वाले हैं.
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पहला, इक्विटी इन्वेस्टर्स कैपिटल गेन्स के लिए यूनिफॉर्म टैक्स स्ट्रक्चर की उम्मीद कर रहे हैं, जिससे टैक्सपेयर्स को ज्यादा इन्वेस्ट करने के लिए और पैसा मिल सके. दूसरा, इन्वेस्टर्स फिस्कल कंसोलिडेशन की भी उम्मीद लगा रहे हैं, जो इकोनॉमी में फाइनेंशियल स्टेबिलिटी के लिए जरूरी है. तीसरा, लंबे समय से अटके PSU निजीकरण और कंसोलिडेशन, विनिवेश के टारगेट का रोडमैप और सब्सिडी जैसी दिक्कतों को दूर करने के लिए नीतिगत सुधार की जरूरत है.
फिस्कल डेफिसिट पर रहेगी नजर
Geojit Financial Services के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार का कहना है कि FY24 में फिस्कल डेफिसिट पर शेयर बाजार की नजर रहेगी. अगर फिस्कल डेफिसिट 6 फीसदी से ज्यादा रहा तो ये बाजार को निराश कर सकता है. उन्होंने आगे कहा कि कैपिटन गेन्स टैक्स में संभावित बढ़ोतरी से बाजार पर निगेटिव असर पड़ सकता है.
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JARVIS Invest के फाउंडर और सीईओ सुमित चंदा का कहना है कि ऐसी कोई भी खबर या ऐलान, जिससे इकोनॉमी पर सकारात्मक असर पड़े और सैलरीड क्लास के हाथ में ज्यादा पैसा आए तो उससे मार्केट में उछाल देखने को मिल सकता है.
ये ऐलान बाजार को कर सकते हैं खुश
ANMI के प्रेसिडेंट कमलेश शाह का कहना है कि प्राइवेट और सरकारी खर्च, विनिवेश, पीएलआई स्कीम का विस्तार और टैक्स स्लैब में राहत जैसे ऐलानों से बाजार पर पॉजिटिव असर पड़ सकता है. जियोजित फाइनेंशियल्स के बजट का असर शॉर्ट टर्म के लिए होगा.
अमेरिका में महंगाई की चाल पर रहेगी नजर
उनका कहना है कि ग्लोबल इकोनॉमी खासकर अमेरिका में विकास की ग्रोथ को देखते ही मार्केट का ट्रेंड बनेगा. अगर 1 फरवरी के बाद अमेरिकी फेड कमेंट्री सपोर्ट में रहती है और डाटा से पता चले कि अमेरिका में महंगाई दर में गिरावट देखने को मिल रही है तो इससे मार्केट में रैली आ सकती है.
मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हेल्थकेयर, फर्टिलाइजर, इंफ्रास्ट्रक्चर, डिफेंस इंश्योरंस, मैन्युफैक्चरिंग, डिजिटलीकरण (आईटी), कम्यूनिकेशन, एजुकेशन, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज जैसे सेक्टर्स को बजट से फायदा मिल सकता है.
02:35 PM IST