Cabinet Decision: CPSEs बोर्ड को मिले अहम अधिकार; यूनिट बंद करने या उनके विनिवेश पर ले सकेंगे फैसला
Cabinet decision: पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की मीटिंग CPSE की इकाइयों, सब्सिडियरीज को बंद करने व विनिवेश करने का अधिकार निदेशक मंडलों को दिया है.
(File Image: PIB)
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Cabinet decision: मोदी सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को लेकर एक अहम फैसला किया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र के कंपनियों (CPSEs) के बोर्ड को यूनिट व उनकी सब्सिडियरीज को बंद करने और उनका विनिवेश (स्ट्रैटजिक और माइनारिटी स्टेक सेल) करने संबंधी फैसले लेने का अधिकार दिया है. फिलहाल, CPSE या होल्डिंग कंपनी के बोर्ड के पास फाइनेंशियल ज्वाइंट वेंचर या पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरीज बनाने के लिए इक्विटी निवेश करने के अधिकार हैं. हालांकि, इसमें नेटवर्थ की लिमिट तय है.
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, होल्डिंग कंपनी के निदेशक मंडल को अधिकार देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अब वे सब्सिडियरीज/यूनिट/ज्वाइंट वेंचर में हिस्सेदारी को बंद करने (खत्म करने), विनिवेश की प्रक्रिया की सिफारिश कर सकते हैं, इसे शुरू कर सकते हैं.’’
कैबिनेट की लेनी होती थी मंजूरी
अभी तक CPSE या होल्डिंग कंपनी के बोर्ड के पास को यूनिट या सब्सिडियरी यूनिट या ज्वाइंट वेंचर में हिस्सेदारी को खत्म करने या विनिवेश करने का अधिकार नहीं था. हालांकि, कुछ महारत्न कंपनियों के पास इस तरह की सीमित अधिकार थे कि वे अपनी सहायक कंपनियों में कुछ हिस्सेदारी बेच सकती हैं. ज्वाइंट वेंचर में हिस्सेदारी बेचने, सब्सिडियरी या इकाइयों को बंद करने या उनकी कुछ हिस्सेदारी बेचने या स्ट्रैटजिक डिसइन्वेस्टमेंट के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी की आवश्यकता होती है.
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क्या कहते हैं एक्सपर्ट
कैबिनेट के इस फैसले पर जे सागर एसोसिएट्स (JSA) के पार्टनर ललित कुमार का कहना है, यह सरकार का एक अहम और पॉजिटिव कदम है. सरकारी क्षेत्र की कंपनियों को बोर्ड को फैसले लेने के लिए ज्यादा अधिकार देने से उनके पास ज्यादा स्वायत्ता होगी. इन कपंनयिों के बार्ड स्ट्रैटजिक और माइनारिटी स्टेक बेचने का फैसला कर सकेंगे. इसके साथ ही सरकार ने चेक एंड बैलेंस भी सुनिश्चित किया है, ताकि इस तरह की स्वायत्ता अनरेग्युलेटेड न हो जाए. उनका कहना है कि सरकार के इस फैसले से फैसले लेने में तेजी आएगी और ऐसी कंपनियों में सरकारी हिस्सेदोरी के विनिवेश के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी.
04:02 PM IST