Income Tax घटे, बिजनेस करना हो आसान.. जानिए इस साल के बजट से Startups को हैं क्या उम्मीदें
मौजूदा वक्त में भारत में रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स की संख्या 1.18 लाख से भी अधिक हो चुकी है. आइए जानते हैं स्टार्टअप ईकोसिस्टम को इस बार के बजट से क्या उम्मीदें हैं.
देश का बजट 1 फरवरी को पेश होने वाला है. निर्मला सीतारमण ये बजट पेश करेंगी, जो वोट ऑन अकाउंट होगा. मई में चुनाव होने हैं तो इस बजट से उम्मीदें काफी कम हैं, लेकिन फिर भी स्टार्टअप सेक्टर चाहता है कि इस बजट में उनके लिए कुछ खास हो. ऐसा इसलिए क्योंकि देश में स्टार्टअप ईकोसिस्टम तेजी से बढ़ रहा है और सरकार भी इसे खूब प्रमोट करना चाहती है. मौजूदा वक्त में भारत में रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स की संख्या 1.18 लाख से भी अधिक हो चुकी है. आइए जानते हैं स्टार्टअप ईकोसिस्टम को इस बार के बजट से क्या उम्मीदें हैं.
Omnipresent Robot Technologies के फाउंडर आकाश सिन्हा ने कहा कि स्मॉल इंडस्ट्री की हमेशा से ही यह मांग रही है कि जीएसटी को पेमेंट के वक्त लागू किया जाए, ना कि इनवॉइसिंग के वक्त. वहीं एयरोस्पेस इंडस्ट्री में ड्रोन और स्पेस दो सेगमेंट हैं. दोनों बहुत ही हाईटेक तकनीक हैं. दोनों के लिए ही सरकार से सपोर्ट चाहिए, जो मिल भी रहा है. सरकार ने पीएलआई इंसेंटिव 3 साल के लिए दिया है, उम्मीद है कि सरकार इसे फिर से 3 साल के लिए बढ़ाएगी. एग्रीकल्चर में इस्तेमाल होने वाले ड्रोन सरकार की सब्सिडी पर बहुत अधिक निर्भर हैं. सरकार को इसे अगले कुछ सालों तक जारी रखना चाहिए, ताकि किसानों को फायदा हो सके और वह इसे खरीद पाएं.
Chai Sutta Bar के फाउंडर अनुभव दुबे कहते हैं कि सरकार को टैक्स रिफॉर्म करना चाहिए. वह चाहते हैं कि इनकम टैक्स में 2.5 लाख रुपये की टैक्स छूट को कम से कम 5 लाख रुपये किया जाना चाहिए. इससे नौकरीपेशा लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. लोगों के पास पैसे ज्यादा बचेंगे, जिससे डिमांड बढ़ेगी और इकनॉमी बूस्ट होगी. साथ ही वजह कहते हैं कि बिजनेस करना और अधिक आसान बनाने की जरूरत है. सरकार को छोटे बिजनेस को वित्तीय सपोर्ट देना चाहिए, ताकि अधिक से अधिक युवा स्टार्टअप के लिए प्रेरित हों और आगे बढ़ें. साथ ही सरकार को जीएसटी में भी रिफॉर्म करने की जरूरत है. इसके स्लैब में बदलाव होना चाहिए.
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2024 के बजट को लेकर Vibaantta Global Pvt Ltd. के डायरेक्टर पारस सचदेव कहते हैं कि उन्हें सारे क्षेत्रों में बदलाव की उम्मीद है. पिछले दो सालों से सरकार ने एग्रो कमोडिटीज पर कुछ प्रतिबंध लगाए हैं, उस वजह से बिजनेस को रेवेन्यू का नुकसान हो रहा है. पारस की मांग है कि इस बार सरकार इस ओर ध्यान देगी और कुछ कदम उठाएगी, ताकि बिजनेस को नुकसान ना हो. पारस कहते हैं कि यह वो नुकसान है, जो विदेशों से आने वाले रेवेन्यू की वजह से हो रहा है, जो अब रुक सा गया है.
Zetwerk के को-फाउंडर और सीईओ अमृत आचार्य इस बार बजट से उम्मीदों पर बात करते हुए कहते हैं कि अभी हमारे देश के उद्योग में कुछ खास हो रहा है, सरकार का बड़ा समर्थन भी है और साथ-साथ अवसर भी है. हम फिलहाल इस अवसर को 'मेक इन इंडिया' तक सीमित नहीं देखना चाहते हैं. हमारा सोचना है कि इस समय और अवसर को पूर्ण रूप से इस्तेमाल किया जाए, जिससे और भी उद्योगों में अवसर मिलें और बढ़ें. हमारा मानना है कि देश को एक 25-साल का प्लान होना चाहिए जिसमें रिसर्च और डेवलपमेंट्स (R&D), क्लीन टेक्नोलॉजी (Clean technology) और बड़े स्तर पर स्किल्स (Skill Development) का ध्यान रखा जाए है. हम चाहते हैं कि सभी, बड़े और नए निर्माताएं, मिलकर आगे आएं और इस मिशन को भारत का मिशन बनाए.
Uclean के को-फाउंडर और सीईओ अरुणाभ सिन्हा को इस बजट से उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार लॉन्ड्री बिजनेस पर लगने वाले 18 फीसदी जीएसटी में कटौती की उम्मीद कर रही है, जिसके बाद इसे 5 फीसदी किया जा सके. लॉन्ड्री उद्योग निचले तबके के लोगों को रोजगार देता है और उद्योग को फलने-फूलने के लिए अधिक जीएसटी को हटाने की जरूरत है ताकि अधिक लोग सेवाओं का लाभ उठा सकें और समग्र समुदाय वित्तीय रूप से विकसित हो सके. इसके अलावा, सरकार को वाणिज्यिक कपड़े धोने के उपकरणों की खरीद पर ऋण या सब्सिडी प्रदान करने पर विचार करना चाहिए जो बहुत महंगे हैं, जिससे वे बड़े कपड़े धोने वाले समुदाय के लिए अप्राप्य हो जाते हैं.
Washcraft की को-फाउंडर शिल्पी गुप्ता ने कहा कि आगामी बजट में हम महिला उद्यमियों के लिए एक परिवर्तनकारी परिदृश्य की कल्पना करते है, विशेष रूप से लॉन्ड्री इंडस्ट्री में. हम ऐसे बजट की उम्मीद करते हैं जो न केवल महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचाने, बल्कि जो भी बिजनेस करना चाहता है, उन्हें सशक्त बनाने में मदद करे. लॉन्ड्री हर घर के लिए एक निरर्थक, लेकिन रोजमर्रा की जरूरत की चीज़ है. 18% जीएसटी एक नए स्टार्टअप के लिए असामान्य बोझ होता है, क्योंकि कोई भी कस्टमर जीएसटी अलग से देना नहीं चाहता है. वहीं लोकल ड्राई क्लीनर्स जो 95% मार्किट में अपना वर्चस्व रखते हैं और जिनको कोई दस्तावेज भी नहीं रखना होता है, इसलिए उनके ऊपर जीएसटी का कोई दबाब भी नहीं होता है. बजट को लॉन्ड्री इंडस्ट्री के क्षेत्र की फाउंडेशन रखनी चाहिए, जहां महिला उद्यमी आगे आ रही हैं.
Bonito Designs के सीईओ अमित परसुरामका कहते हैं कि देश भर में रियल एस्टेट की बढ़ती मांग के साथ-साथ भारतीय इंटीरियर डिजाइन उद्योग में भी महत्वपूर्ण वृद्धि देखने को मिली है. आगामी अंतरिम केंद्रीय बजट के साथ, हम आशावादी दृष्टिकोण रखते हैं कि यह बजट होम इंटीरियर और रियल एस्टेट बाजार पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा. हम ऐसी नीतियों की उम्मीद रखते हैं, जो किफायती आवास पहल और कम गृह ऋण दरों को बढ़ावा दे. किफायती आवास के लिए गुणवत्ता मानकों को बढ़ाना, घर मालिकों के लिए अपने घरों में पर्यावरण-अनुकूल सामग्री अपनाने जैसे नवाचारों को पेश करने के रास्तों को खोलता है. घर के इंटीरियर बाजार में हितधारकों के रूप में, हम उत्सुकता से एक ऐसे बजट का इंतजार कर रहे हैं जो न केवल वर्तमान आर्थिक चुनौतियों का सामना करे, बल्कि इस क्षेत्र के लिए लचीले और समृद्ध भविष्य की नींव भी रखता हो.
Jenika Ventures के फाउंडर और सीईओ अभिषेक राज कहते हैं कि हम इस साल के बजट में आने वाली बदलाव की लहर का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. आने वाले बजट में, हम उन सरकारी प्रस्तावों की उम्मीद कर रहे हैं जो निवेशकों के लिए एक अनुकूल माहौल बनाते हैं. निवेशकों को आकर्षित करने और जोड़े रखने के लिए तैयार की गई अनुकूल नीतियां, विशेष तौर पर रियल एस्टेट इंडस्ट्री में स्टार्टअप्स की प्रगति को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी. हम उन नीतियों की वकालत करते हैं, जो न सिर्फ़ प्रक्रियाओं को व्यवस्थित करती हैं, बल्कि निवेशकों को वास्तविक लाभ भी प्रदान करती हैं, जिससे पारस्परिक तौर पर लाभकारी इकोसिस्टम का निर्माण होता है.
Relata के सीईओ और फाउंडर Samudragupta Talukdar कहते हैं कि पिछले कुछ सालों में, पीएम आवास योजना जैसी आवास योजनाओं ने यह सुनिश्चित किया है कि अधिक से अधिक नागरिकों को उनके सिर पर छत मिले. हम उम्मीद करते हैं कि आगामी बजट में इस तरह की किफायती आवास योजनाओं को आगे के रणनीतिक स्थानों और क्षेत्रों में विस्तारित किया जाएगा. यह ठीक वैसे हो सकता है जैसे सिडको पीएमएवाई और गैर-पीएमएवाई दोनों योजनाओं के तहत 67,000 से अधिक घरों की योजना बना रहा है. केंद्रीय बजट से दूसरी प्रमुख अपेक्षा नए बाजारों को खोलने और गति लाने के लिए नए क्षेत्रों को जोड़ने के लिए बुनियादी ढांचे को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना है. उद्योग के कुछ दिग्गजों के इस संकेत के मद्देनजर कि घरों की आज की कीमतों का लगभग 45% करों और लेवी में जा रहा है, रियल एस्टेट में कर प्रोत्साहन की तत्काल आवश्यकता है, विशेष रूप से कच्चे माल, भूमि अधिग्रहण और इन्वेंट्री बिक्री पर जीएसटी के संबंध में. आगामी बजट में रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटी) और आंशिक स्वामित्व जैसी अगली पीढ़ी की अवधारणाओं के ढांचे और कार्यान्वयन के विस्तार पर भी ध्यान देना चाहिए.
Atmantan Wellness Centre के को-फाउंडर निखिल कपूर कहते हैं कि यह एक अंतरिम बजट है क्योंकि मई में चुनाव हैं, इसलिए हालांकि हम किसी बड़ी घोषणा की उम्मीद नहीं कर रहे हैं. हालांकि, जब कोई व्यक्ति आयुष-मान्यता प्राप्त कल्याण केंद्रों में जाते हैं या ऑनलाइन स्वास्थ्य योजनाओं की सदस्यता लेते हैं, तो उन्हें कम बीमा प्रीमियम, एलटीए लाभ आदि के साथ स्वास्थ्य में उनके निवेश के लिए पुरस्कृत किया जाना चाहिए. यदि यह प्रदान किया जाता है तो कल्याण उद्योग को अधिक अनुकूल वित्तीय उधार शर्तें और पुनर्भुगतान के लिए लंबी अवधि प्राप्त करने में मदद मिलेगी. चूंकि टिकाऊ यात्रा गति पकड़ रही है, और यह समय की मांग है, सरकार होटल और रिसॉर्ट संपत्तियों को प्रोत्साहित करने और उन्हें LEED आदि जैसे उच्च प्रमाणन प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है.
CYK Hospitalities के डायरेक्टर सिमरनजीत सिंह कहते हैं कि "रेस्तरां मालिकों के रूप में, हम अपने उद्योग को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण पहलुओं पर फोकस की उम्मीद कर रहे हैं. वर्तमान में कच्चे माल पर अधिक जीएसटी चुनौतियों का कारण बन रहा है, जिससे मिल रहे लाभ सीमित हो जा रहे हैं . हम विकास के लिए इसे और अधिक अनुकूल बनाने के लिए, इनमें बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं. बार और रेस्टोरेंट्स के लाइसेंस प्राप्त करने की जटिल प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए एक व्यावसायिक-मित्रप्रिय वातावरण को बढ़ावा देने की आवश्यकता है. इसके अतिरिक्त, इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) प्रणाली की बहाली रेस्तरां क्षेत्र की स्थिरता और समृद्धि का समर्थन करने में एक महत्वपूर्ण कदम होगा.
VRO Hospitality को-फाउंडर डॉन थॉमस कहते हैं कि हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में सर्वकालिक उच्च मांग के साथ, हम आने वाले सालों में बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं. आगामी बजट में नवाचार और प्रगति के दरवाजे खोलने की कुंजी है. इन उद्योगों में अग्रणी के रूप में, हम बजट को आशावाद के साथ देखते हैं. हम ऐसी नीतियों की आशा करते हैं जो हमारे क्षेत्र में हॉस्पिटैलिटी अनुभवों को बढ़ाने और स्वास्थ्य सेवाओं को उन्नत करने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों में निवेश को प्रोत्साहित करती हैं.
06:15 PM IST