बड़े काम की है सुकन्या समृद्धि स्कीम, जानिए योजना से जुड़े सभी सवालों के जवाब
यह योजना 10 साल तक की बेटियों के लिए है, जिस पर वित्त वर्ष 2019-20 के तीसरी तिमाही (अक्टूबर से दिसंबर) लिए सरकार 8.4 फीसदी का ब्याज मिल रहा है.
खाते में बच्ची के पैरेंट्स या कोई भी परिवार का सदस्य पैसे जमा करा सकता है.
खाते में बच्ची के पैरेंट्स या कोई भी परिवार का सदस्य पैसे जमा करा सकता है.
बच्चों के भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए तमाम तरह की योजनाएं हैं. इनमें से एक है ‘सुकन्या समृद्धि योजना’. यह योजना 10 साल तक की बेटियों के लिए है, जिस पर वित्त वर्ष 2019-20 के तीसरी तिमाही (अक्टूबर से दिसंबर) लिए सरकार 8.4 फीसदी का ब्याज मिल रहा है. इसे इनकम टैक्स की धारा 80सी के अंतर्गत रखा गया है. इस खाते में जमा की गई रकम, मिलने वाले ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि टैक्स फ्री होती है. इनकम टैक्स बचाने के लिए इस खाते में आप अधिकतम डेढ़ लाख रुपए का निवेश कर सकते हैं. जानिए योजना के फायदे...
कैसे खुलता है सुकन्या समृद्धि अकाउंट
यह खाता 10 वर्ष तक की बच्चियों के नाम खुलवाया जा सकता है. आप यह खाता तभी खुलवा सकते हैं, जब आप बच्ची के प्राकृतिक या कानूनन अभिभावक हों. आप एक बेटी के नाम एक ही खाता खुलवा सकते हैं. कुल मिलाकर आप दो बेटियों के नाम यह खाता खुलवा सकते हैं, लेकिन अगर दूसरी बच्ची के जन्म के समय आपको जुड़वां बेटी होती है तो आप तीसरा खाता भी खुलवा सकते हैं. यही नियम तीन बच्चे एक साथ पैदा होने पर लागू होता है अगर तीनों बच्चियां हैं.
न्यूनतम और अधिकतम जमा की राशि
सुकन्या समृद्धि खाते में आप शुरू में 1,000 रुपए और उसके बाद 100 रुपए के गुणकों में पैसे जमा करवा सकते हैं. एक फाइनेंशियल ईयर में खाते में अधिकतम 1.5 लाख रुपए जमा कराए जा सकते हैं. खाता खोलने की तारीख से 14 साल बाद तक आप पैसे जमा करवा सकते हैं. फाइनेंशियल ईयर में एक बार न्यूनतम 1,000 रुपए जमा कराना जरूरी है. अगर आप न्यूनतम राशि जमा नहीं करवाते हैं तो आपको 50 रुपए की पेनाल्टी देनी होगी.
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खाते में कौन जमा करा सकता है पैसे
खाते में बच्ची के पैरेंट्स या कोई भी परिवार का सदस्य पैसे जमा करा सकता है. इस खाते पर मिलने वाला ब्याज सालाना जुड़ता है. मतलब, पहले साल मिला ब्याज मूलधन में जुड़ जाएगा और अगले साल ब्याज पर ब्याज यानी कंपाउंडिंग इंट्रस्ट का भी फायदा मिलेगा. जब तक बच्ची 10 साल की नहीं हो जाती तब तक उसके पैरेंट्स ही खाते को ऑपरेट करेंगे. उसके बाद वह खुद भी अकाउंट ऑपरेट कर सकती है. खाता खुलने पर एक पासबुक दी जाएगी, जो बैंक या पोस्ट ऑफिस में पैसे जमा करवाते समय या ब्याज चढ़वाते समय पेश करनी होगी. मैच्योरिटी के समय, खाता बंद करवाते समय भी पासबुक की जरूरत होगी.
कितना मिल रहा है ब्याज
सुकन्या समृद्धि खाते पर मिलने वाला ब्याज सरकार हर साल तय करती है. हालांकि, यह तिमाही आधार पर तय किया जाता है. लेकिन, खाते में इसे सालाना क्रेडिट किया जाता है. साल 2019-20 के लिए फिलहाल ब्याज 8.4 फीसदी है.
अकाउंट कब होगा मैच्योर
बच्ची के 18 साल के होने से पहले आप खाते से पैसे नहीं निकाल सकते. उसके 21 वर्ष के होने पर सुकन्या समृद्धि खाता मैच्योर हो जाएगा. बच्ची के 18 वर्ष के हो जाने पर आंशिक निकासी की सुविधा मिलती है. मतलब, बच्ची के 18 वर्ष के होने पर 50 फीसदी तक राशि निकाल सकते हैं. अगर दुर्भाग्यवश, बच्ची की मृत्यु हो जाती है तो खाता तुरंत बंद हो जाएगा और खाते में जमा रकम पैरेंट्स को सौंप दी जाएगी. इस अकाउंट का ट्रांसफर भारत में कहीं भी करवाया जा सकता है.
खाता खुलवाने की प्रक्रिया
पोस्ट ऑफिस या किसी बैंक की किसी भी ब्रांच में सुकन्या समृद्धि अकाउंट खुलवाया जा सकता है. इसके लिए बच्ची का बर्थ सर्टिफिकेट और अन्य डॉक्युमेंट जैसे आइडेंटिटी और रेजिडेंस प्रूफ देना होता. अकाउंट में पैसा चेक, कैश या डिमांड ड्राफ्ट से जमा हो सकता है. इसके अलावा ऑनलाइन ट्रांसफर की सुविधा भी है.
इनकम टैक्स में मिलने वाला लाभ
सुकन्या समृद्धि अकाउंट धारा 80सी के दायरे में रखा गया है. इसलिए इस खाते में एक फाइनेंशियल ईयर में 1.5 लाख रुपए तक की सेविंग पर इनकम टैक्स छूट मिलती है.
सुकन्या समृद्धि योजना, पीपीएफ और चाइल्ड म्युचुअल फंड की तुलना
सुकन्या समृद्धि योजना, पीपीएफ और चाइल्ड म्युचुअल फंडों की तुलना रिटर्न, लिक्विडिटी और टैक्सेशन के आधार पर कर यह जानते हैं कि कौन सी योजना आपके लिए फायदेमंद हो सकती है.
तुलना का आधार | सुकन्या समृद्धि | PPF | चाइल्ड म्यूचुअल फंड |
किसके नाम से खुल सकता है खाता | केवल बेटी के नाम | किसी के भी नाम | किसी के भी नाम |
उम्र | 10 साल तक | किसी भी उम्र में | 18 साल तक |
कहां खुलवा सकते हैं खाता | पोस्ट ऑफिस/सरकारी बैंक | पोस्ट ऑफिस/सरकारी बैंक/कुछ निजी बैंक | म्युचुअल फंड कंपनी |
साल में कितनी बार पैसे जमा करा सकते हैं | कोई सीमा नहीं (1.5 लाख से ज्यादा नहीं) | साल में 12 बार | कोई सीमा नहीं |
कितना मिलता है रिटर्न | वित्त वर्ष 2019-20 (जुलाई-सितंबर) में 8.4% | वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 7.9% | बाजार से लिंक |
निवेश की सीमा |
न्यूनतम 1,000 रुपए, अधिकतम- 1.5 लाख रुपए |
न्यूनतम- 500 रुपए, अधिकतम- 1.5 लाख रुपए |
न्यूनतम- 500 रुपए |
क्या रेकरिंग डिपॉजिट या सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान का विकल्प है | हां |
नहीं |
हां |
किसी खास वर्ष पैसे जमा न करने पर लगेने वाली पेनाल्टी | 50 रुपए | 50 रुपए | कोई पेनाल्टी नहीं |
जमा पैसे पर टैक्स छूट | 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक | 80C में 1.5 लाख रुपए तक | नहीं |
ब्याज पर लगने वाला टैक्स | टैक्स फ्री | टैक्स फ्री | टैक्स फ्री (एक साल बाद) |
मैच्योरिटी से पहले कब निकाल सकते हैं पैसे | बेटी के 18 साल के होने पर 50 फीसदी | छठे साल के बाद | कभी भी (तीन साल तक निकासी पर एग्जिट लोड लगेगा) |
मैच्योरिटी टाइम | खाता खुलने की तारीख से 21 साल की उम्र तक या शादी के वक्त | खाता खुलवाने के 15 साल बाद | कभी भी कर सकते हैं निकासी (तीन साल तक लगेगा एग्जिट लोड) |
क्या मैच्योरिटी के बाद बढ़ाई जा सकती है निवेश की अवधि | अगर मैच्योरिटी पर खाता बंद नहीं करवाया गया तो उस पर ब्याज मिलना जारी रहेगा | पांच साल के लिए, असीमित बार | निकासी न करने तक |
लिक्विडिटी | बहुत कम | मध्यम दर्ज का | ज्यादा |
08:38 PM IST