क़िस्सा-ए-कंज़्यूमर: अथ श्री Paytm फ्रॉड कथा
'हाथ की सफाई, नज़र का खेल! साहेबान मेहरबान कद्रदान..!' याद है गांव-मोहल्ले में आने वाला वो जादूगर जो सूखी पुआल में बिना माचिस के आग लगा देता था, लकड़ी की पाइप से रुमाल निकाल देता था और रुमाल को कबूतर में बदल देता था?
RBI भी कहता है किसी भी तरह के फाइनेंशियल फ्रॉड की शिकायत तभी मान्य होगी अगर वो 3 दिन के भीतर कराई जाए.
RBI भी कहता है किसी भी तरह के फाइनेंशियल फ्रॉड की शिकायत तभी मान्य होगी अगर वो 3 दिन के भीतर कराई जाए.
'हाथ की सफाई, नज़र का खेल! साहेबान मेहरबान कद्रदान..!' याद है गांव-मोहल्ले में आने वाला वो जादूगर जो सूखी पुआल में बिना माचिस के आग लगा देता था, लकड़ी की पाइप से रुमाल निकाल देता था और रुमाल को कबूतर में बदल देता था? कुछ ऐसी ही हाथ की सफाई आजकल वर्चुअल दुनिया में चल रही है. इंटरनेट और स्मार्टफोन की दुनिया में. वो दुनिया जहां डिजिटल डकैतों के अनगिनत गिरोह एक्टिव हैं. कभी कोई मैसेज आता है, कभी कोई कॉल. और जब तक आपको समझ में आए, बहुत देर हो चुकी होती है. आपके पास पछताने और सिर धुनने के अलावा कोई चारा नहीं बचता. राजकपूर साहब तो कहकर निकल गए- सब कुछ सीखा हमने ना सीखी होशियारी, सच है दुनिया वालों कि हम हैं अनाड़ी, लेकिन जनाब आपके पास अनाड़ी होने का ऑप्शन नहीं है. आज के दौर में अनाड़ी हुए तो खाता साफ हो जाएगा और आप हाथ मलते रह जाएंगे.
यहां मुसीबत बता कर आती है!
जी हां. बस आप उसे पहचान नहीं पाते. तो किस्सा शुरू ऐसे होता है कि आपके मैसेज बॉक्स में बहुत खराब अंग्रेजी में एक मैसेज आता है. बहुत खराब इसलिए क्योंकि उस मैसेज में कोई संबोधन नहीं होता, कोई कॉमा या फुलस्टॉप नहीं होता और अमूमन पूरा मैसेज ऑल-कैप्स में लिखा होता है. और अगर आपने इस बारीकी को तभी नोटिस कर लिया तो हो सकता है किस्सा आगे बढ़े ही नहीं. लेकिन दिक्कत ये है कि किस्सा अक्सर आगे बढ़ जाता है क्योंकि ज्यादातर लोगों को पता नहीं कि ये एक ट्रैप की शुरुआत है. बहरहाल, उस मैसेज में खालिस धमकी होती है कि 'अगले कुछ दिनों में आपका Paytm अकाउंट जो है वो बंद कर दिया जाएगा, उसमें जो भी पैसे हैं वो होल्ड हो जाएंगे क्योंकि आपका KYC कंप्लीट नहीं है.’ इस धमकी के साथ ही ये सुझाव भी होता है कि अगर आप इस सिरदर्द सेबचना चाहते हैं तो दिए गए नंबर पर फोन कीजिए. कई बार तो आपके पास सीधे फोन ही आ जाता है और फोन करने वाला खुद को Paytm का कर्मचारी बताकर यही चेतावनी देता है. कभी-कभी फोन करने वाला ये भी कहता है कि आपका केवाईसी कंप्लीट होने पर आपको 15000 या 17000 रुपए कैशबैक मिलने थे, वो आपको मिले या नहीं? कुल मिलाकर मकसद यही होता है कि आप डरकर या लालच में किसी भी तरह उसके झांसे में आ जाएं.
मैं तो एंवइ-एंवइ-एंवइ-एंवइ लुट गया
Paytm के नाम पर आपसे बात करने वाला वो धूर्त आपसे बार-बार कहेगा- ‘अपने KYC के लिए जो भी करना है आपको खुद करना है, मैं तो सिर्फ आपको प्रॉसेस बताउंगा और आपकी मदद करूंगा’ अगर आपने उसकी बातों पर यकीन कर लिया तो समझिए यहीं से गड़बड़ शुरू हो गई. अब वो देखते ही देखते आपका रिमोट अपने हाथ में ले लेगा और अचानक आप पाएंगे कि आपके अकाउंट से पैसे कम हो रहे हैं, कभी 9000 जा रहा है तो कभी, 12000. वो आपसे लगातार कहता रहेगा कि अरे, कुछ गलत ट्रांजैक्शन हो गया, अभी ठीक हो जाएगा, आपके पैसे वापिस मिल जाएंगे लेकिन दरअसल ऐसा कुछ नहीं होनेवाला. जब तक वो आपको बातों में उलझाए रखेगा तब तक आपके अकाउंट से ट्रांजैक्शन होते रहेंगे, पैसे जाते रहेंगे.
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आखिर ये Paytm फ्रॉड होता कैसे है?
इन जालसाजों के पूरे तौर तरीके को आप अच्छी तरह समझ लीजिए. इतनी अच्छी तरह कि आप खुद भी उनसे बच सकें और दूसरों को भी एजुकेट कर सकें. आपका KYC अपडेट कराने का भरोसा देते हुए ये आपके मैसेज बॉक्स में एक लिंक भेजते हैं. ये एक ऐप का डाउनलोड लिंक होता है. ये ऐप हो सकते हैं- QuickSupport, AnyDesk या फिर TeamViewer. गौर करने की बात ये है कि ये तीनों ही ऐप मिररिंग के लिए इस्तेमाल होते हैं. इसके जरिए आप अपने मोबाइल स्क्रीन का ऐक्सेस किसी दूसरे मोबाइल या लैपटॉप पर कर सकते हैं. ये काफी पुराने ऐप हैं जिनके जरिए किसी खराब पीसी या लैपटॉप को दूर बैठा इंजीनियर ठीक करता है. इनके बिना आईटी कंपनियों का काम ही नहीं चलनेवाला. लेकिन यहां इस ऐप को भेजने वाले का मकसद बहुत खतरनाक है.
इस ‘डाउनलोड’ के आगे डेंजर है!
होता क्या है कि जैसे ही आप उसके भेजे गए लिंक पर क्लिक करके QuickSupport, AnyDesk या फिर TeamViewer डाउनलोड करते हैं, इस पर 9 या 10 डिजिट वाली आईडी आती है. फोन करने वाला कहता है कि ये आईडी Paytm की तरफ से भेजी गई है, वो बता दीजिए. ये आईडी बताने के बाद वो आपसे एक रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करने को कहता है. ये रिमोट ऐक्सेस रिक्वेस्ट होती है जिसे एक्सेप्ट करते ही आपके मोबाइल फोन का स्क्रीन उसे दिखने लगता है. अब वो आपसे कहेगा कि अपना अकाउंट वैरिफाई करने के लिए आप अपने पेटीएम में जाइये और डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या नेट बैंकिंग के जरिए 1 रुपए अपने बैंक खाते से पेटीएम में डालिए. 'सिर्फ 1 रुपए का ट्रांजैक्शन? ये तो वैरिफिकेशन के लिए ही होगा' ऐसा सोचते हुए आप ट्रांजैक्शन के लिए तैयार हो जाते हैं. आपको नहीं पता कि आप अपने मोबाइल पर जो भी डीटेल डाल रहे हैं, वो अपने स्क्रीन पर देख सकता है. अपना डेबिट या क्रेडिट कार्ड नंबर डालते हैं, एक्सपायरी डेट डालते हैं, पीछे लिखा CVV नंबर डालते हैं. ये सब वो नोट कर लेता है. अब उसे सिर्फ ओटीपी की जरूरत है. यहां से सारा खेल टाइमिंग का है क्योंकि आगे सब कुछ बहुत तेजी से होने वाला है.
1 रुपए का ट्रांजैक्शन कर देता है ‘कंगाल’
आप 1 रुपए ट्रांजैक्शन करते हैं, और इसके लिए ओटीपी भी आता है, लेकिन आप ये देखकर हैरान हो जाते हैं कि ये ओटीपी आया है 45,000 या 49,000 रुपए जैसे बड़े अमाउंट के लिए. जब तक आप हैरानी से ओटीपी का मैसेज पढ़ते हैं तब तक रुपए कट चुके होते हैं क्योंकि ये ओटीपी का मैसेज वो भी देख रहा है और उसने फटाफट इसका इस्तेमाल भी कर डाला है. दरअसल जिस समय आप 1 रुपए का ट्रांजैक्शन इनीशिएट कर रहे होते हैं, उसी वक्त आपसे ठीक पहले वो एक बड़े अमाउंटका ट्रांजैक्शन इनीशिएट कर देता है. उसकी स्पीड आपसे तेज होती है. आपके मोबाइल पर आनेवाले ओटीपी को वो आपसे पहले इस्तेमाल कर लेता है. आप जब तक हैरानी से उबरने की कोशिश करते हैं, एक के बाद एक कई ट्रांजैक्शन होते जाते हैं. ये सभी ट्रांजैक्शन 50,000 से कम होते हैं क्योंकि ये अक्सर ये वन टाइम ऑनलाइन ट्रांजैक्शन की लिमिट होती है. आप मैसेज देखते रहते हैं, हर मैसेज में ओटीपी होता है जिसे लेकर वो आसानी से पैसे निकालता जाता है. और इस तरह कुछ ही सेकेंड्स में आपके बैंक का सारा पैसा लूट लिया जाता है.
इन पंटरों से Paytm भी है परेशान
कुछ लोगों को तोमैसेज में paytm.org का लिंक भी आया लेकिन असली जैसा दिखने वाला ये लिंक दरअसल नकली होता है. पेटीएम ने खुद एडवाइजरी जारी की है कि अगर कोई आपको कॉल करके बोले कि आपके Paytm केवाईसी की सीमा समाप्त हो गई है और वो आपका केवाईसी फोन या एसएमएस के जरिए करवा देंगे तो कभी उसकी बात न मानें. अगर वो कहे कि आपके अकाउंट वैरिफिकेशन के लिए या फिर आपको कैशबैक देने के लिए वो आपको एक एसएमएस लिंक भेज रहा है तो उस एसएमएस को फौरन डिलीट कर दें. याद रखिए Paytm का फुल केवाईसी सिर्फ Paytm एजेंट के साथ आमने-सामने बैठकर ही कराया जा सकता है, किसी एसएमएस या फोन के जरिए नहीं. Paytm का कोई भी कर्मचारी आपसे कभी भी पिन, ओटीपी, पासवर्ड या फिर आपके डेबिट/क्रेडिटकार्ड का पिन या सीसीवी नंबर नहीं मांगेंगे. 19 नवंबर को खुद Paytm के मालिक विजयशेखर शर्मा ने ट्वीट किया था- हम कभी आपसे केवाईसी करने के लिए कोई ऐप डाउनलोड करने को नहीं कहते.. ऐसा कोई एसएमएस भी नहीं करते, ये धोखेबाज लोग हैं जो आपका पैसा हड़पना चाहते हैं.
तू डाल-डाल, मैं पात-पात
साइबर लुटेरों से बचना है तो समझदारी में ही सुरक्षा है. पहली बात तो ये कि किसी भी ऐसे ऐप को डाउनलोड न करें जिसके बारे में आप जानते न हों. दूसरी बात, किसी अनजान शख्स को अपने मोबाइल या लैपटॉप का रिमोट ऐक्सेस न दें. अगर आपने किसी जान-पहचान वाले इंजीनियर को रिमोट ऐक्सेस दिया है तो उस दौरान कोई भी फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन न करें. और अगर कहीं गलती से आप ऐसे किसी जाल में फंस भी गए तो फौरन अपने मोबाइल का इंटरनेट बंद कर दीजिए ताकि रिमोट ऐक्सेस का कनेक्शन कट जाए और कोई आपके मोबाइल पर आनेवाला ओटीपी न देख पाए.
चपत लग गई तो भी चारा है
खुदा न खास्ता अगर गलती हो गई तो भी दिल छोटा करने की जरूरत नहीं है. फौरन अपने बैंक में कॉल करके कार्ड ब्लॉक करा दीजिए और पुलिस को एफआईआर कराइये. ये दोनों काम जितनी जल्दी करेंगे आपका पैसा वापस मिलने के चांस उतने ज्यादा होंगे. आरबीआई भी कहता है किसी भी तरह के फाइनेंशियल फ्रॉड की शिकायत तभी मान्य होगी अगर वो 3 दिन के भीतर कराई जाए. तो इस काम में देर बिल्कुल न करें. इसके बाद अपने कंप्लेंट को लगातार फॉलो करते रहें. कई मामलों में बैंक ने पैसे वापस भी दिए हैं, इसलिए उम्मीद नहीं छोड़ने का.
(लेखक ज़ी बिज़नेस डिजिटल से जुड़े हैं)
12:39 PM IST