इन जवानों को मिलेगा पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ, लिया गया बड़ा निर्णय
पुलवामा में शहीद हुए अर्धसैनिक बलों के जवानों के परिजनों को पुरानी पेंशन व्यवस्था के तहत ही पेंशन का लाभ दिया जाएगा.
पुलवामा के शहीदों के परिजनों को मिलेगा पुरानी पेंशन का लाभ (फाइल फोटो)
पुलवामा के शहीदों के परिजनों को मिलेगा पुरानी पेंशन का लाभ (फाइल फोटो)
पुलवामा में शहीद हुए अर्धसैनिक बलों के जवानों के परिजनों को पुरानी पेंशन व्यवस्था के तहत ही पेंशन का लाभ दिया जाएगा. गौरतलब है कि देश में 2004 के बाद भर्ती होने वाले कर्मचारियों को नई पेंशन व्यवस्था के तहत पेंशन दी जाती है. इसका कर्मचारी काफी विरोध भी कर रहे हैं.
हिंदी के अखबार हिन्दुस्तान की एक रिपोर्ट के अनुसार शहीद की पत्नी को आखिरी बेसिक पे के बराबर पेंशन पूरे जीवन दी जाएगी. दरअसल देश में शहीद की विधवा को पूरी पेंशन देने की व्यवस्था है. जबकि जवान अगर अविवाहित है तो उसके माता पिता को 70 फीसदी पेंशन दिए जाने की व्यवस्था है.
अगर माता पिता में से किसी एक का देहांत हो जाता है तो पेंशन का लाभ 60 फीसदी तक मिलता है. विधवा पत्नी के पुनर्विवाह के मामले में सामान्य पारिवारिक पेंशन की व्यवस्था 30 फीसदी तक है. शहीदों के परिजनों को एलपीए सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि 2004 के पहले ज्वाइन करने वाले जवान हों या 2004 के बाद ज्वाइन करने वाले जवान, उनके परिजनों को लिब्रलाइज्ड पेंशन अवार्ड मिलेगा. नई पेंशन व्यवस्था का इस पर कोई प्रभाव नहीं होगा.
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सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार असाधारण परिस्थितयों में हुई घटानाओं में जवानों के लिए असाधारण पेंशन नियम के तहत फैसले लिए जाते हैं. इसके लिए अन्य नियमों से कोई फर्क नहीं पड़ता है.
अर्धसैनिक बलों से जुड़े संगठनों की मांग रही है कि उन्हें सेना की तरह ही वन रेंक वन पेंशन दी जाए. साथ ही जनवरी 2004 के बाद भर्ती होने वाले को भी पुरानी पेंशन व्यवस्था का लाभ दिया जाए. देश के लाखों जवान अर्धसैनिक बल के रूप में बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, सीआईएसएफ और असम रायफल्स में देश की सेवा कर रहे हैं.
09:15 AM IST