PPF अकाउंट के मैच्योर होने पर इन्वेस्टर को मिलते हैं तीन विकल्प, आपने भी निवेश किया है तो जरूर जान लें
Public Provident Fund में अकाउंट होल्डर को 15 सालों तक निवेश करना होता है, इसके बाद स्कीम मैच्योर होती है. मैच्योरिटी के समय निवेशक को तीन तरह के विकल्प दिए जाते हैं, जिनके बारे में तमाम लोगों को नहीं पता. यहां जानिए.
PPF अकाउंट के मैच्योर होने पर इन्वेस्टर को मिलते हैं तीन विकल्प, आपने भी निवेश किया है तो जरूर जान लें
PPF अकाउंट के मैच्योर होने पर इन्वेस्टर को मिलते हैं तीन विकल्प, आपने भी निवेश किया है तो जरूर जान लें
पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ (Public Provident Fund- PPF) लोगों के बीच काफी पॉपुलर है. कोई भी भारतीय नागरिक इस स्कीम में निवेश कर सकता है. इस स्कीम में 7.1 फीसदी के हिसाब से कंपाउंडिंग इंटरेस्ट (Compounding Interest) का फायदा मिलता है. गारंटीड रिटर्न देने वाली ये सरकारी स्कीम काफी लोकप्रिय है. पीपीएफ 15 साल में मैच्योर (PPF Maturity) होती है. मैच्योरिटी के समय इसमें निवेशक को तीन ऑप्शन (PPF Maturity Options) दिए जाते हैं. अगर आपने भी इस स्कीम में निवेश किया है तो आपको इसके बारे में जरूर मालूम होना चाहिए.
पहला विकल्प
पीपीएफ के मैच्योर होने के बाद आप ब्याज समेत पूरी रकम को निकाल सकते हैं और इसे अपने हिसाब से कहीं भी इस्तेमाल कर सकते हैं. पूरी राशि को अपने बचत खाते में ट्रांसफर करने के लिए आपको बैंक या पोस्ट ऑफिस जहां भी पीपीएफ खाता खोला गया है, वहां एक फॉर्म जमा करना होता है. इसके कुछ दिनों में ब्याज समेत आपका पूरा पैसा अकाउंट में आ जाता है.
दूसरा विकल्प
अगर आप चाहें तो पीपीएफ खाते में अपना कॉन्ट्रीब्यूशन आगे भी जारी रख सकते हैं और इस खाते को अगले 5 साल के लिए एक्सटेंड करवा सकते हैं. इसके लिए आपको बैंक या पोस्ट ऑफिस, जहां भी खाता है, वहां एक एप्लीकेशन देनी होगी. ये एप्लीकेशन आपको मैच्योरिटी की तारीख से 1 साल पूरा होने के पहले देनी होगी और एक्सटेंशन के लिए एक फॉर्म भरना होगा. फॉर्म उसी पोस्ट ऑफिस/बैंक ब्रांच में जमा होगा, जहां PPF अकाउंट खोला गया है. अगर आप समय रहते इस फॉर्म को जमा नहीं कर पाते हैं, तो आप अकाउंट में अपना योगदान नहीं दे पाएंगे. इन 5 सालों के दौरान जरूरत पड़ने पर आप पैसा निकाल भी सकते हैं.
तीसरा विकल्प
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आप चाहें तो 15 साल बाद निवेश को जारी रखे बगैर भी अपनी जमा रकम पर ब्याज ले सकते हैं. इसके लिए आपको बैंक या पोस्ट ऑफिस को सूचित करना जरूरी नहीं होता. अगर आप 15 साल की मैच्योरिटी के बाद रकम नहीं निकालते हैं, तो ये विकल्प अपने आप लागू हो जाता है. आप इस अकाउंट से कभी भी और कितना भी पैसा निकाल सकते हैं. चाहें तो पूरा पैसा भी निकाल सकते हैं. इसमें आपको एफडी और सेविंग अकाउंट की सुविधा मिलती है.
पीपीएफ के फायदे
पीपीएफ अकाउंट में छोटी राशि जमा करके भी आप अच्छा खासा पैसा जोड़ सकते हैं. अगर आप इस स्कीम में हर महीने 2000 रुपए जमा करते हैं, तो सालाना 24,000 रुपए जमा करेंगे. ऐसे में 15 सालों में आप 3,60,000, रुपए जमा करेंगे और 7.1 के हिसाब से आपको 2,90,913 रुपए ब्याज के तौर पर मिलेंगे और आपके 15 सालों में 6,50,913 रुपए इकट्ठे हो जाएंगे. वहीं अगर आप इस स्कीम में 5 साल और निवेश जारी रखें तो 10,65,326 रुपए जोड़ लेंगे.
इसके अलावा पीपीएफ पर आपको टैक्स बेनिफिट्स भी मिलते हैं. ये स्कीम EEE कैटेगरी में आती है, इसलिए स्कीम में किए गए पूरे निवेश पर आपको टैक्स छूट का फायदा मिलता है. साथ ही निवेश पर मिलने वाले ब्याज और मैच्योरिटी की कुल रकम पर किसी तरह का टैक्स नहीं देना पड़ता. इसमें इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत सालाना 1.5 लाख तक के निवेश पर टैक्स छूट का फायदा लिया जा सकता है.
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03:00 PM IST