EPF और PPF में निवेश में है अंतर, यहां जानें कितना मिलता है रिटर्न और क्या हैं शर्तें
Provident Fund: EPF रिटायरमेंट फंड बॉडी EPFO या कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा पेश किया जाता है, जबकि PPF बैंकों और डाकघरों द्वारा पेश किया जाता है. पीपीएफ हिंदू अविभाजित परिवारों यानी HUF द्वारा नहीं खोला जा सकता है.
PPF खाता, 15 वर्ष की अवधि में परिपक्व होता है.(फोटो - डीएनए)
PPF खाता, 15 वर्ष की अवधि में परिपक्व होता है.(फोटो - डीएनए)
भविष्य निधि के मामले में अलग-अलग दो बचत योजनाएं हैं. एक है कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) और दूसरा है, सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF). हालांकि दोनों बचत योजनाओं का लक्ष्य लंबे समय बाद एक तय पूंजी की बचत करना होता है, लेकिन इन दोनों में कुछ अंतर भी है. ईपीएफ किसी नौकरी करने वाले व्यक्ति के वेतन से एक अनिवार्य योगदान है. वैसी कोई भी कंपनी जिनके यहां 20 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं, उन्हें कर्मचारी का ईपीएफ काटना होता है. पीपीएफ इससे अलग है. पीपीएफ में निवेश कोई भी सामान्य भारतीय नागरिक अपने स्तर से कर सकता है. यह आयकर लाभ के साथ एक वैकल्पिक निवेश विकल्प भी है.
EPF रिटायरमेंट फंड बॉडी EPFO या कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा पेश किया जाता है, जबकि PPF बैंकों और डाकघरों द्वारा पेश किया जाता है. सार्वजनिक बचत निधि (संशोधन) योजना, 2016 को राष्ट्रीय बचत संगठन द्वारा 1968 में छोटी बचत जुटाने के लिए शुरू किया गया था. आइए हम यहां ईपीएफ और पीपीएफ के बीच के अंतर को समझते हैं.
पीपीएफ हिंदू अविभाजित परिवार नहीं खोल सकते
ईपीएफ निवेश वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए होता है. दूसरी ओर, पीपीएफ खाता किसी भी निवासी भारतीय द्वारा खोला जा सकता है, जो वेतनभोगी या गैर-वेतनभोगी हो सकते हैं. हालांकि, इसे हिंदू अविभाजित परिवारों यानी HUF द्वारा नहीं खोला जा सकता है.
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
निवेश में योगदान
ईपीएफ के मामले में, एक ग्राहक EPF के प्रति अपने मासिक वेतन का 12 प्रतिशत योगदान देता है. नियोक्ता की तरफ से भी 12 प्रतिशत के बराबर राशि का भुगतान किया जाता है. नियोक्ता के हिस्से में से 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना या ईपीएस में निवेश किया जाता है, जिसे ईपीएफओ द्वारा चलाया जाता है, जबकि शेष राशि ईपीएफ में निवेश की जाती है. पीपीएफ के मामले में, न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1,50,000 लाख रुपये तक की राशि प्रति वर्ष जमा किया जा सकता है.
(रॉयटर्स)
ब्याज दर भी अलग
बात अगर दोनों विकल्पों पर मिलने वाले ब्याज की करें तो वर्तमान में, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ईपीएफ जमा पर 8.65 प्रतिशत की ब्याज दर प्रदान करता है. इस बीच, मौजूदा तिमाही के लिए पीपीएफ पर ब्याज दर 8 फीसदी तय की गई है. PPF में जमा वार्षिक आधार पर कंपाउंड किए जाते हैं.
ऐसे में ईपीएफ खाता हो जाता है बंद
अगर किसी कर्मचारी ने स्थायी रूप से नौकरी छोड़ दी है तो इस दौरान ईपीएफ खाता बंद किया जा सकता है. साथ ही ईपीएफ को सेवानिवृत्ति तक कंपनियों को बदलते समय भी स्थानांतरित किया जा सकता है. दूसरी ओर PPF खाता, 15 वर्ष की अवधि में परिपक्व होता है. यानी इसकी लॉक इन पीरियड 15 साल के लिए है.
हालांकि, पीपीएफ अंशधारक द्वारा आवेदन करने पर, इसे प्रत्येक वर्ष के एक या अधिक ब्लॉक के लिए बढ़ाया जा सकता है. कुछ विशेष परिस्थितियों में ईपीएफ खाते के मामले में आंशिक निकासी की अनुमति है. पीपीएफ खाता आंशिक निकासी की भी अनुमति देता है जो कि खाता खोलने के वर्ष से सातवें वित्तीय वर्ष से किया जा सकता है.
01:31 PM IST