PM मोदी का ऐलान- टैक्स सिस्टम में बड़ा सुधार, टैक्सपेयर्स को मिले 3 बड़े अधिकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये प्लेटफॉर्म 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की शुरुआत है, जिसमें फेसलैस असेसमेंट-अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर जैसे बड़े रिफॉर्म हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार को एक नए खास प्लेटफॉर्म की शुरुआत की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार को एक नए खास प्लेटफॉर्म की शुरुआत की.
ईमानदार टैक्सपेयर्स को प्रोत्साहन और टैक्स सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार को एक नए खास प्लेटफॉर्म की शुरुआत की. इस प्लेटफॉर्म का नाम 'ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन: ऑनरिंग द ऑनेस्ट' दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये प्लेटफॉर्म 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की शुरुआत है, जिसमें फेसलैस असेसमेंट-अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर जैसे बड़े रिफॉर्म हैं.
पीएम मोदी ने कहा फेसलैस अपील की सुविधा 25 सितंबर यानि दीन दयाल उपाध्याय जी के जन्मदिन से पूरे देशभर में नागरिकों के लिए उपलब्ध हो जाएगी. अब टैक्स सिस्टम भले ही फेसलैस हो रहा है, लेकिन टैक्सपेयर को ये Fairness और Fearlessness का विश्वास देने वाला है.
#BreakingNews | PM मोदी ने ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन: ऑनरिंग द ऑनेस्ट प्लेटफॉर्म को लॉन्च किया
— Zee Business (@ZeeBusiness) August 13, 2020
> स्ट्रक्चरल रिफॉर्म आज नए पड़ाव पर पहुंचा है: PM मोदी
> ईमानदार टैक्सपेयर्स को डरने की जरूरत नहीं: PM मोदी
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PM मोदी के भाषण की बड़ी बातें
- बीते 6 वर्षों में हमारा फोकस रहा है, Banking the Unbanked Securing the Unsecured और Funding the Unfunded. आज एक तरह से एक नई यात्रा शुरू हो रही है.
- पीएम मोदी ने कहा Honoring the Honest- ईमानदार का सम्मान. देश का ईमानदार टैक्सपेयर राष्ट्रनिर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है. जब देश के ईमानदार टैक्सपेयर का जीवन आसान बनता है, वो आगे बढ़ता है, तो देश का भी विकास होता है, देश भी आगे बढ़ता है.
- आज से शुरू हो रहीं नई व्यवस्थाएं, नई सुविधाएं, Minimum Government, Maximum Governance के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत करती हैं. ये देशवासियों के जीवन से सरकार को, सरकार के दखल को कम करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है.
- आज हर नियम-कानून को, हर पॉलिसी को Process और Power Centric अप्रोच से बाहर निकालकर उसको People Centric और Public Friendly बनाने पर बल दिया जा रहा है. ये नए भारत के नए गवर्नेंस मॉडल का प्रयोग है और इसके सुखद परिणाम भी देश को मिल रहे हैं.
- अब देश में माहौल बनता जा रहा है कि कर्तव्य भाव को सर्वोपरि रखते हुए ही सारे काम करें. सवाल ये कि बदलाव आखिर कैसे आ रहा है? क्या ये सिर्फ सख्ती से आया है? क्या ये सिर्फ सज़ा देने से आया है? नहीं, बिल्कुल नहीं.
- एक दौर था जब हमारे यहां Reforms की बहुत बातें होती थीं. कभी मजबूरी में कुछ फैसले लिए जाते थे, कभी दबाव में कुछ फैसले हो जाते थे, तो उन्हें Reform कह दिया जाता था. इस कारण इच्छित परिणाम नहीं मिलते थे. अब ये सोच और अप्रोच, दोनों बदल गई है.
- हमारे लिए Reform का मतलब है, Reform नीति आधारित हो, टुकड़ों में नहीं हो, Hollistic हो और एक Reform, दूसरे Reform का आधार बने, नए Reform का मार्ग बनाए. और ऐसा भी नहीं है कि एक बार Reform करके रुक गए। ये निरंतर, सतत चलने वाली प्रक्रिया है.
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— PMO India (@PMOIndia) August 13, 2020
PM मोदी के भाषण की बड़ी बातें
- भारत के टैक्स सिस्टम में Fundamental और Structural Reforms की ज़रूरत इसलिए थी क्योंकि हमारा आज का ये सिस्टम गुलामी के कालखंड में बना और फिर धीरे धीरे Evolve हुआ. आज़ादी के बाद इसमें यहां वहां थोड़े बहुत परिवर्तन किए गए, लेकिन Largely सिस्टम का Character वही रहा.
- जहां Complexity होती है, वहां Compliance भी मुश्किल होता है. कम से कम कानून हो, जो कानून हो वो बहुत स्पष्ट हो तो टैक्सपेयर भी खुश रहता है और देश भी. बीते कुछ समय से यही काम किया जा रहा है. अब जैसे, दर्जनों taxes की जगह GST आ गया.
- अब हाईकोर्ट में 1 करोड़ रुपए तक के और सुप्रीम कोर्ट में 2 करोड़ रुपए तक के केस की सीमा तय की गई है. ‘विवाद से विश्वास’ जैसी योजना से कोशिश ये है कि ज्यादातर मामले कोर्ट से बाहर ही सुलझ जाएं.
- प्रक्रियाओं की जटिलताओं के साथ-साथ देश में Tax भी कम किया गया है. 5 लाख रुपए की आय पर अब टैक्स जीरो है. बाकी स्लैब में भी टैक्स कम हुआ है. Corporate tax के मामले में हम दुनिया में सबसे कम tax लेने वाले देशों में से एक हैं.
- कोशिश ये है कि हमारी टैक्स प्रणाली Seamless हो, Painless हो, Faceless हो. Seamless यानि टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन, हर टैक्सपेयर को उलझाने के बजाय समस्या को सुलझाने के लिए काम करे. Painless यानि टेक्नॉलॉजी से लेकर Rules तक सबकुछ Simple हो.
- अभी तक होता ये है कि जिस शहर में हम रहते हैं, उसी शहर का टैक्स डिपार्टमेंट हमारी टैक्स से जुड़ी सभी बातों को हैंडल करता है. स्क्रूटनी हो, नोटिस हो, सर्वे हो या फिर ज़ब्ती हो, इसमें उसी शहर के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की, आयकर अधिकारी की मुख्य भूमिका रहती है.
- टैक्सपेयर्स चार्टर भी देश की विकास यात्रा में बहुत बड़ा कदम है.
- अब टैक्सपेयर को उचित, विनम्र और तर्कसंगत व्यवहार का भरोसा दिया गया है. यानि आयकर विभाग को अब टैक्सपेयर की Dignity का, संवेदनशीलता के साथ ध्यान रखना होगा. अब टैक्सपेयर की बात पर विश्वास करना होगा, डिपार्टमेंट उसको बिना किसी आधार के ही शक की नज़र से नहीं देख सकता.
- वर्ष 2012-13 में जितने टैक्स रिटर्न्स होते थे, उसमें से 0.94 परसेंट की स्क्रूटनी होती थी. वर्ष 2018-19 में ये आंकड़ा घटकर 0.26 परसेंट पर आ गया है. केस की स्क्रूटनी, करीब-करीब 4 गुना कम हुई है.
- स्क्रूटनी का 4 गुना कम होना, अपने आप में बता रहा है कि बदलाव कितना व्यापक है. बीते 6 वर्षों में भारत ने tax administration में governance का एक नया मॉडल विकसित होते देखा है.
- इन सारे प्रयासों के बीच बीते 6-7 साल में इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या में करीब ढाई करोड़ की वृद्धि हुई है. लेकिन ये भी सही है कि 130 करोड़ के देश में ये अभी भी बहुत कम है. इतने बड़े देश में सिर्फ डेढ़ करोड़ साथी ही इनकम टैक्स जमा करते हैं.
- जो टैक्स देने में सक्षम हैं, लेकिन अभी वो टैक्स नेट में नहीं है, वो स्वप्रेरणा से आगे आएं, ये मेरा आग्रह है और उम्मीद भी. आइए, विश्वास के, अधिकारों के, दायित्वों के, प्लेटफॉर्म की भावना का सम्मान करते हुए, नए भारत, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करें.
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इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार की ओर से टैक्सपेयर्स को फायदा पहुंचाने के लिए इस प्लेटफॉर्म की शुरुआत की गई है. इसमें टेक्नोलॉजी, डाटा का इस्तेमाल किया गया है जिससे लोगों को आसानी होगी. आयकर विभाग ने इस कार्यक्रम के तहत टैक्सपेयर्स को कई तरह की छूट दी हैं, साथ ही उनके साथ न्याय करने का वादा किया है.
11:44 AM IST