PACL Chit Fund: 19 लाख से ज्यादा निवेशकों को वापस मिला अपना पैसा, जानिए पूरा मामला
PACL Chit Fund: पीएसीएल लिमिटेड (PACL Ltd) के 19 लाख से ज्यादा निवेशकों को 920 करोड़ रुपये वापस किये गए हैं.
अवैध तरीके से जुटाए थे 60 हजार करोड़ रुपये. (Image- Pixabay)
अवैध तरीके से जुटाए थे 60 हजार करोड़ रुपये. (Image- Pixabay)
PACL Chit Fund: पीएसीएल लिमिटेड (PACL Ltd) के 19 लाख से ज्यादा निवेशकों को 920 करोड़ रुपये वापस किये गए हैं. इन निवेशकों का कंपनी के ऊपर 17,000 करोड़ रुपये का दावा है. बाजार नियामक सेबी ने यह जानकारी दी. कंपनी ने कृषि (Agriculture) और रियल एस्टेट (Real Estate) कारोबार के नाम पर लोगों से पैसा जुटाया था. अवैध रूप से सामूहिक निवेश योजना के अंतर्गत 18 साल के दौरान 60,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाये गए थे.
रिटायर्ड न्यायाधीश आर एम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली समिति ने पीएसीएल (PACL) के निवेशकों के लिये चरणबद्ध तरीके से निवेश राशि वापस करने की प्रक्रिया शुरू की थी. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की वेबसाइट के अनुसार, अबतक समिति ने सफलतापूर्वक 19,61,690 आवेदनकर्ताओं को 919.91 करोड़ लौटाए हैं. इनका बकाया (मूल राशि) 17,000 करोड़ रुपये तक है.
ये भी पढ़ें- Business Ideas: शुरू करें केले की खेती, सरकार देगी 62,500 रुपये, सब्सिडी पाने के लिए जल्द करें अप्लाई
20 मार्च तक क्लेम करने का था मौका
TRENDING NOW
समिति ने फरवरी में निवेशकों से पीएसीएल (PACL) से प्राप्त मूल प्रमाणपत्र देने को कहा था ताकि उनका पैसा सत्यापन के बाद वापस किया जा सके. मूल प्रमाणपत्र स्वीकार करने की तिथि 27 फरवरी से 20 मार्च, 2023 थी. समिति ने बाद में मूल प्रमाणपत्र जमा करने में निवेशकों को होने वाली कठिनाइयों पर विचार करने के बाद मूल प्रमाणपत्रों पर जोर दिए बिना पैसे वापस करने का फैसला लिया. इस हिसाब से 1.14 लाख आवेदकों को 85.68 करोड़ रुपये का भुगतान लौटा दिया गया. इससे पहले, 15,000 रुपये तक के दावों वाले कुल 3,747 आवेदकों को 2.45 करोड़ रुपये का रिफंड मिला था.
ये भी पढ़ें- ड्रोन पायलट बनकर करें कमाई, सरकार दे रही ट्रेनिंग, जानिए फीस और जरूरी बातें
क्या है पूरा मामला?
चर्चित पर्ल ग्रुप (PACL) ने कृषि और रियल एस्टेट कारोबार के नाम पर रिटेल इन्वेस्टर्स से बड़ी राशि जुटाई थी. SEBI के मुताबिक, इस कंपनी ने 18 साल के अंदर निवेशकों से करीब 60,000 करोड़ रुपए गैरकानूनी ढंग से जुटाए थे. पर्ल्स ने निवेशकों से पैसा जुटाने के लिए उन्हें आकर्षक ब्याज दर की पेशकश की, जबकि एजेंट को तगड़ा कमीशन दिया. ऐसे में ब्याज और कमीशन के लालच में बड़ी संख्या में लोगों ने अपना पैसा लगा दिया. सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद SEBI ने एक्शन लेते हुए अब निवेशकों को रिफंड दिला रही है.
ये भी पढ़ें- किसानों के लिए जरूरी खबर! ऐसे करें असली और नकली खाद की पहचान, जानिए आसान तरीका
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
ये भी पढ़ें- Success Story: 60 दिन की ट्रेनिंग में मिला कमाल का बिजनेस आइडिया, एक साल में कमा लिया ₹10 लाख
05:36 PM IST