Small Cap Funds में कितना निवेश करना चाहिए? ज्यादा लालच के चक्कर में हो सकता है बड़ा नुकसान
Small Cap Funds में बीते तीन महीने में करीब 11 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया गया है. रीटेल निवेशकों का यह ट्रेंड खतरनाक हो सकता है. जानिए स्मॉलकैप और Midcap Funds में निवेश को लेकर क्या स्ट्रैटेजी होनी चाहिए.
इस समय स्मॉलकैप फंड्स (Small Cap Funds) और मिडकैप फंड्स के बिना म्यूचुअल फंड निवेश को लेकर किसी तरह की चर्चा अधूरी है. हाई रिटर्न के कारण पिछले कुछ समय से निवेशक इन दो फंड्स में भर-भर कर निवेश कर रहे हैं. अप्रैल-जून तिमाही में स्मॉलकैप फंड्स में कुल 10935 रुपए निवेश किए गए, वहीं मिडकैप फंड्स (Midcap Funds) में कुल 4734 करोड़ रुपए का इन्फ्लो रहा. रीटेल इन्वेस्टर्स (Retail Investors) के लिए यह ट्रेंड अलार्मिंग है, क्योंकि वे यहां पर अग्रेसिव एक्सपोजर ले रहे हैं.
Small Cap Funds का रिटर्न हिस्ट्री
वैल्यु रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि अगर आप भी इस ट्रेंड में शामिल होने जा रहे हैं तो इस डेटा को समझना जरूरी है. 2014 में स्मॉलकैप फंड्स (Small Cap Mutual Funds) ने औसतन 87 फीसदी का रिटर्न दिया था. 2015 और 2016 में यह रिटर्न 10.32 फीसदी और 5.18 फीसदी रहा. 2017 में इस कैटिगरी के फंड का औसत रिटर्न 54.54 फीसदी था. 2018 में इसने 18.71 फीसदी का निगेटिव रिटर्न दिया. 2019 में भी निवेशकों को 1.47 फीसदी का निगेटिव रिटर्न मिला. 2020 में इसने 30.53 फीसदी का पॉजिटिव रिटर्न दिया. 2021 का रिटर्न 63.1 फीसदी रहा जबकि 2022 में इसने फिर निवेशकों को निगेटिव रिटर्न दिया था.
इन 3 Small Cap Funds ने एकमुश्त निवेश लेने से मना किया
निवेशकों के अग्रेसिव ट्रेंड का ही नतीजा है कि Nippon India Small Cap Fund, SBI Small Cap Fund और Tata Small Cap Fund ने फिलहाल एकमुश्त निवेश लेने से मना कर दिया है. SIP निवेशकों पर इसका कोई असर नहीं होगा. निप्पॉन इंडिया का फंड साइज करीब 32 हजार करोड़ रुपए का है. एसबीआई स्मॉलकैप फंड का साइज 18600 करोड़ रुपए से ज्यादा का है. वहीं, टाटा स्मॉलकैप फंड का साइज 5200 करोड़ से थोड़ा ज्यादा है. इनके फंड मैनेजर के पास अब स्पेस नहीं है कि नए फंड को कहीं निवेश कर पाएं.
Small Cap Funds और मिडकैप में कितना रखें एक्सपोजर?
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
वैल्यु रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि रीटेल निवेशकों (Retail Investors) को अलर्ट होने की जरूरत है. उन्हें अपने पोर्टफोलियो में 20 फीसदी तक ही स्मॉलकैप फंड्स (Small Cap Funds) और मिडकैप फंड्स (Midcap Funds) में एक्सपोजर लेना चाहिए. निवेश का नजरिया कम से कम 5-7 सालों का होना जरूरी है. दुनिया के सबसे बड़े निवेशकों में एक वॉरेन बफेट बार-बार ये कहते हैं कि जब लालच बढ़ जाए तो निवेशकों को अलर्ट हो जाना चाहिए.
कहां निवेश होता है Small Cap Funds का पैसा?
Small Cap Funds का पैसा मार्केट कैप के लिहाज से 251वीं कंपनी से लेकर 500वीं कंपनी में निवेश होता है. इन कंपनियों का मार्केट कैप 6000 करोड़ रुपए से लेकर 19000 करोड़ रुपए तक है. इन स्टॉक्स में लिक्विडिटी बहुत कम होती है, नतीजन फंड हाउसेस के पास एक लिमिट से ज्यादा एक्सपोजर लेना कठिन हो जाता है. इसके अलावा निफ्टी स्मॉलकैप 250 की सभी कंपनियों को ब्रोकरेज की तरफ से भी कवर नहीं किया जाता है. नतीजन, इन कंपनियों के आउटलुक का पता लगाना बहुत ज्यादा रिस्की होता है.
5-7 फीसदी रखें Small Cap Funds में एक्सपोजर
क्रेडेंस वेल्थ के कीर्तन शाह ने कहा कि निवेशकों को Small Cap Funds में अधिकतम 5-7 फीसदी ही एक्सपोजर रखना चाहिए. अगर कोई निवेशक 10-15 सालों के लिए पोर्टफोलियो तैयार करता है तो ऐसे में उसे ज्यादा फायदा मिलेगा. निवेशकों को पिछले 1-2 सालों के फंड के प्रदर्शन से आकर्षित नहीं होना चाहिए.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
04:13 PM IST