Small cap Funds: बुलिश मार्केट में कैसे चुनें अपने लिए बेस्ट स्कीम? एक्सपर्ट से समझें मुनाफा बनाने की स्ट्रैटजी
Small cap Funds: स्मॉल कैप फंड्स (Small cap Funds) में आगे क्या करें, फंड कैसे चुनें और मुनाफे के लिए किस तरह की स्ट्रैटजी अपनाएं. एक्सपर्ट मानते हैं कि बीते सालों की परफॉर्मेंस, फंड मैनेजर की विशेषज्ञता, एक्सपेंस रेश्यो जैसे फैक्टर्स महत्वपूर्ण होते हैं.
How to choose best suitable small cap funds
How to choose best suitable small cap funds
Small cap Funds: भारतीय शेयर बाजार अपने टॉप लेवल के आसपास ट्रेड कर रहे हैं. बाजार कंसॉलिडेशन का लेवल तलाश रहा है. तेजी वाले बाजार में म्यूचुअल फंड निवेशक भी लगातार पैसा लगा रहे हैं. इक्विटी कैटेगरी की सबसे ज्यादा रिस्क वाली स्कीम्स यानी स्मॉल कैप फंड्स में ताबड़तोड़ निवेश कर रहे हैं. इसमें जुलाई में 4,171 करोड़ रुपये का इनफ्लो हुआ. वित्त वर्ष 2024 में अब तक इक्विटी कैटेगरी में सबसे ज्यादा इनफ्लो स्मॉल कैप में ही देखने को मिला. अब बाजार में यह जानना जरूरी है कि स्मॉल कैप फंड्स (Small cap Funds) में आगे क्या करें, कैसे फंड चुनें और मुनाफे के लिए किस तरह की स्ट्रैटजी अपनाएं. एक्सपर्ट मानते हैं कि बुलिश मार्केट में स्मॉल कैप फंड्स सलेक्ट करने के दौरान बीते सालों की परफॉर्मेंस, फंड मैनेजर की विशेषज्ञता, एक्सपेंस रेश्यो और कंसिस्टेंसी जैसे फैक्टर्स महत्वपूर्ण होते हैं.
Small Cap Funds: लगातार हो रहा निवेश
स्मॉल कैप फंड का निवेश स्मॉल कैप कंपनियों में होता है. स्मॉल कैप कंपनियों का मार्केट कैप कम होता है. कंपनियों का मार्केट कैप 500 करोड़ रुपये से कम होता है. आमतौर पर स्मालकैप फंड्स में मार्केट कैप में 251वी रैंक से शुरू होने वाली कंपनियों में निवेश होता है. कंपनियों के कारोबार में तेज वृद्धि की उम्मीद रहती है. फंड हाउस निवेश के लिए कंपनी की पहचान उसके ग्रोथ आकलन के आधार पर करते हैं.
वित्त वर्ष 2024 में अब तक स्मॉल कैप फंड्स का इनफ्लो देखें, तो इक्विटी कैटेगरी में सबसे ज्यादा रहा है. निवेशक इस कैटेगरी में लगातार पैसा झोंक रहे हैं. जुलाई में 4,171 करोड़ रुपये का इनफ्लो रहा, जोकि ऑल टाइम हाई है. जून में 5,472 करोड़, मई में 3,282.50 करोड़ और अप्रैल में 2,182.44 करोड़ रुपये का इनफ्लो देखने को मिला है.
Small cap category: क्या है इकोसिस्टम?
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मनीफ्रंट के सीईओ और को-फाउंडर मोहित गांग का कहना है, स्मॉल कैप कैटेगरी अब करीब 1.6 लाख करोड़ की हो गई है. जुलाई का निवेश ऑल टाइम हाई रहा. लगातार आ रहे निवेश ने फंड मैनेजर्स के लिए डिप्लॉयमेंट की चुनौतियां खड़ी की हैं. स्मॉल कैप फंड को परिभाषा के मुताबिक देखें, तो मार्केट कैप के आधार पर 251वीं या उससे बाद की कंपनियों में स्कीम का करीब 65 फीसदी निवेश करना होता है. भारत में इस कैटेगरी में निवेश के लिहाज से वॉल्यूम काफी प्रतिबंधित और सीमित है. 251वीं कंपनी का मार्केट करीब 19500 करोड़ है और 500वीं कंपनी का करीब 6100 करोड़ रुपये है.
उनका कहना है, इंस्टीट्यूशनल भागीदारी की कमी के चलते इन छोटी कंपनियों में लिक्विडिटी बहुत कम है, इसके चलते इस सेगमेंट में क्वॉलिटी रिसर्च की कमी है. अगर मार्केट में करेक्शन आता है, तो फंड मैनेजर के लिए रिडम्प्शन (लिक्विडिटी) मैनेज करना मुश्किल होता जाता है. ज्यादतार स्मॉल कैप में होल्डिंग्स मार्जिनल होती है और जबरन बाहर निकलने की स्थिति में, भारी नुकसान हो सकता है.
उनका कहना है, फंड मैनेजर के लिए स्मॉल कैप की दिक्कत को मैनेज करना तीन तरीके से काफी मुश्किल होता है. पहला, सही स्टॉक ढूंढना, दूसरा डिजायर्ड क्वांटिटी हासिल करना और तीसरी सबसे अहम बात, खरीद/बिक्री के दौरान इम्पैक्ट कॉस्ट को कम रखना. यही वजह है कि अच्छी स्कीम्स में आम तौर पर फ्लो को सीमित रखा जाता है जिससे कि उसे अच्छी तरह से मैनेज किया जा सके. साथ ही इसमें पर्याप्त लिक्विडिटी बनाए रखना और सही लेबल पर मैनेज करना संभव होता है.
मोहित गांग कहते हैं, स्मॉल कैप फंड का चयन करने से पहले निवेशकों को सबसे पहले स्कीम का AUM (एसेट अंडर मैनेजमेंट), होल्डिंग्स की लिक्विडिटी, फंड मैनेजर का ट्रैक रिकॉर्ड जैसी कुछ अहम बातों को देखना चाहिए. स्मॉल कैप एलोकेशन को एक निश्चित प्रतिशत तक सीमित रखने के साथ-साथ अच्छे मार्केट साइकिल में ओवरबोर्ड नहीं होना चाहिए. संक्षेप में, हाई वॉलेटिलिटी और लो लिक्विडिटी स्मॉल कैप को बहुत रिस्क वाली कैटेगरी बनाती है. निवेशक को एक निश्चित एसेट एलोकेशन के साथ लंबी अवधि के नजरिए से इस कैटेगरी में निवेश करना चाहिए.
Small Cap Funds: कैसे चुनें बेहतर स्कीम
मार्केट एक्सपर्ट अजीत गोस्वामी का कहना है, बुलिश मार्केट में स्मॉल कैप फंड्स का सलेक्शन करने के दौरान ऐतिहासिक परफॉर्मेंस, फंड मैनेजर की विशेषज्ञता, एक्सपेंस रेश्यो और निरंतरता जैसे फैक्टर अहम होते हैं. निवेशक को अपने लक्ष्यों के साथ तालमेल बनाने के लिए फंड की निवेश स्ट्रैटजी और पोर्टफोलियो होल्डिंग्स पर रिसर्च करना चाहिए. इसमें डायवर्सिफिकेशन और रिस्क मैनेजमेंट महत्वपूर्ण हैं, इसलिए अनिश्चितता में फंड के ट्रैक रिकॉर्ड कैसा रहा, इसका वैल्युएशन करना चाहिए. ध्यान रखें कि किसी भी फंड की पिछली परफॉर्मेंस भविष्य के रिजल्ट की गारंटी नहीं है. एक्सपर्ट ने बुलिश मार्केट में बेहतर स्मॉल कैप फंड किस आधार चुनना चाहिए उसके कुछ फैक्टर बताए हैं.
Performance History
सबसे पहले अलग-अलग मार्केट साइकिल में फंड के पिछली परफॉर्मेंस देखें. शॉर्ट टर्म लाभ के बजाय लॉन्ग टर्म रिटर्न पर ध्यान दें. अपनी फ्लैक्सिबिलिटी का आकलन करने के लिए फंड की तेजी और मंदी दोनों फेज में प्रदर्शन ट्रैक करें.
Fund Manager Expertise
स्मॉल कैप फंड के मैनेजमेंट में फंड मैनेजर के ट्रैक रिकॉर्ड और अनुभव पर रिसर्च करें. एक कुशल और अनुभवी फंड मैनेजर बाजार के उतार-चढ़ाव को ज्यादा प्रभावी ढंग से संभाल सकता है.
Investment Strategy
फंड के इन्वेस्टमेंट अप्रोच को समझें. क्या यह आपकी जोखिम उठाने की क्षमता और निवेश लक्ष्यों के अनुरूप है? कुछ फंड का फोकस ग्रोथ हो सकता है, जबकि दूसरे फंड्स वैल्यू या दोनों के कॉम्बिनेशन पर जोर दे सकते हैं.
Portfolio Holdings
अपने फंड की पोर्टफोलियो होल्डिंग्स की समीक्षा जरूर करें. इससे यह सुनिश्चित होता है कि वह अपने निवेश के उद्देश्यों के अनुरूप है या नहीं. पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन जरूरी है. इसलिए यह जरूर देखें कि रिस्क कम करने के लिए फंड अलग-अलग सेक्टर और इंडस्ट्री में अच्छी तरह से डायवर्सिफाइड है या नहीं.
Expense Ratio
अलग-अलग स्मॉल कैप फंड्स के एक्सपेंस रेश्यो की तुलना करें. कम एक्सपेंस रेश्यो समय के साथ आपके रिटर्न पर पॉजिटिव असर डाल सकता है. हालांकि, एक्सपेंस रेश्यो में मामूली अंतर होने पर क्वॉलिटी फंड्स से समझौता न करें.
Consistency in Performance
उन फंड्स की तलाश करें जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है न कि उन फंडों की तलाश करें जिनका कोई एक साल अप्रत्याशित रहा हो. निरंतरता अलग-अलग मार्केट कंडीशन में फंड की डिलीवरी करने की क्षमता को दर्शता है.
Volatility and Risk Management
स्मॉल कैप स्टॉक बड़े कैप शेयरों की तुलना में ज्यादा वॉलेटाइल हो सकते हैं. यह आकलन करें कि फंड ने अतीत में रिस्क और अस्थिरता को कैसे मैनेज किया है. जिस फंड ने प्रभावी रिस्क मैनेजमेंट स्ट्रैटजी का प्रदर्शन किया है वह एक सुरक्षित ऑप्शन हो सकता है.
(डिस्क्लेमर: म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन हैं. निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)
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07:41 PM IST