कमाई का शानदार मौका! सिर्फ ₹500 से शुरू कर सकते हैं निवेश, पोर्टफोलियो को मिलेगी सोने-चांदी की ताकत
Mutual fund NFOs: MOAMC ने गोल्ड ईटीएफ और सिल्वर ईटीएफ की यूनिट्स में निवेश कर रिटर्न हासिल करने के मकसद से मोतीलाल ओसवाल गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ एफओएफ (Motilal Oswal Gold and Silver ETFs FoFs) लॉन्च करने की घोषणा की है.
(Representational Image)
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Mutual fund NFOs: म्यूचुअल फंड कंपनी मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी (MOAMC) ने गोल्ड ईटीएफ और सिल्वर ईटीएफ की यूनिट्स में निवेश कर रिटर्न हासिल करने के मकसद से मोतीलाल ओसवाल गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ एफओएफ (Motilal Oswal Gold and Silver ETFs FoFs) लॉन्च किया है. यह स्कीम गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ की यूनिट्स में निवेश कर रिटर्न जेनरेट करेगी. NFO सब्सक्रिप्शन के लिए 26 सितंबर 2022 को खुलेगा और 7 अक्टूबर 2022 को बंद होगा. फंड एलोकेशन 13 अक्टूबर 2022 को होगा. यह ओपन एंडेड फंड हैं. यानी, स्कीम से निवेशक जब चाहें पैसा निकाल सकते हैं.
₹500 से शुरू कर सकते हैं निवेश
मोतीलाल ओसवाल AMC के मुताबिक, मोतीलाल ओसवाल गोल्ड एवं सिल्वर ETF FoF के लिए मिनिमम आवेदन राशि 500 रुपये और इसके बाद 1 रुपये के मल्टीपल में होगी. निवेशक फाइनेंशियल एडवाइजर के जरिए या मोतीलाल ओसवाल एएमसी की वेबसाइट पर लॉग-इन करके स्कीम की यूनिट्स को खरीद या रिडीम करा सकते हैं. इसके बाद ईटीएफ एफओएफ के लिए न्यूनतम आवेदन राशि 500 रुपये और उसके बाद 1 रुपये के मल्टीपल में होगी. इस फंड का बेंचमार्क घरेलू बाजार में गोल्ड की कीमतें हैं.
यह स्कीम गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ की यूनिट्स में निवेश कर रिटर्न हासिल करेगी और इस स्कीम के अंतर्गत डेली वेटेज बाजार से ऑपरेट होगा और शुरुआती (एनएफओ) आवंटन 70:30 होगा. मैक्सिमम वेट 90% तय है. जिसकी तिमाही आधार पर समीक्षा की जाएगी. गोल्ड के लिए शुरुआती हाई एलोकेशन इसके हायर इकोनॉमिक वैल्यू और अधिक लिक्विड होने के चलते है. इसके अलावा, यह चांदी की मुकाबले ज्यादा स्थिर है.
कौन कर सकता है निवेश?
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मोतीलाल ओसवाल गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ एफओएफ के जरिए निवेशक लंबी अवधि में वेल्थ क्रिएशन कर सकते हैं. मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के प्रेसिडेंट (पैसिव बिजनेस) प्रतीक ओसवाल ने कहा, निवेश के नए अवसर लाने के मकसद से मोतीलाल ओसवाल एएमसी ने गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ एफओएफ लॉन्च किए हैं. यह एक बड़ी डायवर्सिफिकेशन मिक्स उपलब्ध कराता है क्योंकि सोने और चांदी दोनों का इक्विटी से कम संबंध है और इस तरह एक बेहतर डायवर्सिफिकेशन का फायदा मिलता है.
प्रतीक ओसवाल का कहना है, गिरते मार्केट में गोल्ड और सिल्वर दोनों मेटल सेफ्टी उपलब्ध कराने के साथ बेहतर प्रदर्शर भी करते हैं. जब बाजार मंदी के दौर से उबर रहा होता है, तो चांदी का प्रदर्शन बेहतर होता है. इस स्कीम के साथ, निवेशक पोर्टेबल एसेट और बढ़ती इकोनॉमिक वैल्यू का लाभ लेते हुए बाजार की अस्थिरता के खिलाफ रिस्क को कम करने में सक्षम होंगे.
(डिस्क्लेमर: यहां एनएफओ की जानकारी दी गई है. ये निवेश की सलाह नहीं है. म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)
02:51 PM IST