म्यूचुअल फंड के 10 सालों की तिमाही में टॉप परफॉर्मर रहा ICICI प्रूडेंशियल
अर्थलाभ डॉटकॉम के आंकड़ों के मुताबिक, ICICI म्यूचुअल फंड के बाद रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल फंड 73.47 फीसदी के साथ दूसरे क्रम पर है.
म्यूचुअल फंड की कैटेगरी मूलरूप से चार क्वार्टाइल में होती है. (प्रतीकात्मक)
म्यूचुअल फंड की कैटेगरी मूलरूप से चार क्वार्टाइल में होती है. (प्रतीकात्मक)
म्यूचुअल फंडों के 10 सालों की तिमाही (टॉप क्वार्टाइल) में प्रदर्शन के आधार पर आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड शीर्ष पर रहा है. ICICI प्रू की शीर्ष तिमाही में हिस्सेदारी यानी इक्विटी असेट्स 82.75 फीसदी रही है. अर्थलाभ डॉटकॉम के आंकड़ों के मुताबिक, ICICI म्यूचुअल फंड के बाद रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल फंड 73.47 फीसदी के साथ दूसरे क्रम पर है. वहीं, HDFC म्यूचुअल फंड 54.93 फीसदी इक्विटी असेट्स के साथ शीर्ष क्वार्टाइल में तीसरे क्रम पर है.
चौथे क्रम पर फ्रैंकलिन टेंपलटन है, जिसका इक्विटी असेट्स 52.92 फीसदी है तो आदित्य बिडला 50.91 फीसदी और एसबीआई म्यूचुअल फंड 13.77 फीसदी इक्विटी असेट्स के साथ है. जब भी बात म्यूचुअल फंड में निवेश की आती है तो भारतीय निवेशक पिछले प्रदर्शन को देखते हैं. लेकिन निवेशकों को क्वार्टाइल आधार पर फंडों का प्रदर्शन देखना चाहिए, जिसमें शीर्ष तिमाही में असेट्स के आधार पर प्रदर्शन अच्छा हो.
म्यूचुअल फंड की कैटेगरी मूलरूप से चार क्वार्टाइल में होती है, जिसमें टॉप क्वार्टाइल, अप्पर मिडल क्वार्टाइल, लोवर मिडल क्वार्टाइल और बॉटम क्वार्टाइल का समावेश होता है. एक क्वार्टाइल रैंकिंग का संकेत यह होता है कि फंड कैसे इस कटेगरी में प्रदर्शन करता है. ऐसे में जब बाजार उतार-चढ़ाव में हो तो निवेशकों को भविष्य में निवेश के लिए बेचैन हो जाते हैं.
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अर्थलाभ डॉटकॉम के आंकड़ों के मुताबिक, 30 जून 2019 के आधार पर तमाम फंड हाउसों की इक्विटी स्कीम एक साल के आधार पर हैं. इस तरह के दृष्टिकोण से असेट मैनेजमेंट कंपनियों को पहचानने में मदद मिलेगी जो इक्विटी बाजारों में अस्थिर समय को सफलतापूर्वक नेविगेट करने में कामयाब रहे हैं.
10:53 PM IST