GST Council की बैठक कल, Online Gaming पर 28% GST लगाने के तरीकों पर हो सकता है फैसला
Online Gaming GST: जीएसटी काउंसिल की 11 जुलाई को हुई बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ में लेन-देन की पूरी राशि पर 28% की दर से कर लगाने का फैसला किया गया था.
(File Image)
(File Image)
Online Gaming GST: जीएसटी काउंसिल (GST Council) बुधवार को अपनी बैठक में ऑनलाइन गेमिंग (Online Gaming), कसीनो (Casino) और घुड़दौड़ (Horse Racing) पर 28% जीएसटी (GST) लागू करने के तौर-तरीकों पर फैसला करेगी. केंद्रीय वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल की 11 जुलाई को हुई बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ में लेन-देन की पूरी राशि पर 28% की दर से कर लगाने का फैसला किया गया था.
केंद्र और राज्य कर अधिकारियों की विधि समिति ने अब कर उद्देश्यों के लिए आपूर्ति मूल्य की गणना के संबंध में (GST Council) के विचार के लिए मसौदा नियम तैयार किए हैं. सूत्रों के अनुसार समिति ने एक नया नियम जोड़ने का सुझाव दिया है. इसके तहत ऑनलाइन गेमिंग में आपूर्ति मूल्य संबंधित इकाई की ओर से पैसे या डिजिटल एसेट के माध्यम से ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म के पास जमा की गई कुल राशि होगी.
ये भी पढ़ें- नींबू की इस किस्म की खेती दिलाएगा तगड़ा मुनाफा
TRENDING NOW
कसीनो के संबंध में, समिति ने प्रस्ताव दिया है कि आपूर्ति मूल्य संबंधित इकाई के टोकन, चिप्स, सिक्के या टिकट खरीदने के लिए भुगतान की गई राशि होगी. काउंसिल बुधवार को ऑनलाइन बैठक में समिति की सिफारिशों पर विचार करेगी.
इस बीच, जीएसटी अधिकारी विदेशों से संचालित होने वाली ऑनलाइन गेमिंग (Online Gaming) कंपनियों पर कैसे टैक्स (Tax) लगाएंगे, इस पर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि टैक्स का भुगतान करने में चूक करने वाले ऐसे प्लेटफॉर्म के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जीएसटी कानूनों (GST Act) में पर्याप्त प्रावधान हैं.
ये भी पढ़ें- Success Story: 2 महीने की ट्रेनिंग और सालाना ₹15 लाख की कमाई, Mushroom की खेती ने बदल दी किस्मत
Online Gaming पर GST को कम करे सरकार
ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के एक संगठन ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से 28% GST को कम करने का अनुरोध किया. उद्योग निकाय ने कहा कि यह टैक्स बहुत अधिक है और इससे अवैध तरीके से काम करने वाली गेमिंग कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा.
सीतारमण को लिखे एक खुले पत्र में 'इंडियन गेमर्स यूनाइटेड' के बैनर तले मझोले और छोटे शहरों (टियर-2 और टियर-3) की गेमिंग कंपनियों ने कहा कि हाई टैक्सेशन के कारण अवैध गेमिंग और विदेशी प्लेटफॉर्म्स को बढ़ावा मिलेगा. इनसे सरकार को कोई टैक्स नहीं मिलेगा, लेकिन वैध गेमिंग कंपनियां बहुत बड़े संकट में फंस जाएंगी.
ये भी पढ़ें- Business Idea: ₹1.65 लाख में शुरू करें ये धांसू बिजनेस, हर महीने ₹60 हजार से ज्यादा कमाई
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
03:32 PM IST