क्या आपको भी हुआ है म्युचुअल फंडों में निवेश पर घाटा, अपनाएं ये फंडे होगा लाभ
भले ही पिछले एक साल के दौरान यानी 25 सितंबर 2017 से 25 सितंबर 2018 के बीच सेंसेक्स 31600 के स्तर से बढ़ कर 36652 के स्तर तक पहुंच गया हो लेकिन बाजार की इस तेजी के बीच भी तमाम इक्विटी फंडों ने निराश ही किया है.
क्या करें जब म्युचुअल फंड दें निगेटिव रिटर्न
क्या करें जब म्युचुअल फंड दें निगेटिव रिटर्न
नई दिल्ली : कई ऐसे निवेशक हैं जिन्हें पिछले एक साल के दौरान इक्विटी म्युचुअल फंडों में निवेश पर नुकसान झेलना पड़ा है. भले ही पिछले एक साल के दौरान यानी 25 सितंबर 2017 से 25 सितंबर 2018 के बीच सेंसेक्स 31600 के स्तर से बढ़ कर 36652 के स्तर तक पहुंच गया हो लेकिन बाजार की इस तेजी के बीच भी तमाम इक्विटी फंडों ने निराश ही किया है.
इन म्युचुअल फंडों ने निवेशकों को एक साल में किया निराश
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(स्रोत : वैल्यू रिसर्च)
इन स्मॉल कैप फंडों ने एक साल में दिया निगेटिव रिटर्न
स्मॉल कैप म्युचुअल फंडों में निवेश करने वाले निवेशकों को तो सबसे ज्यादा नुकसान सहना पड़ा है. सुंदरम स्मॉल कैप फंड ने एक साल में 14.45 फीसदी का निगेटिव रिटर्न दिया है. वहीं आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्युचुअल फंड ने इसी अवधि के दौरान 8.17 फीसदी का रिटर्न दिया है. इसी प्रकार, एचएसबीसी स्मॉल कैप इक्विटी फंड ने -7.23%, डीएसपी स्मॉल कैप फंड ने -6.49 फीसदी का रिटर्न दिया है. सीधा सा मतलब है इन फंडों में निवेश करने वाले निवेशक निराश हैं.
(स्रोत : वैल्यू रिसर्च)
क्या करें कि म्युचुअल फंडों में निवेश पर न उठाना पड़े नुकसान
सबसे पहली बात तो यह है कि अगर आपने म्युचुअल फंडों में निवेश किया है तो एक साल के रिटर्न को नजरअंदाज ही करें. विशेषज्ञों का कहना है कि इक्विटी म्युचुअल फंडों में कम से कम 5 साल का निवेश नजरिया लेकर चलें. इस दौरान बाजार का चक्र पूरा होता है. लंबी अवधि के दौरान इक्विटी म्युचुअल फंड शानदार रिटर्न देते आए हैं.
SIP के जरिए करें म्युचुअल फंडों में निवेश, रूपी कॉस्ट एरेजिंग का मिलेगा फायदा
म्युचुअल फंडों में एकमुशत निवेश करने की जगह हर महीने कुछ पैसों का निवेश करना चाहिए. सिसटेमेटिक प्लान या SIP इसका सबसे बेहतरीन जरिया है. SIP के जरिए निवेश करने पर आपको रूपी कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा मिलता है. मतलब जब बाजार में तेजी होती है तो आप म्युचुअल फंड के कम यूनिट खरीद पाते हैं और बाजार में गिरावट के दौरान उतनी ही रकम में आपको ज्यादा यूनिट मिलते हैं. इस प्रकार, आपके म्युचुअल फंड यूनिटों की खरीद की लागत औसत हो जाती है और लंबे समय में आप बेहतर रिटर्न अर्जित कर सकते हैं.
क्या जारी रखना चाहिए घाटे वाले म्युचुअल फंडों में निवेश
अल्पावधि में म्युचुअल फंडा निवेशकों को निगेटिव रिटर्न से निराश नहीं होना चाहिए. सबसे बेहतर यह होगा कि आप जिस लख्य के साथ लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं उसे जारी रखिए. ऊपर दिए गए चार्ट में आप देख सकते हैं कि जिन म्युचुअल फंडों ने एक साल में निगेटिव रिटर्न दिया है, उन्हीं फंडों ने 3 और 5 साल की अवधि में शानदार रिटर्न दिया है.
05:15 PM IST