UP में नवंबर से होने लगेगा Covaxin का प्रोडक्शन, भारत बायोटेक के साथ BIBCOL का करार
सेंटर पीएसयू BIBCOLमें ओरल पोलियो वैक्सीन का प्रोडक्शन होता है. इसके अलावा यह कंपनी जिंक टैबलेट भी बनाती है.
(Representational Image)
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कोरोना महामारी (COVID19 Pandemic) के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीनेशन प्रोग्राम की रफ्तार बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने वैक्सीन का प्रोडक्शन बढ़ाने की दिशा में एक अहम फैसला किया है. इसके तहत अब भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की कोवैक्सीन (Covaxin) का प्रोडक्शन यूपी के बुलंदशहर स्थित बिबकॉल (BIBCOL) में किया जाएगा. बिबकॉल केंद्र सरकार के अधीन आने वाली कंपनी है. इसी कंपनी में ओरल पोलियो वैक्सीन का प्रोडक्शन होता है. इसके अलावा यह कंपनी जिंक टैबलेट और डायरिया मैनेजमेंट किट का भी प्रबंधन करती है. केंद्रीय स्वास्थय मंत्रालय के मुताबिक, बुलंदशहर के चोला इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित बिबकोल कंपनी में नवंबर 2021 से कोवैक्सीन का प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, केंद्र सरकार ने कोविड-19 वैक्सीन के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने की अपनी पॉलिसी के तहत सरकारी कंपनियों (पीएसयू) के साथ-साथ प्राइवेट कंपनियों को भारतीय वैक्सीन मैन्युफैक्चरर्स उत्पादकों के साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर समझौते प्रोत्साहित किया है. केंद्र सरकार के दो पीएसयू- इंडियन इम्युनोलॉजिकल्स लिमिटेड (IIL) और भारत इम्यूनोलॉजिकल्स एंड बॉयोलॉजिकल्स लिमिटेड (BIBCOL) ने भारत बायोटेक के साथ एक टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का समझौता किया है. इसके अलावा, महाराष्ट्र सरकार के पीएसयू हाफकीन संस्थान (Haffkine Institute) ने भी भारत बायोटेक के साथ एक टेक्नोलॉजी ट्रांसफर समझौता किया है.
मंत्रालय के मुताबिक, इन सभी टेक्नोलॉजी ट्रांसफर डील को भारत सरकार की ओर से बढ़ावा और सहायता दी गई है. वहीं केंद्र सरकार ने सभी तीन पीएसयू को पर्याप्त फाइनेंशयल सपोर्ट भी दिया है. इसके चलते इंडियन इम्युनोलॉजिकल्स लिमिटेड सितंबर, 2021 से कोवैक्सीन का उत्पादन शुरू हो जाएगा. वहीं, हाफकीन संस्थान और बिबकॉल नवंबर, 2021 से कोवैक्सीन का प्रोडक्शन शुरू कर देंगे. फिलहाल केंद्र सरकार भारत बायोटेक और कुछ अन्य पीएसयू के साथ-साथ निजी कंपनियों के साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर डील को पूरा करने के लिए बातचीत कर रही है. यह देश में कोवैक्सीन के प्रोडक्शन को बढ़ाएगा.
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दिसंबर तक 2 अरब वैक्सीन की डोज
इससे पहले, 13 मई को सरकार ने कोरोना वैक्सीन पर एक अहम जानकारी दी. स्वास्थ्य मंत्रालय ने महत्वपूर्ण डाटा शेयर करते हुए कहा कि अगस्त से दिसंबर 2021 के बीच देश मे 216 करोड़ वैक्सीन की डोज उपलब्ध हो जाएंगी. मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त-दिसंबर तक कोविशील्ड की 75 करोड़ और कोवैक्सीन की 55 करोड़ डोज मिल जाएंगी. इसके अलावा रूस की स्फूतनिक की करीब 15.6 करोड़ डोज अगस्त-दिसंबर के बीच देश में उपलब्ध हो जाएंगी. मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इस अवधि के दौरान बायो ई सबयूनिट वैक्सीन की 30 करोड़ डोज, जायडस केडिला डीएनए वैक्सीन 5 करोड़, सीरम की नोवावैक्स 20 करोड़, भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन 10 करोड़ और जेनेवा एमआरएनए वैक्सीन की 6 करोड़ डोज मिल जाएंगी. इसके अलावा, भी कई अन्य वैक्सीन भी उपलब्ध होंगी.
कई सेंटर्स पर वैक्सीन की कमी
महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों के कई वैक्सीनेशन सेंटर्स पर वैक्सीन की कमी का मामले सामने आए हैं. इसके चलते तीसरे फेज का वैक्सीनेशन, जिसमें 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन लगेगी, रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है. देश में अभी फिलहाल तीन वैक्सीन उपलब्ध है. इनमें भारत बायोटेक की कौवैक्सीन, ऑक्सफोर्ड एस्ट्रेजेनेका की कोविशील्ड और रूस की स्फूतनिक शामिल है. स्फूतनिक की मार्केटिंग देश में डॉ. रेड्डीज कर रही है. अगले हफ्ते यह बाजार में आ जाएगी. वहीं, कोविशील्ड का प्रोडक्शन पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट कर रही है.
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06:08 PM IST