देश की बात : कश्मीर पर पाकिस्तान हुआ चारों खाने चित! चारों ओर भारत की 'जय-जय'
भारत के जम्मू-कश्मीर से आर्टिक 370 को हटाने के फैसले को पाकिस्तान पचा नहीं पा रहा है. वह इस मामले को ग्लोबल बनाना चाहता था लेकिन भारत की कूटनीति के आगे उसके सारे प्रयास फेल हो गए.
पाकिस्तान ने चीन से रोना रोया तो मुंह की खानी पड़ी. (Zee Business)
पाकिस्तान ने चीन से रोना रोया तो मुंह की खानी पड़ी. (Zee Business)
भारत के जम्मू-कश्मीर से आर्टिक 370 को हटाने के फैसले को पाकिस्तान पचा नहीं पा रहा है. वह इस मामले को ग्लोबल बनाना चाहता था लेकिन भारत की कूटनीति के आगे उसके सारे प्रयास फेल हो गए. उसने चीन से रोना रोया तो मुंह की खानी पड़ी. चीन ने पाकिस्तान को ही नसीहत दे डाली. चीन ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर पर तनाव बढ़ाने से बचे. पाकिस्तान अमेरिका के पास गया तो जवाब मिला कि कश्मीर पर उसकी नीति बदली नहीं है. दोनों देश शांति बनाए रखें.
पाकिस्तान यहीं तक नहीं रुका, उसने संयुक्त राष्ट्र का रुख किया. पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेज़ और सिक्योरिटी काउसिंल की अध्यक्ष जोआना रोनेका को खत लिखकर मामले में मध्यस्थता की मांग की. लेकिन दोनों ने इससे साफ इनकार कर दिया. महासचिव गुटेरेज ने पाकिस्तान को शिमला समझौते की याद दिलाते हुए तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से साफ इनकार कर दिया तो यूएनएसी अध्यक्ष रोनेका ने पाकिस्तान के खत पर टिप्पणी करने से ही इनकार कर दिया. साफ है कि संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के काम नहीं आया. भारत ने भी साफ कर दिया है कि कश्मीर पर भारत के रुख को पूरी दुनिया जानती है.
अंतरराष्ट्रीय मंच पर हुई किरकिरी
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार का कहना है कि दुनिया के बाकी देशों ने भी कश्मीर पर भारत के रुख का समर्थन किया है. मालदीव, यूएई, श्रीलंका और थाईलैंड ने इसे भारत का अंदरूनी मसला बताया है तो सउदी और मलेशिया ने दोनों देशों से शांति की अपील की. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कुछ दिन पहले इस्लामी सहयोग संगठन यानी ओआईसी की ओर से भारत सरकार के फैसले की निंदा करने का शिगूफा जरूर छेड़ा था लेकिन ओआईसी के सदस्य मालदीव और यूएई ने इसे भारत का आंतरिक मामला बताकर पाकिस्तान के दावों की पोल खोल दी.
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भारत से कारोबारी रिश्ते तोड़े
पाकिस्तान ने भारत के साथ कारोबारी रिश्ते तोड़ने, राजनयिक रिश्ते सीमित करने और समझौता एक्सप्रेस और थार एक्सप्रेस को रोकने जैसे कदम उठाए लेकिन भारत ने भी सधे अंदाज में पाकिस्तान की गीदड़भभकियों का जवाब दे दिया. भारत ने साफ कहा कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और ये कदम कश्मीर में विकास के लिए उठाए गए हैं.
#LIVE | #DeshKiBaat में देखिए कश्मीर पर 'झूठ' की बंद हुई दुकान, कंगाली से बर्बादी की ओर 'आतंकिस्तान'! @AnilSinghviZEE https://t.co/ia3Qju513S
— Zee Business (@ZeeBusiness) 9 August 2019
इमरान क्यों कश्मीर राग अलाप रहे
सवाल उठता है कि कश्मीर पर पाकिस्तान आखिर क्यों बार-बार अपनी अंतर्राष्ट्रीय फजीहत करवा रहा है. पाकिस्तान को कब समझ में आएगा कि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी पाकिस्तान के झूठे दावों को गंभीरता से नहीं ले रही है. पाकिस्तान में मुद्रस्फीति की दर दहाई के आंकड़ों में पहुंच चुकी है. लोग दाने दाने को मोहताज हैं, पेट्रोलियम कीमतें आसमान पर हैं. पाकिस्तान अतंरराष्ट्रीय कर्ज के बोझ तले दबा जा रहा है फिर भी आखिर क्यों इमरान अपना घर संभालना छोड़ अब भी कश्मीर का राग अलाप रहे हैं.
08:13 PM IST