मोदी सरकार का बिहार को एक और तोहफा, दरभंगा में AIIMS को मिली मंजूरी
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने बिहार के लोगों को एक और तोहफा दिया है. केंद्रीय कैबिनेट ने दरभंगा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) बनाए जाने को मंजूरी दे दी है.
मोदी सरकार ने दरभंगा में नया एम्स शुरू करने का ऐलान किया ( फोटो रॉयटर्स)
मोदी सरकार ने दरभंगा में नया एम्स शुरू करने का ऐलान किया ( फोटो रॉयटर्स)
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने बिहार के लोगों को एक और तोहफा दिया है. केंद्रीय कैबिनेट ने दरभंगा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) बनाए जाने को मंजूरी दे दी है. कैबिनेट के इस फैसले के बाद ही बिहार में पटना के बाद दूसरा AIIMS बनने का रास्ता साफ हो गया है. प्राइमरी प्रोजेक्ट रिपोर्ट के मुताबिक दरभंगा एम्स 750 बेड का होगा और इसे बनाने में 1264 करोड़ रुपए खर्च होंगे.
इन इलाकों को मिलेगा फायदा
दरभंगा में एम्स बनाए जाने से उत्तर बिहार के बेतिया से लेकर कोसी और सीमांचल के सहरसा, सुपौल और पूर्णियां तक के लोगों को फायदा मिलेगा. वहीं इन लोगों को इलाज कराने के लिए पटना आने की जरूरत नहीं होगी. इस एम्स को बनाने में कुल 1264 करोड़ रुपये खर्च होंगे. भारत सरकार से मंजूरी मिलने की तारीख से 48 महीने के अंदर इसका काम पूरा हो जाएगा.
आम लोगों को मिलेंगे ये फायदे
- नए एम्स में 100 यूजी (एमबीबीएस) सीट और 60 बीएससी (नर्सिंग) सीट होंगी.
- नए एम्स में 15-20 सुपर स्पेशलिटी डिपार्टमेंट होंगे.
- नए एम्स में 750 हॉस्पिटल बेड होंगे.
- उम्मीद है कि नया एम्स रोजाना लगभग 2000 ओपीडी मरीजों और हर महीने लगभग 1000 आईपीडी मरीजों का इलाज करेगा.
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नए एम्स में मोटे तौर पर अस्पताल, मेडिकल और नर्सिंग पाठ्यक्रमों के लिए टीचिंग ब्लॉक, आवासीय परिसर और अन्य सुविधाएं दी जाएंगी. नए एम्स को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में स्थापित किया जाएगा. ये स्थानीय तौर पर बेहतर स्वास्थ्य सेवा, चिकित्सा शिक्षा, नर्सिंग शिक्षा और रिसर्च की सुविधा उपलब्ध कराएगा.
नया एम्स 750 बेड की क्षमता वाला एक अस्पताल होगा जिसमें इमरजेंसी/ट्रॉमा बेड, आईसीयू बेड, आयुष बेड, प्राइवेट बेड और स्पेशलिटी, सुपर स्पेशलिटी बेड शामिल होंगे. इसके अलावा, इसमें एक मेडिकल कॉलेज, आयुष ब्लॉक, ऑडिटोरियम, नाइट शेल्टर, गेस्ट हाउस, हॉस्टल और आवासीय सुविधाएं होंगी. नए एम्स की स्थापना में लगाई जाने वाली आधुनिक मशीनो और सुविधाओं के लिए खात ट्रेंड लोगों की जरूरत होगी. ऐसे कर्मचारियों को भी तैयार किया जाएगा. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के पीएमएसएसवाई की योजना बजट प्रमुख से इन संस्थानों पर आवर्ती लागत ग्रांट-इन-एड के माध्यम से पूरी की जाएगी.
07:26 PM IST