आने वाले दिनों में महंगा हो सकता है दूध, इस एक वजह से कंपनी बढ़ा सकती है दाम
सर्दियों में दूध की सप्लाई में 15 फीसदी की बढ़ोतरी के मुकाबले इस साल सिर्फ 2 फीसदी की बढ़ोतरी आई है.
इस बार सर्दियों में दूध उत्पादन घटा है जिसका असर दूध की कीमतों पर पड़ेगा.
इस बार सर्दियों में दूध उत्पादन घटा है जिसका असर दूध की कीमतों पर पड़ेगा.
दूध उत्पादन में हम भले ही दुनिया में नंबर वन हों, लेकिन प्रति पशु दूध उत्पादन के मामले में बहुत पीछे हैं. भारत में दूध उत्पादन का औसत महज तीन लीटर प्रति पशु है, जबकि यही औसत ऑस्ट्रेलिया में 16 और इजराइल में 36 लीटर प्रति पशु है. इस वजह से यहां पशु पालक किसानों के हालात कुछ अच्छे नहीं हैं, जबकि दूध से जुड़े कारोबारी लगातार आगे बढ़ रहे हैं. लेकिन पशुओं तथा पशु पालकों की बदहाली का असर अब दूध उत्पादन पर भी दिखने लगा है. दूध की सप्लाई कम होने से देश की प्रमुख दूध उत्पादक कंपनियां दूध के दामों में इजाफा करने की तैयारी कर रही हैं.
बीते साल दूध की कीमतें बढ़ाने की मांग को लेकर महाराष्ट्र में किसानों ने बड़ा आंदोलन भी चलाया था और दूध की सप्लाई बंद कर दी थी. दूध किसानों ने जून में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग करते हुए बड़े पैमाने पर आंदोलन चलाया था और पूरे महाराष्ट्र में दूध की सप्लाई ठप कर दी थी.
कुल मिलाकर प्रति पशु दूध उत्पादन, किसानों की दशा और दूध की कीमतों का असर इस साल आम आदमी को भुगतान पड़ेगा. नतीजतन, कोऑपरेटिव डेयरियों की मांग से सप्लाई कम रहने वाली है.
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इकोनॉमिक्स टाइम्स के मुताबिक, अमूल ब्रांड की मालिक कंपनी गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन के प्रबंध निदेशक आरएस सोढी ने कहा है कि 2019 में दूध की कीमतें बढ़ना तय है. स्किम्ड मिल्क पाउडर का कम स्टॉक और पिछले साल के मुकाबले सप्लाई कम होना इसके पीछे बड़ा कारण है.
सोढी ने कहा कि सर्दियों में दूध की सप्लाई में 15 फीसदी की बढ़ोतरी के मुकाबले इस साल सिर्फ 2 फीसदी की बढ़ोतरी आई है. अमूल एक दिन में 248 लाख लीटर दूध की खरीद करता है.
मिल्क पाउडर की उपलब्धता और कमोडिटी के स्थिर दामों के कारण वर्ष 2017 के बाद से अब तक दूध के दाम नहीं बढ़े हैं.
03:22 PM IST