ये घरेलू दवा कंपनी कर रही बड़ा काम, देश के लाखों मरीजों को होगा फायदा
cancer drugs: नई दवा खोज एवं विकास (एनडीडीडी) कार्यक्रम का पूरा ध्यान और प्रतिबद्धता कैंसर, प्रतिरोधक क्षमता एवं पाचन से जुड़ी बीमारियों के इलाज के नवोन्मेषी दवाओं के विकास करने पर है.
मकसद रक्त कैंसर के इलाज की अपनी दवाओं का विकास करना है
मकसद रक्त कैंसर के इलाज की अपनी दवाओं का विकास करना है
दवा कंपनी ल्युपिन कैंसर एवं पाचन संबंधी बीमारियों का इलाज करने वाली दवाएं विकसित कर रही है. कंपनी इसे अपने नई दवा खोज कार्यक्रम के तहत अंजाम दे रही है. उल्लेखनीय है कि पिछले महीने ही ल्युपिन ने वैश्विक दवा कंपनी एबेवेई के साथ साझेदारी की थी. ल्युपिन का इसके पीछे मकसद रक्त कैंसर के इलाज की अपनी दवाओं का विकास और व्यवसायीकरण करना है. ल्यूपिन के अध्यक्ष (एनडीडीडी) राज कंबोज ने कहा कि नई दवा खोज एवं विकास (एनडीडीडी) कार्यक्रम का पूरा ध्यान और प्रतिबद्धता कैंसर, प्रतिरोधक क्षमता एवं पाचन से जुड़ी बीमारियों के इलाज के नवोन्मेषी दवाओं के विकास करने पर है.
कंपनी के इस कार्यक्रम के अगले दो से तीन साल के लक्ष्य पर कंबोज ने कहा कि ल्युपिन एनडीडीडी गतिविधियों पर ध्यान देगी. यह बाजार में सबसे पहले और सर्वश्रेष्ठ अवसरों के लिए उन्नत कार्यक्रमों की योजनाएं तैयार करने के लिए है. इसका जोर ऐसे रासायनिक युग्म बनाने पर होगा तो अपनी श्रेणी में अलग होगा.
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इस कंपनी ने भी की थी पहल
दिग्गज दवा कंपनी डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज ने पिछले साल कुछ प्रकार के कैंसर के इलाज के लिए भारत में औषधि हार्वीक्टा पेश किए जाने की आज घोषणा की. हार्वीक्टा (ट्रास्तुजुमाब) का उपयोग प्रारंभिक स्तन कैंसर, मेटास्टैटिक स्तन कैंसर (स्तन कैंसर का चौथा चरण) और मेटास्टैटिक गैस्ट्रिक कैंसर (अमाशय का कैंसर) के इलाज के लिये किया जाता है. यह भारत में रोचे की हरसेप्टिन का बायोसिमिलर है. कंपनी ने शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा कि यह दवा 150 एमजी और 440 एमजी में उपलब्ध है.
(इनपुट एजेंसी से)
09:19 PM IST