दिल्ली सरकार का बजट केंद्र से मंजूर, केजरीवाल ने पीएम मोदी को बताया बड़ा भाई, कहा- छोटे भाई का दिल जीतना है तो इज्जत दें
Delhi Budget 2023: दिल्ली सरकार के बजट को गृह मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है. अरविंद केजरीवाल की AAP सरकार कल दिल्ली विधानसभा में बजट पेश करेगी.
Delhi Budget 2023: दिल्ली के उप-राज्यपाल ऑफिस के सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के बजट को स्वीकृति दे दी है और आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार को यह सूचना दे दी गयी है. यह बयान केंद्र तथा दिल्ली सरकार के बीच इस मुद्दे पर विवाद पैदा होने के बाद आया है. उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उनके मंत्रियों तथा आम आदमी पार्टी पर दिल्ली के लोगों तथा मीडिया को गुमराह करने तथा आप सरकार की नाकामियों से उनका ध्यान भटकाने के एकमात्र उद्देश्य से जानबूझकर झूठे बयान देने का आरोप भी लगाया.
उपराज्यपाल कार्यालय में एक सूत्र ने कहा, "वह कह रहे हैं कि केंद्र ने राज्य का बजट रोक दिया है. यह साफ तौर पर झूठ है. दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है न कि राज्य और इसलिए यह पूर्ण रूप से भारत सरकार का हिस्सा है. साथ ही बजट रोका नहीं गया."
केजरीवाल ने कहा टकराव से किसी का भला नहीं होता
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने दिल्ली सरकार के बजट को गृह मंत्रालय द्वारा मंजूरी दिए जाने के कुछ घंटे बाद कहा कि वह केंद्र के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं और यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनका समर्थन करते हैं, तो वह भी ऐसा ही करेंगे. केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यदि केंद्र और राज्य सरकार के बीच कोई टकराव नहीं होता, तो दिल्ली में 10 गुना अधिक विकास हुआ होता.
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उन्होंने कहा, "दिल्ली सरकार काम करना चाहती है, टकराव नहीं. टकराव से किसी का भला नहीं होता. हम प्रधानमंत्री के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं, हम कोई झगड़ा नहीं चाहते." केजरीवाल ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री दिल्ली जीतना चाहते हैं तो उन्हें पहले शहर के लोगों का दिल जीतना होगा. उन्होंने कहा कि यह मेरा उनके लिए मंत्र है.
अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को बताया बड़ा भाई
उन्होंने कहा, "आप बड़े भाई हैं और मैं छोटा भाई. यदि आप मेरा समर्थन करते हैं, तो मेरी ओर से भी ऐसा किया जाएगा. यदि आप छोटे भाई का दिल जीतना चाहते हैं, तो उसे प्रेम करें." उन्होंने कहा, "बजट आज पेश किया जाना था. केंद्र ने इसे रोक दिया. हमने बजट में कोई बदलाव किए बिना गृह मंत्रालय के सवाल का जवाब दिया और उन्होंने अब इसे मंजूरी दे दी है. वे चाहते थे कि मैं झुक जाऊं. यह उनका अहंकार है और कुछ नहीं."
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि AAP ने आरोप लगाया कि केंद्र ने दिल्ली के बजट को रोकने की साजिश रची है और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को पत्र लिखकर उनसे बजट को न रोकने का अनुरोध भी किया. उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्र ने स्पष्ट किया कि संविधान के अनुसार विधानसभा में दिल्ली का बजट पेश करने से पहले भारत के राष्ट्रपति की पूर्व सहमति और मंजूरी की आवश्यकता होती है और पिछले 28 साल से यह प्रक्रिया चल रही है.
सूत्र ने आरोप लगाया, "बजट के लिए राष्ट्रपति की स्वीकृति मांगने से पहले बजट पेश करने की तारीख तय करना, यह अपने आप में गलत है और आप सरकार की दुर्भावना को दिखाता है."
उसने कहा, "मुख्यमंत्री को मालूम था कि उपराज्यपाल ने फाइनेंशियल स्टेटमेंट को स्वीकृति दे दी है और 9 मार्च के बाद से कुछ आपत्तियां जतायी हैं जब उपराज्यपाल सचिवालय ने उन्हें फाइल भेजी थी. हालांकि, उपराज्यपाल की किसी आपत्ति को हल नहीं किया गया."
मिलती रहेगी दिल्ली के कर्मचारियों को सैलरी
AAP ने आरोप लगाया कि अगर बजट पेश नहीं किया गया तो कर्मचारियों के वेतन रोक दिए जाएंगे. इन आरोपों को खारिज करते हुए सूत्र ने कहा कि एक मीडिया मंच के जरिए लोगों को गुमराह किया गया कि दिल्ली सरकार के कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जाएगा. सूत्र ने कहा कि मालूम हो कि मौजूदा वित्त वर्ष 31 मार्च 2023 को खत्म हो रहा है और बजट पारित हो या न हो, प्रत्येक कर्मचारी को वेतन मिलेगा.
इससे पहले, वर्तमान में दिल्ली के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा था कि बजट की फाइल केंद्रीय गृह मंत्रालय को उसकी स्वीकृति के लिए फिर से भेजी गयी है. एक सूत्र ने कहा, "गृह मंत्रालय ने बजट को मंजूरी दे दी है और दिल्ली सरकार को यह बता दिया गया है." गहलोत ने सुबह कहा था कि गृह मंत्रालय को मंजूरी के लिए बजट फाइल प्रत्यक्ष और ईमेल दोनों के माध्यम से भेजी गई है.
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार का वर्ष 2023-24 का बजट मंगलवार को पेश किया जाना था जिसे रोक दिया गया है और इस संबंध में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार और केंद्र सरकार ने विभिन्न मदों में आवंटन को लेकर एक दूसरे पर आरोप लगाए. मुख्यमंत्री द्वारा केंद्र पर आरोप लगाए जाने के बाद गृह मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने कहा था कि मंत्रालय ने आप नीत सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है क्योंकि उसके बजट प्रस्ताव में बुनियादी ढांचे और अन्य विकास पहलों के बजाय विज्ञापन के लिए धन का अत्यधिक आवंटन किया गया था.
(भाषा इनपुट्स के साथ)
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06:19 PM IST