Covid cases in india today: बुखार, खांसी जैसे हैं लक्षण तो जांच रिपोर्ट का न करें इंतजार, एम्स डायरेक्टर ने दी ये सलाह
एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया (Dr. Randeep Guleria, director of AIIMS) के मुताबिक आपको अगर कोरोना जैसे लक्षण हैं तो इस महामारी के वक्त उन लोगों को कोविड पॉजिटिव (Covid positive) मान लेना चाहिए.
Covid cases in india today: बुखार, खांसी जैसे हैं सिमटम तो जांच रिपोर्ट का न करें इंतजार, एम्स डायरेक्टर ने दी ये सलाह (फोटो - रॉयटर्स)
Covid cases in india today: बुखार, खांसी जैसे हैं सिमटम तो जांच रिपोर्ट का न करें इंतजार, एम्स डायरेक्टर ने दी ये सलाह (फोटो - रॉयटर्स)
अगर आपको हल्का बुखार या खांसी आ रही है और आप कोविड जांच (Covid test) कराने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको जांच रिपोर्ट का इंतजार नहीं करना चाहिए. एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया (Dr. Randeep Guleria, director of AIIMS) के मुताबिक आपको अगर कोरोना जैसे लक्षण हैं तो इस महामारी के वक्त उन लोगों को कोविड पॉजिटिव (Covid positive) मान लेना चाहिए. कोविड पॉजिटिव मानते हुए उसी हिसाब से इलाज शुरू कर देना चाहिए. डॉ. गुलेरिया ने कहा कि 85 पर्सेंट लोगों को माइल्ड इलनेस है. इन्हें बुखार (fever), जुकाम (cold), खांसी (cough) हो रही है और यह बुखार, जुकाम की दवाई लेने और भाप लेने से ही ठीक हो जाएंगे. 15 पर्सेंट लोगों में ही हैं जिन्हें हॉस्पिटल में एडमिट करने की जरूरत पड़ रही है.
तुरंत इलाज शुरू कर दें (Start treatment immediately)
दरअसल कोविड टेस्ट (Covid test) के लिए कहीं किट की कमी पड़ रही है, कहीं जांच रिपोर्ट के लिए लोगों को कई दिन इंतजार करना पड़ रहा है. ऐसे में अगर इस वक्त किसी को बुखार, जुकाम, खांसी है तो इसकी काफी संभावना है कि उस व्यक्ति को कोविड ही हो. गुलेरिया के मुताबिक कई बार RTPCR report नेगेटिव भी आ सकती है लेकिन अगर सिमटम्स हैं कोरोना का इलाज शुरू कर देना चाहिए.
बिना जरूरत न लें दवाएं (Do not take medicines without need)
एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया के मुताबिक लोगों को तबियत खराब होने पर घबराना नहीं चाहिए. बिना लक्षणों के दवा भी नहीं लेनी चाहिए. दवाओं के साइडइफेक्ट (side effects of medicines) होते हैं, ऐसे में जरूरत होने पर ही दवा खाएं. उन्होंने कहा कि लोग घबराहट में ऑक्सीजन और दवा स्टोर कर रहे हैं. इसकी कोई जरूरत नहीं है.
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ऑक्सीजन स्टोर न करें (Do not store oxygen)
उन्होंने कहा कि अगर ऑक्सिजन सेचुरेशन 94 या इससे ज्यादा है तो इसका मतलब है कि खून में पर्याप्त ऑक्सिजन है और सभी अंगों को ऑक्सिजन पहुंच रही है.ऐसे में ऑक्सीजन स्टोर करना गलत है. वो ऑक्सीजन किसी जरूरतमंद के काम आ सकती है. अगर महसूस हो रहा है कि ऑक्सिजन कम हो रही है तो पेट के बल लेटकर डीप ब्रीदिंग कर सकते हैं.
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12:04 PM IST