कोरोना से जंग में भारत को बड़ी कामयाबी- वैक्सीन बनाने में जुटे देश के 30 ग्रुप, तैयार किए 3 तरह के टेस्ट
भारत में तीन तरीके से वैक्सीन बनाने की कोशिश की जा रही है. खुद सरकार टीका तैयार करने में लगी हुई है.
टीका बनाने के लिए स्टूडेंट्स का हैकाथॉन किया जा रहा है. इसमें जल्दी दवा बनाने की होड़ होगी.
टीका बनाने के लिए स्टूडेंट्स का हैकाथॉन किया जा रहा है. इसमें जल्दी दवा बनाने की होड़ होगी.
कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन तैयार करने में दुनियाभर के वैज्ञानिक जुटे हुए हैं. भारत में भी बड़े पैमाने पर वैक्सीन के लगातार ट्रायल चल रहे हैं. इस बीच भारत को इस जंग में बड़ी कामयाबी हाथ लगी है.
भारत में कोविड-19 के तीन टेस्ट तैयार हो चुके हैं. एक अन्य टेस्ट भी करीब-करीब तैयार हो चुका है. भारत के वरिष्ठ वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर के. विजय राघवन ने इन टेस्ट की जानकारी देते हुए बताया कि देश में 30 ग्रुप हैं जो कोविड-19 की वैक्सीन तैयार करने में जुटे हुए हैं. उन्होंने कहा कि यह बहुत चुनौती भरा प्रॉसेस है.
प्रोफेसर विजय राघवन ने कहा कि दुनिया में तमाम लोग वैक्सीन बनाने का दावा कर रहे हैं लेकिन किसकी दवा कामयाब होगी, कुछ कहा नहीं जा सकता है. उन्होंने बताया कि एक टेस्ट आईआईटी दिल्ली ने और एक चित्रा इंस्टीट्यूट ने तैयार किया है.
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उन्होंने कहा कि वैक्सीन को जांच के लिए स्वस्थ्य लोगों को दिया जाता है. कोई वैक्सीन 10-15 साल में बनती है और इसकी लागत 200 मिलियन डॉलर के करीब होती है.
Logistics of making #COVID19 vaccine accessible to everyone is a big challenge & this is also being discussed: @PrinSciAdvGoI at media briefing#IndiaFightsCorona pic.twitter.com/3PGpswB8AN
— PIB India #StayHome #StaySafe (@PIB_India) May 28, 2020
चूंकि कोरोना का कहर लगातार बढ़ रहा है इसलिए सरकार की कोशिश है कि वैक्सीन को एक साल में ही बनाया जाए. इसलिए देश में एक समय में 100 से ज्यााद वैक्सीन पर काम चल रहा है.
वरिष्ठ वैज्ञानिक सलाहकार ने मीडिया को बताया कि भारत में तीन तरीके से वैक्सीन बनाने की कोशिश की जा रही है. एक तो खुद सरकार टीका तैयार करने में लगी हुई है. दूसरा बाहर की कंपनियों के साथ मिलकर काम किया जा रहा है. तीसरा जो बाहर लोग इस पर काम कर रहे हैं उन्हें सरकार लीड कर रही है.
फिलहाल जेनेटिक मटीरियल टेस्ट आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जा रहा है. टीका बनाने के लिए स्टूडेंट्स का हैकाथॉन किया जा रहा है. इसमें जल्दी दवा बनाने की होड़ होगी. इन तमाम टेस्ट की ICMR द्वारा जांच कराई जाएगी.
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ विज्ञान और तकनीक के माध्यम से ही लड़ाई जीती जाएगी. और वैक्सीन ही इस लड़ाई में हमें जीत दिलाएगी.
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डॉ. वीके पॉल ने कहा कि हमारे देश में सीमित संसाधनों के बाद भी विज्ञान और तकनीक का आधार बहुत मजबूत है. देश की फार्मा इंडस्ट्री को फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड कहा जाता है. भारत में बनाई गई कई दवाएं पूरी दुनिया में जाती हैं और लोगों की जान बचाती हैं.
डॉ. पॉल ने वैज्ञानिकों, स्टार्टअप्स, इंडस्ट्रीज और शिक्षा संस्थानों वैक्सीन की खोज के लिए अपने विचार साझा करते रहने की अपील की.
06:41 PM IST