Christmas 2022: क्रिसमस पर घंटी, केक, मोमबत्ती और मोजे का क्या है महत्व, जानें इस त्योहार की खास परंपराएं
Christmas 2022: क्रिसमस के खास मौके पर जहां पर जश्न मनाया जाता है वहां पर क्रिसमस ट्री को खूब सजाया जाता है, उसमें घंटियां लगाई जाती हैं. तो चलिए जानते हैं इसके पीछे की मान्यता...
Christmas 2022: क्रिसमस पर घंटी, केक, मोमबत्ती और मोजे का क्या है महत्व, जानें इस त्योहार की खास परंपराएं
Christmas 2022: क्रिसमस पर घंटी, केक, मोमबत्ती और मोजे का क्या है महत्व, जानें इस त्योहार की खास परंपराएं
Christmas 2022: क्रिसमस (Christmas) का त्योहार हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है. ये त्योहार ईसाई धर्म का सबसे खास पर्व माना जाता है. ईसाई धर्म के लोग इस मुख्य त्योहार को सभी धर्म के लोग एक साथ मिलकर मनाते हैं. धार्मिक मान्यताओं अनुसार इस दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था. इस दिन लोग क्रिसमस ट्री को सजाते हैं, एक दूसरे को गिफ्ट देते है.क्रिसमस पर केक, घंटी, मोमबत्ती, मोजे सभी का अपना महत्व है. खुशियों के इस त्योहार की कई अनूठी और दिलचस्प परंपराएं हैं.
घंटियां
इस त्योहार पर लोग अपने घर में क्रिसमस ट्री को कई खास वस्तुओं से सजाते हैं. इसमें घंटियां भी शामिल हैं. ईसाई धर्म में मान्यता है घर को घंटियों से सजाने से नकारात्मक ऊर्जा बाहर चली जाती है. परंपरा के अनुसार इसे बजाकर ईसा मसीह के जन्मदिन सेलिब्रेट किया जाता है.
केक
जिस तरह हिन्दू धर्म के त्योहारों में लोग एक दूसरे को मिठाईयां बांटते हैं, उसी तरह क्रिसमस पर केक खाने और बांटने की परंपरा है. इस दिन केक बांटकर लोग एक दूसरे के साथ अपनी खुशियां बांटते हैं. इसके पीछे मान्यता है केक बांटना और खाना तनाव और अवसाद को खत्म करता है.
मोजे
क्रिसमस पर घरों में मोजे लटका कर भी सजावट की जाती है. ईसाई धर्म में इसके पीछे कहानी है कि एक व्यक्ति पैसे के अभाव में अपनी तीन बेटियों की शादी नहीं कर पा रहा था. उस आदमी की तीन बेटियां थी. उसने अपनी तीनों बेटियों को बड़ी मुश्किल से पाल-पोश कर बड़ा किया था, लेकिन अब लाख कोशिशों के बाद भी वो इतना पैसा नहीं जुटा पा रहा था कि अपनी बेटियों की शादी कर सके. कुछ दिनों बाद क्रिसमस का त्योहार आया, इस दिन उस आदमी की तीनों बेटियों ने भगवान से सच्चे मन से प्रार्थना की और वो सोने चली गई.
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सैंट निकोलस ने की उनकी मदद
जब वो भगवान से मदद की प्रार्थना कर और क्रिसमस ट्री को सजाकर सो गई, तो उस रात यानी क्रिसमस डे के दिन सैंट निकोलस ने उनकी मदद की. उसने 25 दिसंबर की सर्द रात में चिमनी से 1 सोने से भरी थैली घर के अंदर डाल दी, जो घर में लटके मोजे के अंदर जाकर गिर गई. अगली सुबह जब वो लड़कियां उठी तो उनकी नजर सोने की थैली से भरे मोजे पर गई, जिससे वो बहुत खुश हो गईं. उन्होंने वो थैली अपनी पिता को दी तो उनकी परेशानी दूर हो गई और अपनी बेटियों की शादी बड़ी धूमधाम से की. तब से क्रिसमस डे के मौके पर घर में मोजे लटकाने की परंपरा चालू हो गई.
दूसरी कहानी
मोजे में सैंटा खूब सारी खुशियां लेकर आता है.इसके साथ ही बच्चों और बड़ों के लिए गिफ्ट्स लेकर आता है. इसके पीछे की वजह ये है कि इन मोजों को आर्थिक तंगी से छुटकारा पाने के लिए धन वृद्धि के लिए भी घर में टांगा जाता है
मोमबत्ती
जिस तरह हिन्दू धर्म में दीपक लगाकर देवी-देवताओं की पूजा होती है, उसी तरह क्रिसमस पर मोमबत्ती जलाकर लोग प्रभु यीशु की प्रार्थना करते हैं. इसके पीछे की मान्यता है कि मोमबत्ती से दुख के अंधकार दूर होते हैं और सुख के प्रकाश फैलता है.रंग बिरंगी मोमबत्तियों का अपना अलग महत्व होता है.
क्रिसमस ट्री
क्रिसमस ट्री के पीछे मान्यता है कि हरा भरा क्रिसमस ट्री खुशहाली लाता है. इसके साथ घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. 25 दिसंबर को लेकर मान्यता है कि ईसा के जन्म की खुशी में स्वर्ग के दूतों ने फर्न के पेड़ों को रोशनियों, फूलों और सितारों से सजा दिया था. उन्हीं की याद में क्रिसमस के दिन क्रिसमस ट्री को सफ़ेद रुई, लाइट, टॉफियों और छोटे-छोटे उपहारों से सजाया जाता है. क्रिसमस ट्री को लाइट और रिबन से सजाया जाता है. वहीं कुछ लोग क्रिसमस ट्री पर घंटी भी बांधते हैं. फेंगशुई के अनुसार घंटी बजने पर इससे निकलने वाली ध्वनि पूरे घर में नई सकारात्मक ऊर्जा लेकर आती है.
05:26 PM IST