Atal Bihari Vajpayee death anniversary: वाजपेयी ने शिक्षा, सड़क के क्षेत्र में लाई थी नई क्रांति; आर्थिक सुधार के उनके 5 बड़े कदम
Atal Bihari Vajpayee death anniversary: देश भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज चौथी पुण्यतिथि है. भारतीय राजनीति में वाजपेयी का एक अलग स्थान है. देश के आर्थिक विकास में उनका योगदान काफी अहम है.
देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज चौथी पुण्यतिथि है.
देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज चौथी पुण्यतिथि है.
Atal Bihari Vajpayee death anniversary: देश भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज चौथी पुण्यतिथि है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra modi) ने दिल्ली में उनके समाधि स्थल 'सदैव अटल' पर जाकर श्रद्धांजलि दी. भारतीय राजनीति में वाजपेयी का एक अलग स्थान है. अपने राजनीतिक विरोधियों के बीच भी उनकी लोकप्रियता जबरदस्त थी. वाजपेयी न केवल लोकप्रिय राजनेता थे, बल्कि आर्थिक विकास को लेकर उनकी सोच भी देश को आगे ले जानी वाली थी. उनकी दूरदर्शी नीतियों के चलते देश के शिक्षा और सड़क के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आया. सर्व शिक्षा अभियान, सड़क का नेटवर्क, निजीकरण या नई टेलिकॉम पॉलिसी, हर बड़े मोर्चे पर अटल बिहारी वाजपेयी की सोच अलग थी. वाजपेयी हमेशा से इस बात के पैरोकार रहे कि बिजनेस में सरकार का रोल कम से कम होनी चाहिए. यही वजह है कि उन्होंने अपनी सरकार में अलग से विनिवेश मंत्रालय (डिसइन्वेस्टमेंट मिनिस्ट्री) का गठन किया. साल 1991 में शुरू हुए आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने का काम वाजयेपी सरकार में हुआ. जानते हैं वाजपेयी के 5 बड़े रिफॉर्म्स के बारे में...
सर्व शिक्षा अभियान
शिक्षा के क्षेत्र में अटल बिहारी वाजयेपी सरकार ने काफी अहम और दूरदर्शी काम किया था. वाजपेयी सरकार ने 2001 में सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत की थी. इस योजना के अंतर्गत 6 से 14 साल के बच्चों को मुफ्त में शिक्षा दी जानी थी. इस योजना के लॉन्च के 4 सालों के अंदर ही स्कूल से बाहर रहने वाले बच्चों की संख्या में 60 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी. सर्व शिक्षा अभियान में आईसीडीएस (ICDS) और आंगनवाड़ी समेत 8 प्रोग्राम शामिल रहे. इसमें केजीबीवीवाई (KGBVY) भी शामिल है.
स्वर्णिम चतुर्भुज और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
वायपेयी सरकार ने रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के क्षेत्र में काफी बड़ा काम किया. उस समय में रोड इंफ्रा को लेकर उनकी सोच और कार्यों का आज देश में सकारात्मक नतीजे दिखाई दे रहे हैं. आज देश में बड़े शहरों को जोड़ने वाले एक्सप्रेसवे की बात हो या गांव-गांव तक पकी सड़क की, ये वाजपेयी सरकार की रोड इंफ्रा प्रोजेक्ट्स की ही देन है. वाजपेयी की स्वर्णिम चतुर्भुज और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ने देश में रोड नेटवर्क की सूरत बदल दी. स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के जरिए उन्होंने चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली और मुंबई को हाईवे नेटवर्क से जोड़ने का काम किया. वहीं, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के जरिए गांवों को पक्की सड़कों के जरिए शहरों से जोड़ा गया.
नई टेलिकॉम पॉलिसी
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अटल बिहारी वाजपेयी सरकार नई टेलिकॉम पॉलिसी के जरिए देश में एक टेलिकॉम रिवॉल्यूशन लेकर आई. नई पॉलिसी के जरिए वाजपेयी सरकार ने टेलिकॉम कंपनियों के लिए एक तय लाइसेंस फीस हटाकर रेवन्यू शेयरिंग की व्यवस्था शुरू की थी. वाजपेयी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय टेलिफोनी में विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL) की मोनोपोली को पूरी तरह खत्म किया था. टेलिकॉम डिस्पुट सेटलमेंट अपीलेट ट्रिब्यूनल की स्थापना की गई.
विनिवेश मंत्रालय
भूतपूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी हमेशा से इस बात के समर्थन में रहे कि बिजनेस में सरकार की रोल कम से कम होनी चाहिए. इसलिए उन्होंने अपनी सरकार में अलग से विनिवेश मंत्रालय (डिसइन्वेस्टमेंट मिनिस्ट्री) बनाया. भूतपूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली पहले विनिवेश मंत्री थे. सबसे अहम फैसला भारत एल्युमीनियम कंपनी (BALCO) और हिंदुस्तान जिंक, इंडिया पेट्रोकेमिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड और VSNL में विनिवेश का था.
राजकोषीय जवाबदेही कानून
सरकारी खर्चों को तर्कसंगत बनाने की दिशा में वाजपेयी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया था. उन्होंने फिस्कल डेफेसिट (राजकोषीय घाटे) को कम करने के लिए राजकोषीय जवाबदेही एक्ट (the Fiscal Responsibility Act) बनाया. इससे पब्लिक सेक्टर सेविंग्स में इजाफा हुआ. यह फाइनेंशियल ईयर 2000 में जीडीपी के -0.8 फीसदी से बढ़कर फाइनेंशियल ईयर 2005 में जीडीपी का 2.3 फीसदी तक पहुंच गया.
09:03 AM IST