Air India को बेचने के बाद इन कंपनियों को भी बेचेगी केंद्र सरकार, शुरू हुआ प्रोसेस
Air India Subsidiary Company: एयर इंडिया को बेचने के बाद अब केंद्र सरकार की इसकी सहायक कंपनियों को भी बेचने का प्लान बना रही है. इसके लिए सरकार की ओर से प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.
Air India Subsidiary Company: एयर इंडिया (Air India) के बाद सरकार ने उससे जुड़ी दो और कंपनियों की बिक्री की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसमें एयर इंडिया से अलग हुई दो कंपनियां एयर इंडिया एयरपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (एआईएएसएल) और एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (एआईईएसएल) शामिल हैं. कंपनी से जुड़े एक अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी है. अधिकारी ने कहा कि निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) ने एआईएएसएल और एआईईएसएल में निवेशकों की दिलचस्पी का पता लगाने के लिए बैठकें और रोड शो शुरू किए हैं. हम जल्द ही इच्छुक बोलीदाताओं से ईओआई आमंत्रित करेंगे.
Tata Group को बेची एयर इंडिया
बता दें कि सरकार ने कर्ज में डूबी एयर इंडिया को पिछले साल अक्टूबर में टाटा ग्रुप (Tata Group) को 18,000 करोड़ रुपए में बेचा था. इस तरह जनवरी में एयर इंडिया पूरी तरह टाटा को सौंप दी गई थी. हालांकि, एयर इंडिया की चार सहायक कंपनियां - एयर इंडिया एयरपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (एआईएएसएल), एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (एआईईएसएल), एलायंस एयर एविएशन लिमिटेड (एएएएल) और होटल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एचसीआई) इस सौदे का हिस्सा नहीं थीं.
इन सहायक कंपनियों का वैल्यूएशन
जानकारी के मुताबिक, लगभग 15,000 करोड़ रुपए मूल्य की इन सहायक कंपनियों और गैर-प्रमुख संपत्तियों को एक एसपीवी- एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) में स्थानांतरित कर दिया गया है.
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सरकार ने तब कहा था कि इन सहायक कंपनियों और गैर-प्रमुख संपत्तियों बाद में बेचा जाएगा. इसी क्रम में दीपम ने एआईएएसएल और एआईईएसएल के निजीकरण के लिए निवेशक बैठकों का आयोजन किया.
एयर इंडिया के लिए टाटा का प्लान
किसी जमाने में भारतीय आसमान में एयर इंडिया का दबदबा था. लेकिन आज उसका मार्केट शेयर 10 फीसदी से भी कम रह गया है. एयर इंडिया अब एक बार फिर टाटा ग्रुप के हाथों में आ चुकी है. टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया का कायापलट करने के लिए एक व्यापक योजना बनाई.
टाटा ग्रुप की ओर से इसे विहान.एआई (Vihaan.AI) नाम दिया गया है. इसके तहत अगले पांच साल में 30 फीसदी मार्केट शेयर हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है. इस प्लान में पांच चीजों पर फोकस किया गया है. इनमें कस्टमर एक्सपीरियंस, मजबूत ऑपरेशंस, इंडस्ट्री-बेस्ट टैलेंट, इंडस्ट्री लीडरशिप और कमर्शियल एफिशियंसी शामिल है.
04:57 PM IST