इस साल भीषण गर्मी का अनुमान, निर्बाध बिजली सप्लाई के लिए सरकार की तैयारी जोरों पर
इस साल भयंकर गर्मी पड़ने का अनुमान है. बिजली की निर्बाध सप्लाई बनाए रखने के लिए सरकार पूरी तरह से तैयार नजर आ रही है. पावर जेनरेशन प्लांट्स को फुल कैपेसिटी के साथ तैयार रहने को कहा गया है.
केंद्रीय मंत्री आर के सिंह ने गुरुवार को कहा कि पारा चढ़ने के साथ बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए बिजलीघरों को पूरी क्षमता के साथ काम करने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठाये जा रहे हैं. मौसम विभाग के लंबे समय तक भीषण गर्मी पड़ने का अनुमान के साथ सरकार ने रखरखाव या अन्य कारणों से बंद सभी बिजलीघरों से जल्द-से-जल्द परिचालन शुरू करने को कहा है. साथ ही विशिष्ट उपयोगकर्ताओं के लिए काम कर रहे बिजलीघरों पर उपलब्ध अतिरिक्त बिजली का उपयोग करने को कहा है.
जून तक कोल भंडारण पर्याप्त रखने के निर्देश
सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि तापीय बिजलीघर के पास जून तक के लिए पर्याप्त कोयला भंडार हो. साथ ही सभी इकाइयों से बिजली बाजारों में अपनी बिना अनुबंध वाली या सरप्लस बिजली की पेशकश करने को कहा है. केंद्रीय बिजली, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री सिंह ने गर्मियों में अधिकतम मांग को बिना किसी बाधा के पूरा करने का भरोसा जताया. उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी पूरी क्षमता जुटा रहे हैं. चाहे वह तापीय हो या फिर पनबिजली अथवा नवीकरणीय ऊर्जा या फिर गैस आधारित संयंत्र. इसलिए मुझे लगता है कि हम मांग को पूरा करेंगे.’’
अप्रैल-जून तक 260GB बिजली की जरूरत होगी
बिजली मंत्रालय ने इस गर्मी (अप्रैल-जून) में 260 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) की अधिकतम बिजली मांग का अनुमान लगाया है, जो पिछले साल सितंबर के रिकॉर्ड 243 गीगावाट से अधिक है. मंत्रालय ने पिछले साल बिजली की अधिकतम मांग 229 गीगावाट होने का अनुमान लगाया था, लेकिन बेमौसम बारिश के कारण सितंबर, 2023 में अबतक की अधिकतम मांग 243 गीगावाट रही थी. इस वर्ष भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने देश में अप्रैल-जून की अवधि के दौरान अत्यधिक गर्मी पड़ने का अनुमान जताया है. इसका सबसे बुरा प्रभाव मध्य और पश्चिमी प्रायद्वीपीय भागों पर पड़ने की आशंका है.
गर्मी में लू चलने की प्रबल आशंक है
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
विभाग ने इसी सप्ताह जताये अनुमान में कहा कि गर्मियों के दौरान मैदानी इलाकों के ज्यादातर हिस्सों में ‘लू’ चलने की आशंका है. एक सवाल के जवाब सिंह ने कहा, ‘‘बिजलीघरों में कोयले का भंडार उपयुक्त स्तर पर है. वर्तमान में हमारे पास (बिजली संयंत्रों में) लगभग 4.5 करोड़ टन का कोयला भंडार है.’’ मंत्री ने कहा कि उन्होंने बिजली आपूर्ति के लिए निर्भर सभी क्षमताओं की समीक्षा की है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं लगभग सभी क्षमताओं को ऑनलाइन करने की कोशिश कर रहा हूं. जो भी बिजलीघर योजनाबद्ध रखरखाव के कारण या अन्य कारण से बंद हैं, हम उन्हें ऑनलाइन लाने की कोशिश कर रहे हैं.’’
पिछले साल बिजली की मांग 9.5% बढ़ी
उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष बिजली की मांग में 9.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई. सिंह ने कहा, ‘‘2013-14 में अधिकतम मांग 130 गीगावाट से 140 गीगावाट थी. आज यह 243 गीगावाट है. यानी यह 80 प्रतिशत बढ़ गई है.’’ उन्होंने यह भी कहा कि देश ने लगभग 200 गीगावाट की क्षमता जोड़ी है. यह क्षमता ज्यादातर नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में है. सिंह ने जारी प्रयासों के बारे में कहा, ‘‘देश में लगातार बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने के लिए हम क्षमता जोड़ रहे हैं.
80GW के थर्मल प्लांट डेवलप हो रहे हैं
हम लगभग 80 गीगावाट तापीय क्षमता स्थापित कर रहे हैं. हमारे पास लगभग 15 गीगावाट पनबिजली क्षमता निर्माणाधीन है. इसके अलावा 103 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता भी निर्माणाधीन है.’’ उन्होंने यह भी कहा कि भारत की अधिकतम बिजली मांग 2032 तक 400 गीगावाट तक पहुंच जाने का अनुमान है. मंत्रालय ने तापीय बिजलीघरों को बिजली उत्पादन के लिए ‘अग्रिम योजना’ बनाने और गर्मी के मौसम के दौरान रखरखाव से बचने का निर्देश दिया है.
हर हाल में बिजली सप्लाई जारी रखने के निर्देश
उल्लेखनीय है कि सिंह ने इससे पहले अधिकारियों के साथ कई बैठकें की और यह सुनिश्चित करने को कहा कि गर्मी के दौरान बिजली कटौती नहीं हो. मंत्रालय ने बिजली संयंत्रों को अपने नियोजित रखरखाव को अप्रैल-जून के बजाय मानसून के मौसम में स्थानांतरित करने का भी निर्देश दिया है. उल्लेखनीय है कि बिजली की अधिकतम मांग 2022-23 में 2,15,888 मेगावाट थी जो 2023-24 में 12.7 प्रतिशत बढ़कर 2,43,271 मेगावाट हो गई.
05:53 PM IST