योगगुरु बाबा रामदेव की बढ़ी मुश्किलें, उत्तराखंड सरकार ने पतंजलि के इन 14 प्रोडक्ट्स पर लगाया बैन
योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि की दिव्य फार्मेसी के 14 दवाओं के प्रोडक्शन पर बैन लगा दिया है. सरकार ने नोटिस जारी की थी लेकिन उस पर जवाब नहीं दिया गया. इसके बाद ये कार्रवाई की गई.
योगगुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी आदेश के बाद बाबा रामदेव ने समाचार पत्रों में विज्ञापन देकर माफी मांगी थी. अब उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दिया है. इस एफिडेविट में उत्तराखंड सरकार ने बताया है कि उन्होंने बाबा रामदेव की कंपनी के खिलाफ ड्रग एंड मैजिक रेमेडीज एक्ट के तहत क्या कार्रवाई की है. हल्फनामे के मुताबिक पंतजलि की दिव्य फार्मेसी के 14 प्रोडक्ट्स पर बैन लगा दिया है.
इन 14 दवाओं के निर्माण पर उत्तराखंड सरकार ने लगाई पाबंदी
उत्तराखंड सरकार द्वार पतंजलि की दिव्य फार्मेसी के जिन प्रोडक्ट्स पर बैन लगाया है, वह हैं-स्वासरी गोल्ड, स्वासरी वटी, ब्रोंकॉम, स्वासरी प्रवाही, स्वासरी अवलेहा, मुक्त वटी एक्स्ट्रा पावर, लिपिडोम, बी.पी.ग्रिट, मधुग्रिट, मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर, लिवामृत एडवांस, लिवोग्रिट, पतंजलि दृष्टि आईड्रॉप, आईग्रिट गोल्ड. उत्तराखंड सरकार ने अपने एफिडेविट में कहा है, ' दिनांक 10 अप्रैल, 2024 को राज्य के प्रमुख समाचार पत्रों के माध्यम से राज्य में संचालित सभी दवाओं की फैक्ट्रीज को ड्रग एंड मैजिक रेमेडीज एक्ट, 1954 के शेड्यूल में उल्लिखित रोगों से संबंधित विज्ञापन जारी न किये जाने के सम्बन्ध में पब्लिक नोटिस जारी किया गया था.'
चेतावनी का कंपनी ने नही किया गया पालन, दर्ज की है एफआईआर
उत्तराखंड सरकार ने अपने एफिडेविट में आगे लिखा, 'डॉ मिथिलेश कुमार राज्य औषिधि लाइसेंसिंग अधिकारी द्वारा उपरोक्त दोनों फर्मों की निम्न औषधियों के बार बार भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित किये जाने पर दी गयी चेतावनी/नोटिस का पालन न किये जाने पर इन दवाइयों के निर्माणाज्ञा निरस्त कर दी गयी है.' एफिडेविट के मुताबिक,'16 अप्रैल, 2024 को जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी,हरिद्वार/ ड्रग इंसपेक्टर, हरिद्वार द्वारा दिव्य फार्मेसी तथा पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा किये जा रहे भामक विज्ञापनों पर एफ0आई0आर0 दर्ज कराते हुए सी0जे0एम0 कोर्ट, हरिद्वार में वाद दायर किया गया. जिसकी पहली सुनवाई 10 मई, 2024 को होगी.
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सु्प्रीम कोर्ट की पीठ ने सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव से सवाल किया कि आपने चिकित्सा की अन्य प्रणालियों को त्यागने के लिए क्यों कहा. इसके जवाब में बाबा रामदेव ने हाथ जोड़कर कहा कि उन्हें इस तरह के सार्वजनिक बयान नहीं देने चाहिए थे और भविष्य में वह अधिक सावधान रहेंगे. उन्होंने कहा, "ऐसा हमसे अति उत्साह में हो गया, आगे से हम नहीं करेंगे." वहीं, आचार्य बालकृष्ण ने भी कहा, हमसे अनजाने में गलती हुई है. आगे से बहुत ध्यान रखेंगे. हम अपनी गलती पर क्षमा मांगते हैं. हम भविष्य में बहुत सावधान रहेंगे.
10:22 PM IST